Home » Chhattisgarh » Now books of private publications are banned in private schools too! Private School Association opened front on DEO's order
Raipur News: निजी स्कूलों में प्राइवेट पब्लिकेशन की किताबें बैन! DEO के आदेश पर प्राइवेट स्कूल संघ ने खोला मोर्चा
Private Publications Books Banned in Raipur : एसोसिएशन के अध्यक्ष की ओर जारी पत्र में कहा गया है कि बिलासपुर हाईकोर्ट का एक निर्देश पहले ही आ चुका है। जिसमें कहा गया है कि निजी स्कूलों को प्राइवेट पब्लिकेशन की किताबें इस्तेमाल करने से नहीं रोका जा सकता है।
सीनियर कक्षाओं की किताबों को लेकर भी प्राइवेट स्कूल संघ ने पूछा सवाल
रायपुर: private publications books banned प्राइवेट स्कूलों में NCERT या SCERT की किताबों के अलावा किसी भी प्राइवेट पब्लिकेशन की बुक्स पर रोक लगाने को लेकर रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी ने जो आदेश जारी किया है, उसका विरोध शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने रायपुर डीईओ के आदेश पर सवाल खड़ा कर दिया है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष की ओर जारी पत्र में कहा गया है कि बिलासपुर हाईकोर्ट का एक निर्देश पहले ही आ चुका है। जिसमें कहा गया है कि निजी स्कूलों को प्राइवेट पब्लिकेशन की किताबें इस्तेमाल करने से नहीं रोका जा सकता है। इसके अलावा, संघ ने कहा है कि नर्सरी से लेकर जूनियर केजी और सीनियर केजी की कोई भी किताब ना तो एससीईआरटी छापता है, ना ही एनसीईआरटी छापता है, फिर इन क्लास की पढ़ाई बिना निजी प्रकाशन की किताबों के कैसे कराई जाएगी।
Private Publications Books Banned in Raipur , उन्होंने एक सवाल सीनियर कक्षाओं की किताबों को लेकर भी पूछा है। जीके, ईवीएस, कंप्यूटर एजुकेशन, वैल्यू एजुकेशन जैसे विषयों की कोई बुक्स भी NCERT या SCERT नहीं छापता है, तो फिर इन विषयों की पढ़ाई कैसे कराई जाएगी। एसोसिएशन की तरफ से कहा गया है कि प्रदेश के वैसे निजी स्कूल जो सीजी बोर्ड से संबद्ध हैं, अब तक उनके पास एससीईआरटी की ओर से छपी किताबें नहीं पहुंचाई गई है, जबकि सत्र शुरू हो चुका है। ऐसे में निजी प्रकाशक की किताबें खरीदनी पड़ी है।
SCERT और NCERT किताबों से ही छात्रों का अध्यापन
बता दें कि जिला शिक्षा अधिकारी ने महत्वपूर्ण आदेश जारी किया था। जिसके अनुसार अब स्कूलों में प्राइवेट पब्लिशर्स की पुस्तकों को बैन कर दिया गया है। निजी स्कूल एससीईआरटी और एनसीईआरटी किताबों से ही छात्रों को अध्यापन कार्य करवाएंगे। वहीं नियमों के पालन नहीं करने वाले स्कूलों पर कार्यवाही करने की भी बात कही गई थी।
जारी आदेश के अनुसार, छत्तीसगढ़ बोर्ड से मान्यता प्राप्त है तो छत्तीसगढ़ शासन की निर्धारित पाठ्यपुस्तक ही अपने संस्था में लागू होगी। इसके अलावा निजी प्रकाशक का पाठ्य पुस्तक को लेने के लिए पालकों को बाध्य नहीं कर सकते हैं। वहीं जिस बोर्ड से संस्था को मान्यता प्राप्त है उसे बोर्ड का नाम मेन गेट पर प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। साथ ही उसी बोर्ड से संबंधित पाठ्यपुस्तक का पठन-पाठन किया जायेगा।
क्या रायपुर के सभी निजी स्कूलों में प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है?
हाँ, रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) के आदेश के अनुसार, अब छत्तीसगढ़ बोर्ड से संबद्ध निजी स्कूलों में केवल SCERT या NCERT द्वारा प्रकाशित किताबों का ही प्रयोग किया जा सकता है। प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
क्या यह आदेश सभी कक्षाओं पर लागू होता है, जैसे नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी?
विवाद यही पर है। प्राइवेट स्कूल संघ का कहना है कि नर्सरी से सीनियर केजी तक की कक्षाओं के लिए SCERT या NCERT कोई किताबें छापता ही नहीं है, इसलिए प्राइवेट पब्लिकेशन की किताबों के बिना इन कक्षाओं में पढ़ाई संभव नहीं है।
जिन विषयों के लिए NCERT/SCERT किताबें नहीं हैं, जैसे GK, EVS, कंप्यूटर – उनके लिए क्या व्यवस्था है?
संघ का सवाल यही है कि इन विषयों की किताबें सरकारी प्रकाशनों द्वारा नहीं छापी जातीं, तो इनकी पढ़ाई प्राइवेट पब्लिकेशन के बिना संभव नहीं। अभी तक प्रशासन की ओर से इस पर स्पष्ट समाधान नहीं दिया गया है।
अगर स्कूल इस आदेश का उल्लंघन करते हैं तो क्या कार्रवाई हो सकती है?
यदि कोई स्कूल इस आदेश का पालन नहीं करता है तो डीईओ ने चेतावनी दी है कि उन स्कूलों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें मान्यता रद्द करना या आर्थिक दंड शामिल हो सकता है।
क्या हाई कोर्ट ने पहले कभी निजी स्कूलों को प्राइवेट किताबें इस्तेमाल करने की अनुमति दी है?
हाँ, संघ ने बिलासपुर हाईकोर्ट के एक पूर्व निर्देश का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया था कि निजी स्कूलों को प्राइवेट प्रकाशकों की किताबें अपनाने से रोका नहीं जा सकता, बशर्ते पालकों को अनावश्यक रूप से बाध्य न किया जाए। संघ इस आधार पर डीईओ के आदेश को चुनौती देने की तैयारी में है।