Mahant hate speech
Mahant hate speech: रायपुर। बीते दो दिनों से नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत के बयानों से सियासी गलियारे में आग लगा रखी है। पहेल महंत ने अपनी पार्टी की हार के लिए खुद को, पूर्व CM को, पूर्व मंत्रियों को जिम्मेदार बताकर पार्टी के भीतर हचचल बढ़ा दी तो अब डॉ महंत ने पूर्व CM भूपेश के पक्ष में बोलते-बोलते, PM मोदी को लेकर ऐसी टिप्पणी कर दी, जिसके खिलाफ बीजेपी चौतरफा विरोध का मोर्चा खोल दिया है और कार्रवाई की मांग कर रही है। हालांकि, डॉ महंत अपने बयान पर सफाई दे चुके हैं। लेकिन, सवाल ये है कि क्या पिछले 2 दिन से उनकी बयानबाजी ने पार्टी को नुकसान पहुंचाया है? ये सारे बयान रणनीति के तहत हैं या फिर सेल्फ गोल की श्रेणी में आते हैं।
छत्तीसगढ़ के नेताप्रतिपक्ष, सीनियर नेता डॉ चरणदास महंत के बयान ने बवाल मचा दिया है। बीते दिनों राजनांदगांव में पूर्व सीएम और राजनांदगांव लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल की नामांकन सभा के मंच पर नेता प्रतिपक्ष डॉ महंत, प्रत्याशी -पूर्व सीएम को सपोर्ट करते-करते उनकी तरीफ में ऐसा कुछ कह गए, जो बेहद आपत्तिजनक है। महंत के मोदी को डंडा मारने वाले बयान पर बीजेपी पूरी ताकत से हमलावर हो गई है। CM समेत प्रदेश बीजेपी नेताओं ने महंत के बयान की तीखी निंदा करते हुए एक अभियान शुरू किया। डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने एक पोस्टर लॉन्च किया, जिसमें ‘मैं हूं मोदी का परिवार, पहली लाठी मुझे मारो’ लिखा है।
बीजेपी नेताओं ने रायपुर में महंत के सरकारी बंगले तक मार्च किया और घेराव करते हुए पहली लाठी मारने को कहा। दूसरी तरफ, भाजपा के प्रतिनिधि मंडल ने निर्वाचन आयोग पहुंचकर महंत के बयान की शिकायत की। बीजेपी महामंत्री संजय श्रीवास्तव के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल का आरोप है कि नेता-प्रतिपक्ष जैस पद पर बैठे नेता ने पद की गरिमा के विपरीत देश के PM के बारे में हेट-स्पीच दी है। महंत ने आम-सभा में निर्वाचित जनप्रतिनिधि,संवैधानिक पद पर बैठे प्रधानमंत्री के विरुद्ध “लाठी पकड़ने”,“सिर फोड़ने” जैसी बात कही है, जो राजद्रोह जैसा गंभीर अपराध है। बीजेपी ने आयोग से महंत पर FIR दर्ज करने, भूपेश बघेल तथा देवेन्द्र यादव के चुनाव प्रचार पर रोक लगाने की मांग की।
इधर,चौतरफा निंदा, विरोध और शिकायतों के बाद नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को गलत तरह से पेश किया गया। कांग्रेस का कहना है कि डॉ महंत ने छत्तीसगढ़ी में भाषण दिया और बीजेपी को छत्तीसगढ़िया शब्दों से नफरत है।
Mahant hate speech: अब इसे क्या कहेंगे, एक बार फिर सीनियर कांग्रेसी नेता का सेल्फ गोल या रणनीति के हिसाब से दिया गया बयान, बीते 48 घटों में महंत ‘जिंदल ने पूरे रायगढ़ को लूटा’, ‘ऐसे लोगों को जूते मारना चाहिए’, ‘झूठ बोलकर रामचंद्र को भी नहीं बख्शा’ जैसे बयानों से प्रदेश की सियासत में तपिश बढ़ा रहे हैं। लेकिन, PM को लाठी मारने वाले बयान पर मचे बवाल से क्या पार्टी के डैमेज पहुंचा है? मूल सवाल ये, क्या छत्तीसगढ की जनता को ये रास आएगा ?