CG Minister Laxmi Rajwade News: विधानसभा सत्र की शुरुआत से पहले मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े एक्शन मोड पर, आंगनबाड़ियों में घटिया सामान सप्लाई करने वाली एजेंसियां ब्लैक लिस्टेड

CG Minister Laxmi Rajwade News: विधानसभा सत्र की शुरुआत से पहले मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े एक्शन मोड पर, आंगनबाड़ियों में घटिया सामान सप्लाई करने वाली एजेंसियां ब्लैक लिस्टेड

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  • Publish Date - July 12, 2025 / 04:21 PM IST,
    Updated On - July 12, 2025 / 04:21 PM IST

Chhattisgarh News / Image Source: File

HIGHLIGHTS
  • छह सप्लायर एजेंसियां ब्लैकलिस्ट
  • जांच समिति गठित
  • भुगतान केवल गुणवत्ता परिक्षण के बाद

रायपुर: CG Minister Laxmi Rajwade News आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों और महिलाओं के लिए भेजी गई सामग्रियों की गुणवत्ता पर उठे सवालों पर महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने त्वरित और सख्त रुख अपनाया। मंत्री राजवाड़े के निर्देश पर राज्य स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया। जिसमें संयुक्त संचालक (वित्त), सीएसआईडीसी और जीईसी रायपुर के तकनीकी प्रतिनिधि, संबंधित जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारी, सहायक संचालक (आईसीडीएस) और दो तकनीकी निरीक्षण एजेंसियों SGS इंडिया और IRCLASS सिस्टम्स के विशेषज्ञ शामिल थे। समिति ने सभी जिलों में सामग्री की गुणवत्ता का भौतिक परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट संचालनालय को सौंप दिया।

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CG Minister Laxmi Rajwade News रिपोर्ट के आधार पर दोषी प्रदायकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए छह सप्लायरों मेसर्स नमो इंटरप्राईजेस, मेसर्स आयुष मेटल, मेसर्स अर्बन सप्लायर्स, मेसर्स मनीधारी सेल्स, मेसर्स ओरिएंटल सेल्स, मेसर्स और सोनचिरिया कॉर्पाेरेशन एजेंसियों को जेम पोर्टल से ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है, भविष्य में ये एजेंसिया किसी भी प्रकार की सामग्रियों की शासकीय सप्लाई भी नही कर पाएगी। विभाग द्वारा इन सभी से घटिया सामग्रियों को वापस मंगाकर मानकों के अनुरूप सामग्री की आपूर्ति कराई गई है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत यह कार्रवाई राज्य सरकार की दृढ़ प्रशासनिक इच्छाशक्ति और पारदर्शिता का स्पष्ट प्रमाण है। मुख्यमंत्री स्वयं बार-बार यह दोहरा चुके हैं कि बच्चों, महिलाओं और गरीबों के हितों से कोई समझौता नहीं होगा। महिला एवं बाल विकास विभाग ने स्पष्ट किया है कि वर्ष 2024-25 में कुल 23.44 करोड़ रुपये की सामग्री जेम पोर्टल के माध्यम से खरीदी गई थी। कुछ मीडिया रिपोर्टों में इसे 40 करोड़ रुपये बताया जा रहा है, जिसे विभाग ने एक सिरे से खारिज कर दिया है। विभाग ने बताया कि पूरी क्रय प्रक्रिया पारदर्शी रही और सभी सामग्रियों की सप्लाई से पहले और सप्लाई के बाद गुणवत्ता जांच कराई गई।

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राज्य स्तरीय जांच समिति द्वारा रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जशपुर, सरगुजा और जांजगीर-चांपा जिलों में जाकर प्रदाय की गई सामग्रियों का गहन निरीक्षण किया गया। समिति की रिपोर्ट में सामने आया कि कुछ टेबल स्थानों पर असेंबल नहीं हुए थे, जिन्हें बाद में सही कराया गया। अनाज कोठी भारतीय मानक (BIS) के अनुरूप नहीं मिलने पर मेसर्स नमो इंटरप्राइजेस और आयुष मेटल से सामग्री बदली गई और दोनों को जेम से प्रतिबंधित किया गया। स्टील ट्रे की साइज और वजन में भिन्नता पर मेसर्स अर्बन सप्लायर्स, मनीधारी सेल्स व ओरिएंटल सेल्स से रिप्लेसमेंट कराया गया। तवा की गुणवत्ता कम मिलने पर मेसर्स सोनचिरैया कॉर्पाेरेशन को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। कढ़ाई हल्की वजन भिन्नता को छोड़कर अधिकांश मापदंडों पर ठीक पाई गई। अन्य सामग्रियां जैसे अलमारी, कुकर, चम्मच व गिलास अधिकतर स्थानों पर मानकों के अनुरूप पाई गईं।

महिला एवं बाल विकास विभाग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी खराब सामग्री के लिए ऐजेंसियों को कोई भुगतान नहीं किया गया है। विभाग की नीति के तहत भुगतान केवल गुणवत्ता परीक्षण के बाद ही होता है, जिससे प्रदायकर्ताओं की मनमानी की कोई गुंजाइश नहीं रहती। सभी दोषपूर्ण सामग्रियों को वापस लेकर मानक सामग्री दी जा चुकी है। मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने इस पूरे मामले पर कहा, “बच्चों और महिलाओं से जुड़ी सेवाओं में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। हमने तत्परता और पारदर्शिता के साथ जांच पूरी कर दोषियों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई की है। हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है कि आंगनबाड़ी केन्द्रों तक केवल सुरक्षित, मजबूत और गुणवत्तापूर्ण सामग्री ही पहुंचे।”

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आंगनबाड़ी केंद्रों में घटिया सामग्री सप्लाई करने वाली एजेंसियों को क्या सजा मिली?

घटिया सामग्री सप्लाई करने वाली 6 एजेंसियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है और भविष्य में उन्हें किसी भी सरकारी सप्लाई का काम नहीं मिलेगा।

क्या सभी खराब सामग्रियों को बदला गया है?

जी हां, दोषपूर्ण सामग्रियों को वापस मंगाकर मानकों के अनुरूप सामग्री की नई सप्लाई सुनिश्चित की गई है।

क्या इन एजेंसियों को भुगतान कर दिया गया था?

नहीं, विभाग ने बताया कि गुणवत्ता परीक्षण के बाद ही भुगतान किया जाता है, और खराब सामग्री के लिए कोई भुगतान नहीं हुआ।

किन जिलों में सामग्री की जांच की गई?

रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जशपुर, सरगुजा और जांजगीर-चांपा जिलों में जांच समिति द्वारा सामग्री का निरीक्षण किया गया।

"आंगनबाड़ी सामग्री गुणवत्ता" को लेकर विभाग की अगली योजना क्या है?

विभाग ने कहा है कि हर सामग्री की सप्लाई से पहले और बाद में गुणवत्ता जांच अनिवार्य रूप से की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की गड़बड़ी दोबारा न हो।