Appeal by Naxal victims: “सरेंडर नहीं, लाल आतंक का सफाया चाहिए” नक्सल पीड़ितों ने राज्यपाल से लगाई गुहार, शांति की बात करने वालों को कह दी ये बड़ी बात

नक्सल पीड़ितों ने राज्यपाल से लगाई गुहार...Appeal by Naxal victims: "No surrender, we want the elimination of red terror" Naxal victims

  • Reported By: Rajesh Raj

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  • Publish Date - May 1, 2025 / 01:44 PM IST,
    Updated On - May 1, 2025 / 01:52 PM IST

Appeal by Naxal victims | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • नक्सली हिंसा पीड़ितों ने राज्यपाल से की मुलाकात,
  • सरेंडर नीति पर जताई आपत्ति,नक्सलियों से वार्ता नहीं, सख्त कार्रवाई चाहिए
  • नक्सल पीड़ितों की सरकार से दो टूक मांग

रायपुर: Appeal by Naxal victims: बस्तर अंचल में नक्सली हिंसा के शिकार हुए दर्जनों पीड़ित मंगलवार को रायपुर पहुंचे और राज्यपाल से मुलाकात कर एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। उन्होंने आग्रह किया कि नक्सलियों के खिलाफ चल रहा सुरक्षा बलों का सख्त अभियान किसी भी हाल में रोका न जाए। पीड़ितों ने सरेंडर और शांति वार्ता की चल रही चर्चाओं को आदिवासी समाज के हितों के खिलाफ बताया और सरकार से ऐसी किसी भी प्रक्रिया को मान्यता न देने की मांग की।

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“सरेंडर के नाम पर फिर न बिछे मौत की बिसात”

Appeal by Naxal victims: नक्सल पीड़ितों का कहना है कि अभियान के बीच जिस तरह सरेंडर और बातचीत की बात की जा रही है, वह उन हजारों परिवारों की पीड़ा और बलिदान का अपमान है, जिन्होंने नक्सली हिंसा में अपने परिजन खोए हैं। उन्होंने पूछा, “आज जो लोग शांति की बातें कर रहे हैं, वे तब कहां थे जब हमारे घर जलाए जा रहे थे, मासूमों को गोलियों से छलनी किया जा रहा था?”

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सरकार से की अपील- ‘सरेंडर नेताओं को न दें मंच’

Appeal by Naxal victims: ज्ञापन में स्पष्ट किया गया है कि सरकार को किसी भी कथित ‘सरेंडर’ करने वाले नक्सली नेता को न तो वार्ता के लिए स्वीकार करना चाहिए और न ही उन्हें जनप्रतिनिधि मानना चाहिए। पीड़ितों ने चेतावनी दी कि यदि ऐसे लोगों को सरकार मान्यता देती है, तो यह न केवल पीड़ितों के साथ विश्वासघात होगा, बल्कि नक्सली हिंसा को वैधता देने जैसा होगा।

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नक्सल पीड़ितों की पीड़ा, शासन तक पहुंची आवाज

Appeal by Naxal victims: राज्यपाल से मुलाकात के दौरान कई पीड़ित भावुक हो गए। उन्होंने बताया कि कैसे नक्सलियों ने उनके परिवार उजाड़ दिए, बच्चों को अनाथ कर दिया और गांवों में खौफ फैला रखा है। उन्होंने कहा कि अब जब सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाला है और नक्सलवाद पीछे हट रहा है, तो अभियान को कमजोर करने की साजिशें की जा रही हैं।

पीड़ित राज्यपाल से क्यों मिले?

वे सरेंडर और शांति वार्ता नीति का विरोध करने और सुरक्षाबलों के अभियान को जारी रखने की मांग लेकर राज्यपाल से मिले।

पीड़ितों की मुख्य मांग क्या है?

कि किसी भी नक्सली को सरेंडर के नाम पर मंच या मान्यता न दी जाए, और अभियान बिना किसी बाधा के जारी रहे।

क्या पीड़ितों ने सरकार को कोई चेतावनी दी है?

हां, उन्होंने कहा कि यदि सरकार सरेंडर नेताओं को मान्यता देती है, तो यह न्याय के साथ विश्वासघात होगा।

पीड़ित कौन से क्षेत्रों से आए थे?

ये पीड़ित मुख्यतः बस्तर अंचल से हैं, जो नक्सली हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है।

राज्यपाल का क्या रुख रहा?

राज्यपाल ने पीड़ितों की बात ध्यान से सुनी और उन्हें उचित मंच पर उठाने का आश्वासन दिया।