Bijli Bill Price: लग सकता है महंगी बिजली बिल का झटका, छत्तीसगढ़ में 20% बढ़ोतरी की तैयारी, 5000 करोड़ के घाटे में बिजली कंपनी

लग सकता है महंगी बिजली बिल का झटका, छत्तीसगढ़ में 20% बढ़ोतरी की तैयारी...Bijli Bill Price: You may get a shock of expensive electricity bill

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Reported By: Star Jain

Modified Date: June 19, 2025 / 03:53 PM IST
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Published Date: June 19, 2025 3:53 pm IST
Bijli Bill Price: लग सकता है महंगी बिजली बिल का झटका, छत्तीसगढ़ में 20% बढ़ोतरी की तैयारी, 5000 करोड़ के घाटे में बिजली कंपनी
HIGHLIGHTS
  • रायपुर- छत्तीसगढ़ में बिजली की नई दरें जल्द जारी,
  • लगभग 20% बढ़ोतरी की मांग,
  • कंपनी लगभग 5000 करोड़ रुपए के घाटे में,

रायपुर : Bijli Bill Price:  छत्तीसगढ़ में बिजली की नई दरें जल्द ही जारी कर दी जाएगी । बिजली की दर तय करने के लिए छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग जनसुनवाई कर रहा है । छत्तीसगढ़ में बिजली वितरण कंपनी ने खुद को लगभग 5000 करोड़ रुपए के घाटे में बताकर इस साल बिजली की दरों में लगभग 20 प्रतिशत की बढ़ाने की मांग की है ।

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Bijli Bill Price:  अगर नियामक आयोग बिजली की दरों में बढ़ोतरी करता है तो ये नई सरकार में पहली बार होगा जब बिजली की दर बढ़ेगी । इससे पहले कांग्रेस सरकार में दो बार बिजली के दामों में बढ़ोतरी की गई है । बिजली की दर में बढ़ोतरी की आशंकाओ के बीच इसका विरोध भी शुरु हो गया है। छत्तीसगढ़ में बिजली वितरण कंपनी ने खुद को 4947 करोड़ रुपए के घाटे में बताकर इस साल बिजली दर लगभग 20 प्रतिशत बढ़ाने की मांग की थी। हालांकि नई दरों का निर्धारण नियामक आयोग पर छोड़ दिया था।

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Bijli Bill Price:  जानकारी के मुताबिक CSPDCL के मुताबिक इस साल उसे बिजली आपूर्ति के लिए 23 हज़ार 450 करोड़ रुपए के राजस्व की ज़रूरत होगी जबकि उसे मौजूदा विद्युत दर से क़रीब 24 हज़ार 6 सौ 54 करोड़ रुपए राजस्व मिलने का अनुमान है। यानि इस साल CSPDCL को क़रीब 1204 करोड़ रुपए के राजस्व का शुद्ध लाभ होने वाला है। हालांकि पिछले सालों के लगभग 6150 करोड़ रुपए के नुकसान को समाहित करने के बाद बिजली विकरण कंपनी लगभग 4947 करोड़ रुपए के घाटे में रहेगी। इन सबको ध्यान में रखते हुए बिजली कंपनी ने नियामक आयोग को दिए प्रस्ताव में सभी श्रेणियों में युक्तिसंगत बिजली दरों में बढ़ोतरी की आवश्यक्ता बताई है।

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Bijli Bill Price:  बिजली की दर तय करने के लिए नियामक आयोग ने जनसुनवाई शुरु कर दी है । जनसुनवाई में बिजली की दरों में संभावित वृद्धी को लेकर विरोध भी शुरु हो गया है । कृषि से लेकर घरेलू उपभोक्ताओं ने बिजली दर नहीं बढ़ाने की मांग की है । उधर कांग्रेस पार्टी ने भी संभावित वृ्द्धी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है । पिछले 4 सालों में दो बार बिजली की दर में बढ़ोतरी हुई है । कोरोना के बाद 21-22 में बिजली की दर में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। 22-23 में 2.50 प्रतिशत, 23-24 में कोई बड़ोतरी नहीं हुई। 24-25 में 4.88 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। मतलब चार सालों में लगभग 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है । उस लिहाज से 21-22 में 200 यूनिट की खपत पर बिजली का बिल 800 रुपए आता था। जो 24-25 में 860 रुपए हो गया है । इस लिहाज से इस बार भी अगर बिजली की दर बढ़ती है तो ये जनता की जेब पर भारी पड़ेगी ।

छत्तीसगढ़ में बिजली दरों में कितनी बढ़ोतरी हो सकती है?

बिजली वितरण कंपनी ने लगभग 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की मांग की है, जिसे विद्युत नियामक आयोग द्वारा तय किया जाएगा।

बिजली दरों में बढ़ोतरी क्यों जरूरी बताई जा रही है?

कंपनी ने पिछले वर्षों के घाटे और बिजली आपूर्ति की लागत बढ़ने के कारण दरों में बढ़ोतरी की आवश्यकता बताई है।

क्या बिजली दरों में बढ़ोतरी सभी उपभोक्ताओं पर लागू होगी?

आयोग द्वारा तय नई दरें सभी उपभोक्ता श्रेणियों पर लागू हो सकती हैं, जिसमें कृषि, घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ता शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ में पहले कितनी बार बिजली की दरें बढ़ाई गई हैं?

पिछले चार वर्षों में दो बार बिजली दरों में बढ़ोतरी हुई है, जिसमें कुल लगभग 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

उपभोक्ताओं ने बिजली दरों में वृद्धि के बारे में क्या प्रतिक्रिया दी है?

कई उपभोक्ताओं और राजनीतिक दलों ने बिजली दरों में वृद्धि का विरोध किया है और सरकार से इसे रोकने की मांग की है।