Tehsildar Strike in Chhattisgarh: अनिश्चितकालीन हड़ताल पर प्रदेशभर के तहसीलदार, इन मांगों को लेकर खोला मोर्चा, प्रभावित हो सकता है काम-काज
Tehsildar Strike in Chhattisgarh: अनिश्चितकालीन हड़ताल पर प्रदेशभर के तहसीलदार, इन मांगों को लेकर खोला मोर्चा, प्रभावित हो सकता है काम-काज
Tehsildar Strike in Chhattisgarh: अनिश्चितकालीन हड़ताल पर प्रदेशभर के तहसीलदार / Image Source: File
- 17 सूत्रीय मांगों को लेकर पूरे प्रदेश में हड़ताल शुरू
- राजस्व विभाग का कामकाज ठप होने की आशंका
- आम लोगों को हो सकती है परेशानी
रायपुर: Tehsildar Strike in Chhattisgarh प्रदेश के तहसीलदारों ने एक बाद फिर अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया है। तहसीलदारों आज से अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दिया है। तहसीलदारों के हड़ताल पर चले जाने से राजस्व विभाग से जुड़े कई काम-काज प्रभावित हो सकते हैं। बता दें कि तहसीलदारों ने तीन दिन तक प्रदर्शन कर सरकार के सामने अपनी मांग रखने की कोशिश की, लेकिन कोई हल नहीं निकलने के बाद उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।
Tehsildar Strike in Chhattisgarh इन मांगों को लेकर तहसीलदारों ने खोला मोर्चा
- 1. सभी तहसीलों में स्वीकृत सेटअप की पदस्थापनाः-
सभी तहसीलों में कंप्यूटर ऑपरेटर, WBN, KGO, नायब नाजिर, माल जमादार, भृत्य, वाहन चालक, आदेशिका वाहक राजस्व निरीक्षक एवं पटवारियों की पदस्थापना की जाए। यदि संभव न हो तो संबंधित तहसील को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित समय-सीमा की बाध्यता से मुक्त किया जाए। - 2. तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति प्रक्रियाः-
सीधी भर्ती और पदोन्नति का अनुपात पूर्व की भांति 50:50 रखा जाए और पूर्व में की गई घोषणा का तत्काल क्रियान्वयन किया जाए। - 3. नायब तहसीलदार पद को राजपत्रित करने की मांगः-
इस आशय की पूर्व घोषणा का तत्काल क्रियान्वयन किया जाए। - 4. ग्रेड पे में शीघ्र सुधारः-
तहसीलदार और नायब तहसीलदार के लंबित ग्रेड पे सुधार को शीघ्र किया जाए। - 5. शासकीय वाहन की उपलब्धताः-
सभी तहसीलों में कार्यवाही, प्रोटोकॉल एवं लॉ एंड ऑर्डर ड्यूटी हेतु शासकीय वाहन व चालक की व्यवस्था हो या वाहन भत्ता प्रदान किया जाए। - 6. निलंबन से बहालीः-
बिना वैध प्रक्रिया, नियमित आदेश या अभियोजन कार्रवाई से प्रभावित तहसीलदारों/नायब तहसीलदारों को 15 दिवस में जांच पूर्ण कर बहाल किया जाए। - 7. न्यायालयीन प्रकरणों में आदेशों का पालनः-
न्यायालयीन मामलों को जनशिकायत/जनशिकायत प्रणाली में स्वीकार न किया जाए। - 8. न्यायालयीन आदेशों पर FIR नहीं:-
न्यायाधीश प्रोटेक्शन act 1985 के सन्दर्भ मे शासन द्वारा जारी आदेश 2024 का कड़ाई से पालन किया जावे…. हर वो मामला जिसमे अपील का प्रावधान सहिता में निहित हैं तो किसी भी अन्य न्यायालय में परिवाद पेश ना कि जा सके… जिससे FIR कि स्थिति ना बने (केवल न्यायालयीन प्रकरण के सन्दर्भ में) - 9. न्यायालय में उपस्थिति हेतु व्यवस्थाः-
न्यायालयीन कार्य की गुणवता सुनिश्चित करने हेतु प्रोटोकॉल ड्यूटी से पृथक व्यवस्था की जाए। - 10. मानदेय भुगतान एवं नियुक्तिः-
आउटसोर्सिंग के माध्यम से स्टाफ की नियुक्ति हेतु तहसीलदार को अधिकृत किया जाए। - 11. प्रशिक्षित ऑपरेटर की नियुक्तिः-
Agristack, स्वामित्व योजना, e-Court, भू-अभिलेख जैसे तकनीकी कार्यों के लिए प्रशिक्षित ऑपरेटर नियुक्त किए जाएं। - 12. SLR/ASLR की बहाली:-
तहसीलदारों की पर्याप्त संख्या को देखते हुए SLR/ASLR को पुनः भू अभिलेखीय कार्यों हेतु बहाल किया जाए। - 13. व्यक्तिगत मोबाइल नंबर की गोपनीयताः-
TI की भांति पदेन शासकीय मोबाइल नंबर और डिवाइस प्रदान किया जाए। - 14. राजस्व न्यायालयों की सुरक्षा हेतु सुरक्षाकर्मीः-
प्रत्येक तहसील में सुरक्षा कर्मी की तैनाती एवं फील्ड भ्रमण हेतु वाहन उपलब्ध कराया - 15. सड़क दुर्घटना मुआवजा की व्यवस्थाः-
सड़क दुर्घटना में तहसीलदारों के माध्यम से आर्थिक सहायता राशि ₹25000 तत्काल मौके पर देने की मांग आती है। परंतु तत्काल में राशि उपलब्ध नहो होती है। उक्त राशि मौके पर दिए जाने के संबंध में शासन से स्पस्ट गाइडलाइन्स जारी हो। इसके अलावा भी अन्य कई घटनाओं में तहसीलदारों से ही मौके पर मुआवजा राशि की - 16. संघ की मान्यता:-
प्रदेश के समस्त तहसीलदार, नायब तहसीलदार संघ के सदस्य है। अतः शासन के समक्ष मांगें प्रस्तुत करने व समाधान हेतु वार्ता एवं पत्राचार में संघ को की मान्यता दी जाए। - 17. विशेषज्ञ कमिटी का गठन :-
प्रदेश में राजस्व न्यायालय के संदर्भ में सलाह व अपनी समस्याओं को प्रस्तुत किये जाने हेतु राजस्व न्यायालय सुदृणीकरण तहत विशेषज्ञ कमिटी/परिषद का गठन किया जाए।

Facebook



