CG Ki Baat: रायपुर। रायपुर में संघ के पदाधिकारियों के साथ बीजेपी सरकार और पार्टी के कुछ नेताओं ने बंद कमरे में तकरीबन 5 घंटे तक चर्चा की है। संघ-संगठन और सरकार ये जब-जब भी मिले, तीन बातें पक्की हैं। पहली गोपनीय मुलाकात, दूसरा संगठन-सरकार में तालमेल की बात और तीसरा- चुनावी बिसात, तो इस बार भी क्या संघ के साथ मीटिंग में बस यही हुआ? क्या सरकार के कुछ चुनिंदा मंत्रियों को तलब करने की कोई खास वजह है, क्या कोई सीक्रेट प्लान, कोई कड़ा फीडबैक शेयर किया गया? विपक्ष कहता है संघ मीटिंग में मंत्रियों को डिवाइड एंड रूल सिखा रहा है।
राजधानी रायपुर के रोहणीपुरम सरस्वती शिक्षण संस्थान में बुधवार को सत्ता, संगठन और RSS के अनुषांगिक संगठन के पदाधिकारियों का जमावड़ा रहा। राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश की मौजूदगी में हुई बैठक में छत्तीसगढ़ सरकार में डिप्टी CM और गृहमंत्री विजय शर्मा, कैबिनेट मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, मंत्री टंकराम वर्मा, मंत्री ओपी चौधरी, मंत्री केदार कश्यप भी शामिल हुए। भाजपा संगठन से प्रदेश अध्यक्ष किरण देव, उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय समेत चुनिंदा पदाधिकारी मौजूद रहे। पांच घंटे चली बैठक पूरी तरह गोपनीय रही जिसमें मीडिया समेत किसी भी बाहरी व्यक्ति क़ो प्रवेश नहीं दिया गया।
विश्वसनीय सूत्रों बताते हैं कि, बैठक में प्रमुख तौर पर, सत्ता-संगठन में बेहतर तालमेल की हिदायत मिली है। प्रदेश में धार्मिक मामलों से बिगड़ती क़ानून व्यवस्था पर संघ के राष्ट्रीय नेताओं नाराजगी जताते हुए इन घटनाओं पर लगाम कसने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा बीजेपी के सदस्यता अभियान, केंद्र-राज्य सरकार की योजनाओं को जन-जन पहुंचाने, निगम-मंडल नियुक्ति, आगामी उपचुनाव, निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक के बाद सभी मंत्री मीडिया से चर्चा करने से बचते नजर आए। केवल इतना कहा गया कि, बैठक में संगठनात्मक विषयों पर बात हुई है।
इधर, RSS की इस गोपनीय बैठक पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी, पूर्व मंत्री शिव डहरिया का आरोप है कि RSS की बैठक में मंत्री डिवाइड एंड रूल सीख रहे हैं। धर्म और जाति पर कैसे लड़ाई कराई जाए इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है। आरोप पर बीजेपी के सीनियर सांसद भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने करार पलटवार किया। अग्रवाल ने राहुल गांधी के अमेरिका में दिए देशविरोधी बयान और बलौदाबाजार आगजनी साजिश मामले में देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी पर तंज कसा।
आरोप-प्रत्यारोप से इतर., इस गोपनीय बैठक में हुआ क्या ये सबकी जिज्ञासा है। वैसे भी बीजेपी संगठन और सरकार को अक्सर संघ का सपोर्ट, फीड़बैक और हिदायतें मिलते रहना आम है। प्रदेश में बीजेपी सरकार के दौरान लॉ-एंड-आर्डर पर विपक्ष के वार हों या आगामी निकाय और पंचायत चुनाव, दोनों के लिए सत्ता-संगठन में कसावट, तालमेल बेहद जरूरी है। सवाल ये है कि, क्या वाकई कुछ घटनाओं में सरकार को लेकर बनते माहौल पर संघ से फटकार मिली है ?