Annual Status of Education Report 2025: छत्तीसगढ़ में बिगड़ चुके है शिक्षा के हालात!. जोड़-घटाव और गुणा-भाग भी नहीं कर पा रहे माध्यमिक कक्षा के स्टूडेंट्स, पढ़ें ये रिपोर्ट

राज्य में लगभग 55 लाख छात्र हैं और 3 लाख शिक्षक कार्यरत हैं, जिससे औसतन हर स्कूल में 5 से अधिक शिक्षक हैं। सरकार इन शिक्षकों के वेतन पर प्रति वर्ष 18,000 करोड़ रुपये खर्च करती है। फिर भी, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो पा रहा है।

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  • Publish Date - February 5, 2025 / 10:42 PM IST,
    Updated On - February 5, 2025 / 11:25 PM IST

Annual Status of Education Report 2025 || Image- The Week

Annual Status of Education Report 2025: रायपुर: छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा की स्थिति में सुधार के लिए कई प्रयास किए गए हैं, लेकिन हाल ही में जारी ‘एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट’ (ASER) 2025 ने फिर से गंभीर चिंताएँ उत्पन्न की हैं।

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रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में तीसरी कक्षा के 75% बच्चे दूसरी कक्षा का पाठ नहीं पढ़ सकते। पाँचवीं कक्षा के 45% बच्चे भी दूसरी कक्षा का पाठ पढ़ने में सक्षम नहीं हैं। यह स्थिति राज्य को देशभर में 14वें स्थान पर रखती है। इसके अलावा, आठवीं कक्षा के लगभग 25% बच्चे भी दूसरी कक्षा का पाठ नहीं पढ़ सकते।

गणितीय क्षमता में गिरावट

Annual Status of Education Report 2025: गणितीय क्षमता के मामले में भी स्थिति चिंताजनक है। तीसरी कक्षा के 77% बच्चे घटाना नहीं जानते, जबकि सरकारी स्कूलों में यह आंकड़ा 78% से अधिक है। पाँचवीं कक्षा के 77% बच्चे भाग करना नहीं जानते, और आठवीं कक्षा के 66% से अधिक बच्चों को गणित का भाग करने नहीं आता। ASER की अधिकांश पैरामीटर में छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से कम है। हालांकि, कुछ मानकों पर पिछले वर्षों की तुलना में सुधार देखा गया है, लेकिन समग्र स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है।

शिक्षकों की संख्या और बजट

राज्य में लगभग 55 लाख छात्र हैं और 3 लाख शिक्षक कार्यरत हैं, जिससे औसतन हर स्कूल में 5 से अधिक शिक्षक हैं। सरकार इन शिक्षकों के वेतन पर प्रति वर्ष 18,000 करोड़ रुपये खर्च करती है। फिर भी, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो पा रहा है। इन आंकड़ों को देखते हुए, शिक्षा विभाग को तत्काल प्रभाव से सुधारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है। शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार, पाठ्यक्रम में बदलाव, और छात्रों की बुनियादी शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। साथ ही, शिक्षा के क्षेत्र में निवेश बढ़ाकर बुनियादी सुविधाओं में सुधार किया जाना चाहिए।

क्या है ‘एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट’?

Annual Status of Education Report 2025: यह भारत में हर साल राष्ट्रीय स्तर पर घरों में किया जाने वाला एक सर्वेक्षण है जो यह पता लगाता है कि क्या बच्चे विद्यालय में नामांकित हैं और क्या वे सीख रहे हैं। असर 2005 से हर साल आयोजित किया जाता है। यह विशाल वार्षिक कार्य देश भर के नागरिकों को देश के हर ग्रामीण जिले में स्थानीय संगठनों और संस्थानों की भागीदारी के माध्यम से बच्चों की पढ़ने और बुनियादी अंकगणित करने की क्षमता को समझने और ट्रैक करने में संलग्न करता है। यह भारत में नागरिकों के समूहों द्वारा आयोजित बच्चों का सबसे बड़ा घरेलू सर्वेक्षण है, जो 25,000 से अधिक स्वयंसेवकों द्वारा किया जाता है और प्रत्येक वर्ष 15,000 गांवों में 700,000 से अधिक बच्चों को कवर करता है।

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ASER ग्रामीण भारत में 5-16 आयु वर्ग के बच्चों की स्कूली शिक्षा की स्थिति पर रिपोर्ट प्रदान करती है, जिसमें बुनियादी पढ़ने और अंकगणितीय कार्यों को करने की क्षमता भी शामिल है। यह आज भारत में उपलब्ध बच्चों के सीखने के स्तर के बारे में जानकारी का एकमात्र वार्षिक स्रोत भी है। आमतौर पर ‘असर’ सर्वेक्षण में बच्चे के साथ बैठकर उसके साथ पढ़ने की गतिविधि और गणित के आसान सवाल हल करने की प्रक्रिया की जाती है।

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ASER रिपोर्ट क्या है?

ASER (Annual Status of Education Report) एक वार्षिक सर्वेक्षण है जो भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की नामांकन और अधिगम परिणामों की स्थिति का मूल्यांकन करता है।

ASER 2025 रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ की स्थिति क्या है?

ASER 2025 रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में तीसरी कक्षा के 75% बच्चे दूसरी कक्षा का पाठ नहीं पढ़ सकते, और पाँचवीं कक्षा के 45% बच्चे भी ऐसा नहीं कर पा रहे हैं।

गणितीय क्षमता में गिरावट का क्या कारण है?

गणितीय क्षमता में गिरावट के कारणों में अपर्याप्त शिक्षक प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम की जटिलता, और छात्रों की बुनियादी शिक्षा पर ध्यान की कमी शामिल हो सकती है।

शिक्षकों की संख्या और बजट के बावजूद शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार क्यों नहीं हो रहा है?

शिक्षकों की संख्या और बजट पर्याप्त होने के बावजूद, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार न होने के कारणों में शिक्षक प्रशिक्षण की कमी, पाठ्यक्रम की अप्रासंगिकता, और बुनियादी सुविधाओं की कमी शामिल हो सकती है।

शिक्षा विभाग को सुधारात्मक कदम उठाने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए?

शिक्षा विभाग को शिक्षक प्रशिक्षण में सुधार, पाठ्यक्रम में बदलाव, छात्रों की बुनियादी शिक्षा पर विशेष ध्यान, और बुनियादी सुविधाओं में सुधार के लिए निवेश बढ़ाने की आवश्यकता है।