IG P.​​Sundararaj to Naxalites: ‘अब नक्सलियों का कोई नया जनरल नहीं बन पायेगा’.. आईजी सुंदरराज की नसीहत, माओवादी करे सरेंडर वरना..

21 मई को हुई मुठभेड़ में 27 नक्सली मारे गए थे, जिसमें संगठन का सर्वोच्च नेता बसवाराजू भी शामिल था। पुलिस का मानना है कि अब नक्सलवाद का पूरी तरह खात्मा होना तय है, क्योंकि संगठन के पास कोई प्रभावी नेतृत्व नहीं बचा है।

  • Reported By: Naresh Mishra

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  • Publish Date - May 28, 2025 / 08:52 AM IST,
    Updated On - May 28, 2025 / 08:53 AM IST

IG P.​​Sundararaj to Naxalites || Image- Sundarraj Pattilingam X files

HIGHLIGHTS
  • नक्सलियों का आखिरी जनरल सेक्रेटरी मारा गया, नया नेता नहीं बन पाएगा
  • पुलिस ने दिया आत्मसमर्पण या मौत का अल्टीमेटम, मनोबल टूटा
  • 28 नक्सली ढेर, ऑपरेशन कगार में मिली बड़ी सफलता

IG P.​​Sundararaj to Naxalites: रायपुर: छत्तीसगढ़ पुलिस ने दावा किया है कि 21 मई को अबूझमाड़ के जंगलों में मारे गए माओवादियों के जनरल सेक्रेटरी बसवाराजू के बाद अब संगठन में कोई नया नेता नहीं उभर पाएगा। बस्तर रेंज के आईजी पी सुंदरराज ने कहा कि बचे हुए नक्सली कमांडरों के पास अब सिर्फ दो विकल्प हैं – या तो आत्मसमर्पण करें या फिर बसवाराजू की तरह मारे जाएं।

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आईजी सुंदरराज ने बताया, “बसवाराजू माओवादियों का आखिरी जनरल सेक्रेटरी था। नेतृत्व के बिखराव के कारण अब कोई नया नेता नहीं बन पाएगा। हमारी टीमें अन्य बचे हुए नक्सली कमांडरों का पीछा कर रही हैं।”

IG P.​​Sundararaj to Naxalites: पुलिस अधिकारी ने कहा कि नक्सलियों का मनोबल पूरी तरह टूट चुका है। कई बड़े नक्सली नेता पुलिस से संपर्क कर आत्मसमर्पण करने की इच्छा जता रहे हैं। पिछले 2-3 साल में नक्सलियों ने अपने संसाधनों, शक्ति और कैडर का भारी नुकसान उठाया है।

गौरतलब है कि 21 मई को हुई मुठभेड़ में 27 नक्सली मारे गए थे, जिसमें संगठन का सर्वोच्च नेता बसवाराजू भी शामिल था। पुलिस का मानना है कि अब नक्सलवाद का पूरी तरह खात्मा होना तय है, क्योंकि संगठन के पास कोई प्रभावी नेतृत्व नहीं बचा है।

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सामने आया नक्सलियों का प्रेसनोट

माड़ के जंगलों में मिली बड़ी कामयाबी के बाद दंडकारण्य स्पेशल ज़ोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने एक प्रेस नोट जारी कर स्वीकार किया कि इस मुठभेड़ में उनके 28 साथी मारे गए। प्रेस नोट के अनुसार, पुलिस को 27 नक्सलियों के शव मिले, जबकि एक नक्सली का शव उनके साथी अपने साथ ले गए। इस प्रेस नोट में बसवराजू की मौत को नक्सली संगठन के लिए बड़ा झटका बताया गया। नारायणपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और कोंडागांव जिलों की डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) और अन्य सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम को खुफिया सूचना मिली थी कि बसवराजू कई वरिष्ठ नक्सली नेताओं के साथ नारायणपुर-बीजापुर-दंतेवाड़ा ट्राई-जंक्शन के अबूझमाड़ जंगल में मौजूद है। इस सूचना के आधार पर शुरू किए गए ‘ऑपरेशन कगार’ में सुरक्षा बलों ने 50 घंटे से अधिक समय तक चले अभियान में नक्सलियों को चारों ओर से घेर लिया।

1. बसवराजू कौन था और उसकी मौत का नक्सल संगठन पर क्या प्रभाव पड़ा?

बसवराजू माओवादियों का जनरल सेक्रेटरी और शीर्ष नेता था। 21 मई की मुठभेड़ में उसकी मौत के बाद संगठन नेतृत्वहीन हो गया है, जिससे नक्सल आंदोलन की कमर टूट गई है।

2. IG पी. सुंदरराज ने नक्सलियों के लिए क्या संदेश दिया है?

IG सुंदरराज ने स्पष्ट कहा है कि नक्सलियों के पास अब केवल दो विकल्प हैं — आत्मसमर्पण करें या मारे जाएं। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस लगातार बचे हुए नक्सली कमांडरों का पीछा कर रही है।

3. ‘ऑपरेशन कगार’ क्या है और इसमें क्या सफलता मिली?

‘ऑपरेशन कगार’ एक संयुक्त सुरक्षा अभियान था जो अबूझमाड़ के जंगलों में 50 घंटे से अधिक चला। इसमें 27 नक्सली मारे गए, जिनमें बसवराजू भी शामिल था। यह मुठभेड़ नक्सल विरोधी अभियान की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक मानी जा रही है।