CM Bhupesh Baghel News
universal health care: रायपुर। प्रदेशवासियों को सार्वभौमिक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए उप स्वास्थ्य केंद्र हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) नियुक्त किए गए हैं। इन केंद्रों में प्रसव पूर्व देखभाल व प्रसव, नवजात शिशु स्वास्थ्य एवं टीकाकरण, परिवार नियोजन एवं प्रजनन स्वास्थ्य, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं संचारी रोग व गैर-संचारी रोग स्क्रीनिंग एवं प्रबंधन, मानसिक स्वास्थ्य स्क्रीनिंग एवं प्रबंधन, सामान्य रोगों के लिए बाह्य रोगी देखभाल एवं प्रबंधन, आंख-नाक-कान-गला संबंधी सामान्य देखभाल, मुख स्वास्थ्य संबंधी देखभाल, वयोवृद्ध स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं तथा आपातकालीन चिकित्सा सुविधा जैसी 12 तरह की स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं। लोगों को सेहत के प्रति जागरूक करने इन केंद्रों के माध्यम से योग एवं वेलनेस की गतिविधियां भी संचालित की जा रही हैं।
उप मुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि छत्तीसगढ़ यूनिवर्सल हेल्थ केयर की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है। यहां के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स, हमर लैब और हमर क्लिनिक अच्छा काम कर रहे हैं। इनसे लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं। उन्होंने डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना, मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना जैसी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इन योजनाओं से लोगों को निःशुल्क चिकित्सा परामर्श, जांच, उपचार और दवाईयां मिल रही हैं। सिंहदेव ने कहा कि प्रदेशवासियों को अच्छी चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग का बज़ट लगातार बढ़ाया जा रहा है। आयुष्मान योजना में राज्य शासन का हिस्सा 80 प्रतिशत के करीब पहुंच रहा है। चालू वित्तीय वर्ष के शुरूआती छह महीनों (अप्रैल से सितम्बर) में ही प्रदेशवासियों को 900 करोड़ रुपए का निःशुल्क इलाज उपलब्ध कराया जा चुका है।
उप मुख्यमंत्री सिंहदेव ने बैठक में कहा कि शासकीय अस्पतालों पर लोगों का भरोसा और मरीजों की संख्या बढ़ रही है। पिछले पांच वर्षों में प्रदेश ने मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में अच्छी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अमले की सराहना करते हुए कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के कठिन हालातों के बीच भी विभाग ने लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की हैं। स्वास्थ्य अमले ने सुनियोजित और त्वरित कार्य कर कोरोना का प्रभावी नियंत्रण, प्रबंधन और रोकथाम किया।
सिंहदेव ने बैठक में अस्पतालों के लिए अलग-अलग मदों से खरीदे जाने वाले मेडिकल उपकरणों की खरीदी को युक्तियुक्तपूर्ण बनाने को कहा, ताकि शासकीय अस्पतालों के बीच जरूरी उपकरणों और मशीनों का वितरण समुचित ढंग से हो सके। उन्होंने डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत अस्पतालों के क्लेम की राशि के भुगतान में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कोरोना के संदिग्ध मरीजों के शत-प्रतिशत सैंपल की जांच आरटीपीसीआर विधि से ही करने को कहा। सिंहदेव ने सभी जिलों को आगामी तीन महीने का लक्ष्य निर्धारित कर काम करने को कहा। उन्होंने सभी व्यवस्थाओं और प्रगतिरत कार्यों की हर तीन महीने में समीक्षा के भी निर्देश दिए।
सिंहदेव ने बैठक में राष्ट्रीय वेक्टरजनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स द्वारा प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सेवाओं, मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, संस्थागत प्रसव, बाल स्वास्थ्य, नियमित टीकाकरण, मातृत्व स्वास्थ्य, सिकलसेल स्क्रीनिंग, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम, राष्ट्रीय कुष्ठ नियंत्रण कार्यक्रम, कॉम्प्रिहेन्सिव प्रायमरी हेल्थ केयर, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना, हमर लैब, आयुष्मान भारत, छत्तीसगढ़ एड्स नियंत्रण समिति, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन (CGMSC) और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यों की समीक्षा की।
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universal health care: हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स में 30 साल से अधिक उम्र के लोगों के रक्तचाप, डायबिटीज व कैंसर जैसी बीमारियों की निःशुल्क जांच भी की जाती है। इनके मरीजों को जरूरत के अनुसार निःशुल्क दवा और परामर्श भी दिया जाता है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स में उपचार के साथ-साथ लोगों को स्वस्थ जीवन-शैली के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इन सेंटर्स में गांव में ही इलाज मिलने से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भीड़ कम हुई है।
इससे मरीजों को इलाज के लिए ज्यादा दूरी भी तय नहीं करनी पड़ रही है। किसी व्यक्ति में गंभीर बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर उसे समय रहते जानकारी दे दी जाती है जिससे वह समय पर अपना इलाज करा सके। स्वास्थ्य विभाग जरूरत की सभी दवाईयां हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स पर उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रहा है ताकि प्राथमिक व नियमित तौर पर चलने वाला उपचार गांव में ही संभव हो सके।