Vishnu Deo Sai Tweet on shibu soren || Image- IBC24 News File
Vishnu Deo Sai Tweet on shibu soren: रायपुर: झामुमो संस्थापक शिबू सोरेन का सोमवार को निधन हो गया। उनके बेटे और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह जानकारी दी। 81 वर्षीय शिबू सोरेन किडनी संबंधी समस्याओं के कारण एक महीने से अधिक समय से दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में इलाज करा रहे थे।
पड़ोसी राज्य झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री के निधन पर छत्तीगसढ़ के मुखिया विष्णु देव साय ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उन्हों एक पोस्ट में लिखा, “झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिबू सोरेन जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है। मैं उनके निधन पर गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। जनजातीय समुदाय के उत्थान और झारखंड के विकास में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति दें। ॐ शांति!”
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिबू सोरेन जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है।
मैं उनके निधन पर गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।
जनजातीय समुदाय के उत्थान और झारखंड के विकास में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिजनों…
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) August 4, 2025
हेमंत सोरेन ने एक्स पर पोस्ट किया, “आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सबको छोड़कर चले गए हैं… मैं आज शून्य हो गया हूं।” बता दें कि, शिबू सोरेन लंबे समय से नियमित रूप से अस्पताल में इलाज करा रहे थे। हेमंत सोरेन ने 24 जून को कहा था, “उन्हें हाल ही में यहां भर्ती कराया गया था, इसलिए हम उन्हें देखने आए थे। उनके स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों की फिलहाल जांच की जा रही है।” शिबू सोरेन पिछले 38 वर्षों से झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता रहे हैं और उन्हें पार्टी के संस्थापक संरक्षक के रूप में मान्यता प्राप्त है।
आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं।
आज मैं शून्य हो गया हूँ…
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) August 4, 2025
Vishnu Deo Sai Tweet on shibu soren: शिबू सोरेन वर्तमान में राज्यसभा के सदस्य और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता थे। सोरेन 1980 से 1984, 1989 से 1998 और 2002 से 2019 तक दुमका से लोकसभा के सांसद भी रहें। मनमोहन सिंह की सरकार में शिबू सोरेन कोयला मंत्री बनें लेकिन चिरूडीह कांड मामले में वारंट जारी होने पर उन्हे मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। यह 30 साल पुराने चिरूडीह कांड में 11 लोगों की हत्या से जुड़ा मामला था।
शिबू सोरेन को 24 जुलाई 2004 को केन्द्रीय मंत्रीमंडल से इस्तीफ़ा देना पड़ा था। हालांकि जमानत पर रिहा होने के बाद, केंद्रीय मंत्रिमंडल में फिर से शामिल किया गया। वे पहली बार 2005 में 10 दिनों के लिए (2 मार्च से 12 मार्च तक) मुख्यमंत्री रहें। 2005 में विधानसभा चुनावों के बाद विवादस्पद तरीक़े से झारखंड के सीएम बने। विधानसभा में बहुमत नहीं मिलने के कारण उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। फिर 2008 से 2009 तक और फिर 2009 से 2010 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहें। पिछले कुछ समय से वह सक्रिय राजनीती से दूर थे। वह अक्सर बीमार भी रहते थे।