Chhattisgarhi Ganesh Puja pandal: छत्तीसगढ़ी परिवेश में सजाया गया गणेश पूजा पंडाल, देखते ही आ जाएगी आपको भी अपने गांव की याद

Chhattisgarhi Ganesh Puja pandal: इस पंडाल में छत्तीसगढ़ी परिधान में एक महिला को करधन, सुता, मुंदरी सहित अन्य पारंपरिक श्रृंगार में दिखाया गया है, जो चूल्हे में तवे पर रोटियां बना रही है।

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  • Publish Date - August 31, 2025 / 10:38 AM IST,
    Updated On - August 31, 2025 / 10:39 AM IST

Chhattisgarhi Ganesh Puja pandal, image source: ibc24

HIGHLIGHTS
  • पंडाल मिट्टी और घास-फूस खादर से निर्मित घर के रूप में बनाया
  • छत्तीसगढ़ी सभ्यताओं पर आधारित पूजा पंडाल
  • भगवान गणेश को अपने बाल सखा के पीठ पर सवारी करते दिखाया

राजनांदगांव: Chhattisgarhi Ganesh Puja pandal, राजनांदगांव शहर के दीवान पारा में फ्रेंड्स क्लब गणेश उत्सव समिति द्वारा छत्तीसगढ़ी सभ्यताओं पर आधारित पूजा पंडाल सजाया गया है। इस पूजा पंडाल में भगवान गणेश को बाल रूप में अठखेलियां करते दिखाया गया है।

Chhattisgarhi Ganesh Puja pandal, पूरे पंडाल को मिट्टी और घास-फूस खादर से निर्मित घर के रूप में बनाया गया है, जो गांव के पुराने दौर में सुसज्जित और व्यवस्थित घर को प्रदर्शित कर रहा है।

विलुप्त होते छत्तीसगढ़ी परिवेश को गणेश पूजा पंडाल के माध्यम से लोगों के सामने लाने और पुराने दौर में उपयोग किए जाने वाले घरेलू सामग्रियों की अहमियत दिखाने और नई पीढ़ी को इनसे वाकिफ कराने के लिए पंडाल सजाया गया है।

इस पंडाल में छत्तीसगढ़ी परिधान में एक महिला को करधन, सुता, मुंदरी सहित अन्य पारंपरिक श्रृंगार में दिखाया गया है, जो चूल्हे में तवे पर रोटियां बना रही है।

वहीं भगवान गणेश को अपने बाल सखा के पीठ पर सवारी करते दिखाया गया हैं। जो खुशहाल परिवार के साथ छत्तीसगढ़ की समृद्धि को दर्शा रहा है।

इस गणेश पंडाल में आने वाले बुजुर्ग पुराने वस्तुओं को देखकर निहार रहे हैं, तो वही युवा और बच्चों के लिए यह सामग्री काफी आकर्षित करने वाली है।

इस गणेश पंडाल को लेकर समिति के अध्यक्ष मोन्टू यादव ने बताया कि हमारी छत्तीसगढ़ी संस्कृति और परंपरा धीरे-धीरे आधुनिकता के दौर में खोती जा रही है जिसे सहजने का संदेश लेकर यहां पर इसकी स्थापना की गई है ।

पंडाल में पुराने दौर में घरेलू उपयोग में आने वाले चूल्हा, सिगड़ी, गोबर के कंडे, मिट्टी के बर्तन, झंहुआ, पररा, सुपा, सिलबट्टा, लालटेन, माखन की हांडी, सुवा, देव स्थान, खेल सामग्री में बांटी, भवरा, गाय, बैल, तुलसी चौरा बनाया गया है। इसमें मिट्टी से बनी कई सामग्रियां हु-ब-हु नजर आ रही है।

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