#SwarnaSharda2023 : मां ट्यूशन पढ़ा कर चलाती है घर का खर्चा, बेटी ने किया रायपुर जिले में टॉप, IBC24 ने किया सम्मानित…

#SwarnaSharda2023 : मां ट्यूशन पढ़ा कर चलाती है घर का खर्चा, बेटी ने किया रायपुर जिले में टॉप, IBC24 ने किया सम्मानित...

#SwarnaSharda2023 : मां ट्यूशन पढ़ा कर चलाती है घर का खर्चा, बेटी ने किया रायपुर जिले में टॉप, IBC24 ने किया सम्मानित…
Modified Date: July 31, 2023 / 07:07 pm IST
Published Date: July 31, 2023 7:07 pm IST

रायपुर । IBC24 Swarna Sharda Scholarship 2023 : आईबीसी 24 समाचार चैनल की ओर से हर साल जिले की टॉपर बेटियों को दी जाने वाली स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप को लेकर कार्यक्रम सोमवार को शाम 4 बजे आयोजित किया गया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विशेष रूप से शिरकत की। इस वर्ष प्रदेश के 33 जिलों की टॉपर्स बेटियों ने सीजी बोर्ड की बारहवीं की परीक्षा में सर्वाधिक अंक हासिल किए हैं। रायपुर के न्यू राजेन्द्र नगर की रहने वाली रेशम खत्री ने छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की बारहवीं की परीक्षा में रायपुर जिले में पहला स्थान प्राप्त कर अपने माता पिता का सर गर्व से ऊंचा कर दिया है। रेशम ने बोर्ड की परीक्षा में 96 प्रतिशत अंक हासिल किया है. कॉमर्स सब्जेक्ट लेकर पढ़ाई करने वाली रेशम खत्री आगे सीए करना चाहती है। रेशम एक मध्यम वर्गीय परिवार से है। पिता मनोज कुमार खत्री मौसम के अनुरूप यानी कभी फल तो कभी सब्जियों का व्यवसाय करते है।

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मां नैना खत्री बच्चों को ट्यूशन पढ़ा कर घर का खर्चा चलाती है। मां की तरह रेशम भी बच्चो को ट्यूशन पढ़ाकर न सिर्फ घर के खर्चे में सहयोग करती है बल्कि अपने स्कूल की फीस भी भरती है। रेशम ने घर से स्कूल तक का सफर पैदल ही तय किया है. स्कूल की प्राचार्या बताती है कि रेशम होनहार छात्रों में से एक है रेशम को पढ़ाई में जब कभी परेशानी आती थी स्कूल के शिक्षक उसका डाउट क्लीयर करने लग जाते थे। रेशम की उपस्थिति भी स्कूल में 99 प्रतिशत रही। रेशम के पिता मनोज कुमार खत्री बताते है कि रेशम ने रायपुर जिले में पहला रैंक हासिल किया है तो उन्हे बहुत खुशी हुई कि बेटी ने इतना अच्छा काम किया। वो रात में तीन से चार बजे उठकर पढ़ाई करती हैं।

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घर के कामों में मां का सहयोग भी करती है. रेशम की मां नैना खत्री बताती हैं कि सोचा नहीं था रेशम इतने अच्छे नंबर लाएगी. बड़ी बेटी से उम्मीद की थी फिर उसका रैंक बेहतर नहीं आया तो हमने उम्मीद ही छोड़ दी थी लेकिन रेशम के स्कूल से बहुत सहयोग मिला और यही वजह है कि उसने इतना अच्छा रैंक हासिल किया. हमारी आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं थी काफी मुश्किलें थी लेकिन हम सबने मेहनत की हम ट्यूशन लेते हैं. बड़ी बहन भी जॉब करती है। रेशम बताती हैं कि जब रिजल्ट आया तो सब डरे हुए थे फिर सबसे पहला कॉल आईबीसी 24 से ही आया उनके जरिए पता चला कि छत्तीसगढ़ में चौथा रैंक और रायपुर जिले में पहला रैंक आया है तो सुनकर बहुत खुशी हुई। रेशम बताती है कि वो सीए करना चाहती है।वो जब कक्षा छठवीं में थीं तब से ही उसने ट्यूशन पढ़ाना सीखा और उसी ट्यूशन के पैसे से अपने स्कूल की फीस जमा करती थी। वो चाहती हैं कि आगे भी ट्यूशन पढ़ाती रहे जब तक उसका सपना पूरा ना हो।


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