हाय रे महंगाई! सिलेंडरों की रिफिलिंग नहीं करवा पा रही है ग्रामीण महिलाएं, खाना पकाने अब फिर से लकड़ी का सहारा

Rural women are unable to get cylinders refilled, now again using wood for cooking

हाय रे महंगाई! सिलेंडरों की रिफिलिंग नहीं करवा पा रही है ग्रामीण महिलाएं, खाना पकाने अब फिर से लकड़ी का सहारा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:09 pm IST
Published Date: October 8, 2021 8:07 pm IST

पेंड्राः प्रधानमंत्री ग्रामीण उज्जवला योजना के तहत मिले गैस सिलेंडर का भार अब गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के गांवों की महिलाएं नहीं उठा पा रही हैं। जहां एक बार फिर से लकड़ी का भार यहां की महिलाओं को मजबूरन उठाना पड़ रहा है।

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दरअसल, बढ़ती महंगाई के साथ-साथ गैस सिलेंडर के दाम भी काफी बढ़ चुके हैं और लोगों की आमदनी कम और खर्च ज्यादा है। जिसके वजह से लोग फिर से घर का चूल्हा जलाने के लिए लकड़ी का ही इस्तेमाल करने लगे हैं।

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गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में गांव की महिलाएं लकड़ी लेने के लिए जान जोखिम में डालकर कई किलोमीटर दूर जंगल जाते हैं। महिलाएं ने कहा कि जंगल में भालू के हमले का खतरा भी बना रहता है लेकिन घर का चूल्हा जलाकर परिवार को खाना खिलाने के लिए इस तरह का जोखिम उठाना पड़ रहा है। वहीं लगातार पेड़ों की कटाई से मरवाही जगंलों पर भी संकट मंडरा रहा है।.

 


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।