CG Ki Baat
CG Ki Baat: रायपुर। सियासत में कुछ किरदार अपनी जुबान, अपनी शैली, अपने अंदाज के चलते अक्सर सुर्खियां बना लेते हैं। ऐसे ही हैं बस्तर से आने वाली सीनियर कांग्रेसी विधायक कवासी लखमा, जिन्होंने अबकी बार राम मंदिर को लेकर बीजेपी को घेरते-घेरते, बहस का नया मोर्चा खोल दिया है। लखमा में बीजेपी को राम मंदिर, संसद से लेकर पुल-पुलियों यानि इंफ्रास्ट्क्चर तक पर बयान दिया। लखमा के बयान पर खुद सीएम विष्णदेव साय और उनकी कैबिनेट के मंत्रियों की प्रतिक्रिया सामने आई। हैरान करने वाली बात ये कि जिस राम मंदिर को लेकर श्रेय की होड़ रहती है उसके निर्माण में धांधली के आरोप लगाते हुए लखमा ने इसे बीजेपी का पाप तक बता दिया। जवाब में लखमा को नॉन सीरियस नेता बताते हुए तगड़ा पलटवार भी हुआ।
तो बात पाप-पुण्य और शाप तक पहुंच गई। इन चेहरों से तो आप भली-भांति परिचित हैं। कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे खांटी आदिवासी नेता कवासी लखमा ने केंद्र से लेकर प्रदेश बीजेपी सरकार पर जमकर प्रहार किया। राम मंदिर से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर के मुद्दे पर सरकारों को जमकर घेरा लखमा ने कहा कि संसद से लेकर राम मंदिर तक पानी टपक रहा, क्योंकि सुकमा से लेकर दिल्ली तक घोटाले की सरकार है, भगवान भरोसे सरकार चल रही है। लखमा यहां तक बोल गए कि राम मंदिर का निमंत्रण ठुकरा कर राहुल गांधी ने सही किया, अच्छा हुआ कि वो बीजेपी के पाप के भागीदारी नहीं बने।
लखमा के वार पर साय सरकार की ओर से भी जमकर पलटवार किया गया। साय कैबिनेट में मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने लखमा को घेरते हुए कहा कि कवासी लखमा के बातों को कोई गंभीरता से नहीं लेता, तंज कसा कि राहुल गांधी, कांग्रेस की हिंदू धर्म में आस्था ही नहीं है तो सोच ही भगवान राम विरोधी है। लखमा के बयान पर राज्य के मुख्यमंत्री ने भी कांग्रेस को आईना दिखाने का काम किया है।
वैसे राम के नाम पर सियासी घमासान नया नहीं है। बीजेपी लगातार कांग्रेस को राम विरोधी होने के आरोप में घेरती रही है…लेकिन अब लखमा ने केंद्र और राज्य में बीजेपी सरकार को पुल-पुलिया के बहाने इंफ्रास्ट्रक्चर पर घेरने का प्रयास किया है। जो कांग्रेस खुद अपने पिछले कार्यकाल में एक ईंट तक नहीं लगवाई जैसे आरोप झेलती रही, उसका बीजेपी सरकारों पर ये आरोप लगाना जायज है?