Yuktikaran in Chhattisgarh News: क्या छत्तीसगढ़ में बंद होने वाले हैं हजारों स्कूल? सरकार ने अफवाहों पर लगाया विराम, कर दिया दूध का दूध, पानी का पानी

Yuktikaran in Chhattisgarh News: क्या छत्तीसगढ़ में बंद होने वाले हैं हजारों स्कूल? सरकार ने अफवाहों पर लगाया विराम, कर दिया दूध का दूध, पानी का पानी

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  • Publish Date - June 1, 2025 / 10:39 AM IST,
    Updated On - June 1, 2025 / 04:05 PM IST

CG School Time Table: छत्तीसगढ़ में स्कूलों के टाइम टेबल में बदलाव, अब इतने बजे से लगेंगी कक्षाएं / Image: File

HIGHLIGHTS
  • 166 स्कूलों का ही समायोजन
  • 10,297 स्कूल पहले की तरह चालू
  • सरकार का फोकस शिक्षा की गुणवत्ता पर

रायपुर: Yuktikaran in Chhattisgarh News शिक्षा विभाग ने कतिपय संगठनों एवं व्यक्तियों द्वारा युक्तियुक्तकरण से हजारों की संख्या में स्कूलों के बंद होने की बात को पूरी तरह से भ्रामक और तथ्यहीन बताया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने कहा है कि असलियत इससे बिलकुल अलग है। प्रदेश सरकार की ओर से जारी युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया का उद्देश्य किसी की पढ़ाई रोकना नहीं, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता और संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करना है।

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Yuktikaran in Chhattisgarh News राज्य के कुल 10,463 स्कूलों में से सिर्फ 166 स्कूलों का समायोजन होगा। इन 166 स्कूलों में से ग्रामीण इलाके के 133 स्कूल ऐसे हैं, जिसमें छात्रों की संख्या 10 से कम है और एक किलोमीटर के अंदर में दूसरा स्कूल संचालित है। इसी तरह शहरी क्षेत्र में 33 स्कूल ऐसे हैं, जिसमें दर्ज संख्या 30 से कम हैं और 500 मीटर के दायरे में दूसरा स्कूल संचालित है। इस कारण 166 स्कूलों को बेहतर शिक्षा के उद्देश्य से समायोजित किया जा रहा है, इससे किसी भी स्थिति में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। शेष 10,297 स्कूल पूरी तरह से चालू रहेंगे। उनमें केवल प्रशासनिक और शैक्षणिक स्तर पर आवश्यक समायोजन किया जा रहा है। स्कूल भवनों का उपयोग पहले की तरह ही जारी रहेगा और जहाँ आवश्यकता होगी, वहाँ शिक्षक भी उपलब्ध रहेंगे।

यहां स्पष्ट करना जरूरी है कि स्कूलों का “समायोजन” और “बंद” होना अलग चीज है। समायोजन का अर्थ है पास के स्कूलों को एकीकृत कर बेहतर संसाधनों का उपयोग। इसका मकसद बच्चों को अच्छी शिक्षा देना है, न कि स्कूल बंद करना। शिक्षा विभाग ने लोगों से अफवाहों से सावधान रहने की अपील की है। सच्चाई यह है कि राज्य सरकार स्कूलों को मजबूत करने, पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाने और हर बच्चे को बेहतर शिक्षा देने की सुदृढ व्यवस्था में जुटी है।

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शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की पहल

दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण यानि तर्कसंगत समायोजन कर रही है। इसका उद्देश्य यह है कि जहां जरूरत ज्यादा है, वहां संसाधनों और शिक्षकों का बेहतर ढंग से उपयोग सुनिश्चित हो। उन स्कूलों को जो कम छात्रों के कारण समुचित शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं, उन्हें नजदीकी अच्छे स्कूलों के साथ समायोजित किया जाए, ताकि बच्चों को बेहतर माहौल, संसाधन और पढ़ाई का समान अवसर उपलब्ध हो सके। इससे बच्चों को ज्यादा योग्य और विषय के हिसाब से विशेषज्ञ शिक्षक मिलेंगे। स्कूलों में लाइब्रेरी, लैब, कंप्यूटर आदि की सुविधाएं सुलभ होंगी। शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में अब पर्याप्त शिक्षक मिलेंगे। जिन स्कूलों में पहले गिनती के ही छात्र होते थे, वे अब पास के अच्छे स्कूलों में जाकर बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में इस बदलाव से शिक्षा का स्तर सुधरेगा।

सरकार की मंशा साफ है, हर बच्चे को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। यही वजह है कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि शिक्षकों की तैनाती सिर्फ संख्या के हिसाब से नहीं बल्कि जरूरत के हिसाब से हो। छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग का मानना है कि यह कदम सिर्फ एक प्रशासनिक सुधार नहीं, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में एक ठोस बदलाव है, जिससे आने वाली पीढ़ी को मजबूत नींव मिलेगी।

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क्या छत्तीसगढ़ में हजारों स्कूल बंद हो रहे हैं?

नहीं, यह भ्रामक अफवाह है। केवल 166 स्कूलों का समायोजन हो रहा है, स्कूल बंद नहीं किए जा रहे।

स्कूल युक्तियुक्तकरण का मतलब क्या होता है?

युक्तियुक्तकरण यानी छात्रों की संख्या और संसाधनों के अनुसार स्कूलों और शिक्षकों का तर्कसंगत पुनर्गठन, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता बढ़े।

क्या स्कूल समायोजन से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी?

बिलकुल नहीं। बच्चों को बेहतर स्कूल, सुविधाएं और योग्य शिक्षक मिलेंगे, जिससे पढ़ाई और मजबूत होगी।

जिन स्कूलों का समायोजन हो रहा है, उनके भवनों का क्या होगा?

स्कूल भवनों का उपयोग पहले की तरह ही होता रहेगा। जहाँ आवश्यकता होगी, वहाँ शिक्षक भी तैनात रहेंगे।

क्या यह कदम पूरे राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर असर डालेगा?

हाँ, यह एक सकारात्मक बदलाव है जिससे शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधरेगी और बच्चों को बेहतर माहौल मिलेगा।