कोरबा कलेक्टर रहे राजपाल सिंह त्यागी ने भी बदला पाला, कांग्रेस ने नहीं दिया था इस सीट से टिकट, क्या अब BJP देगी मौक़ा?

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  • Publish Date - June 1, 2023 / 03:07 PM IST,
    Updated On - June 1, 2023 / 03:13 PM IST

रायपुर: आज छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ा दिन था। भाजपा ने चार ऐसे लोगो को पार्टी में शामिल करने में कामयाबी पाई जो अपने क्षेत्र में मशहूर रहे। इनमे अधिकारी भी हैं, अभिनेता भी और कलाकार भी। प्रदेश भाजपा प्रभारी ओम माथुर की मौजूदगी में भगवा दल का दामन थामने वालों में अभिनेता अनुज शर्मा, पंथी कलाकार डॉ राधेश्याम बारले और पूर्व भाप्रसे अफसर द्वय नीलकंठ टेकाम और राजपाल सिंह त्यागी सहित करीब 300 से ज्यादा कलाकार, समाजसेवी शामिल हैं। (Ex IAS Rajpal Singh Tyagi joined BJP) हालाँकि नीलकंठ टेकाम के प्रवेश पर पेंच फंस गया हैं। उनके वीआरएस को सरकार की स्वीकृति नहीं मिल पाई हैं। लिहाजा उनके पार्टी प्रवेश में देर हो सकती हैं।

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गौरतलब हैं की अनुज शर्मा, नीलकंठ टेकाम और डॉ बारले ने पहली बार सियासत में कदम रखा हैं लेकिन राजपाल सिंह त्यागी का नाम चौंकाने वाला हैं। वे पूर्व कांग्रेसी रहे है। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर लिया था। प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर उनका कामकाज अच्छा माना जाता था, वे कसे हुए अफसर थे लिहाजा उन्होंने तत्कालीन डॉ रमन सिंह के कार्यकाल में सेवानिवृत्ति के बाद अपनी सेवाएं दी थी लेकिन पिछले विधानसभा क्षेत्र से ठीक पहले उन्होंने कांग्रेस प्रवेश करके सबको चौंका दिया था।

राजपाल सिंह त्यागी ने अपने अंतिम कार्यकाल में कोरबा और जांजगीर जिले में कलेक्टर के तौर पर अपनी सेवाएं दी। राजपाल सिंह त्यागी ने कोरबा में फरवरी 2010 से जून 2012 तक अपनी सेवाएं दी। इस दौरान तत्कालीन गृहमंत्री और मौजूदा रामपुर विधायक ननकीराम कंवर से उनकी अनबन भी चर्चाओं में रही। (Ex IAS Rajpal Singh Tyagi joined BJP) यही वजह थी की उनका तबादला भी कर दिया गया था। कलेक्टर रहते उन्होंने कोरबा के कई इलाको में बुनियादी काम करायें। राजपाल सिंह त्यागी की सियासी महत्वकांक्षा भी ही इसी दौरान देखने को मिली।

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2018 में जब आरपीएस त्यागी ने विधिवत रूप से कांग्रेस प्रवेश किया था.

पिछले चुनाव यानि 2018 में उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। राजीव भवन में खुद तब के पीसीसी अध्यक्ष और मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तत्कालीन पीसीसी प्रभारी पीएल पुनिया की मौजूदगी में कांग्रेस प्रवेश कराया था। इसके बाद से ही त्यागी ने बतौर कांग्रेस नेता कई दफे कोरबा जिले का दौरा भी किया था। इस दौरे के सियासी मायने निकाले गए थे। बताया जाता हैं की राजपाल सिंह त्यागी कोरबा के कटघोरा विधानसभा सीट से टिकट चाहते थे। इसकी चर्चा भी जोर शोर से थी, लेकिन क्षेत्र के दिग्गज नेता और छत्तीसगढ़ के गांधी कहे जानें वाले बोधराम कंवर के सामने यह संभव नहीं हो पाया और कांग्रेस ने त्यागी की जगह बोधराम कंवर के बेटे पुरषोत्तम को कटघोरा से अपना उम्मीदवार बना दिया।

इसके बाद से राजपाल सिंह त्यागी की सियासी गतिविधियां भी धीमी पड़ने लगी। चुनाव के बाद भी राजपाल सिंह त्यागी की नई सरकार में कोई पूछ परख नहीं हुई। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे की त्यागी कभी भी भाजपा का हाथ थाम सकते हैं और आज ये कयास भी सही साबित हुए। तो क्या त्यागी अब भाजपा से किसी तरह की उम्मीद लगाए हुए हैं? क्या भाजपा उनकी पुरानी मनोकामना पूरी करेगी और क्या उन्हें कटघोरा या फिर किसी और सीट से टिकट देगी? यह सब आने वाला वक़्त ही बताएगा और राजपाल सिंह त्यागी की नई भूमिका तय करेगा।

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‘कांग्रेस परिवार की पार्टी’ : त्यागी

भाजपा प्रवेश के बाद त्यागी ने अपनी प्रतिक्रिया दी हैं। उन्होंने आरोप लगाया हैं की कांग्रेस एक परिवार की पार्टी है और कांग्रेस में किसी की नहीं सुनी जाती। त्यागी ने कहा की भाजपा सनातन धर्म की रक्षा के लिए काम कर रही, जिससे प्रभावित होकर बीजेपी ज्वाइन की हैं।

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