Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ में चोरी की बिजली से रोशन हो रहा था सरकारी कर्मचारियों का घर, 4 साल बाद नींद से जागा विभाग, एक साथ इतने लोगों को थमाया नोटिस
छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में सरकारी कर्मचारियों के आवासों में चार साल से बिना मीटर के बिजली जल रही थी। अब विद्युत विभाग ने सख्ती दिखाते हुए नोटिस जारी किया है और एक साल की पेनाल्टी वसूलने की तैयारी की है।
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- सक्ती जिले के जैजैपुर ब्लॉक की 44 जीएडी कॉलोनी में बिना मीटर के बिजली उपयोग का खुलासा।
- चार साल से न बिजली बिल जमा हुआ, न विभाग ने कोई कार्रवाई की।
- अब विभाग ने नोटिस जारी कर पेनाल्टी व बिल वसूली की प्रक्रिया शुरू की।
Chhattisgarh News सक्ती: छत्तीसगढ़ में एक ओर जहां हर नागरिक कह रहा है कि बिजली की बिल बढ़ी हुई है। इससे आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के ही सक्ती जिले में सरकारी कर्मचारियों का आवास चोरी की बिजली से गुलजार है। आलम तो यह है कि यहां चार साल से न तो बिजली मीटर लगाए गए हैं और न ही बिल जमा किया गया है। अब बिजली विभाग इन लोगों पर एक्शन लेना शुरू कर दिया है। विभाग ने यहां रह रहे कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है।
दरअसल, जिले के जैजैपुर ब्लॉक मुख्यालय में सरकारी कर्मचारियों लिए आवास बनाए गए हैं। 44 जीएडी कॉलोनी के इन सरकारी आवासों में तहसीलदार, सीएमओ से लेकर शिक्षा विभाग, राजस्व विभाग, पंचायत विभाग के तमाम बड़े अधिकारी-कर्मचारी निवास करते हैं, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इन आवासों में बिजली मीटर नहीं लगाए गए हैं। अधिकारी-कर्मचारी सीधे तार से बिजली का खुलेआम उपयोग कर रहे हैं।
4 साल बाद खुली विद्युत विभाग की आंख!
Chhattisgarh News इस पूरे मामले में 4 सालों के बाद विद्युत विभाग ने सख्ती दिखाते हुए सरकारी आवासों में रहने वाले अधिकारी कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है। साथ ही सभी को बिजली बिल भुगतना करने को कहा है। इसके साथ ही एक साल की पेनाल्टी भी इनसे वसूल की जाएगी। विभाग ने चेतावनी भी दी है कि जो बिल जमा नहीं करेगा, उनके आवासों का कनेक्शन काटा जाएगा।
विद्युत विभाग की भूमिका पर उठे कई सवाल
Chhattisgarh News स्थानीय लोगों का कहना है कि आम जनता के घरों में बिजली बिल बकाया होने पर तत्काल काट दी जाती है, लेकिन 4 सालों तक सरकारी आवासों में बिना मीटर के बिजली जलना इन शासकीय अधिकारियों के साथ ही विद्युत विभाग के ऊपर भी कई सवाल खड़े करता है। आखिर चार वर्षों से इनके द्वारा बिजली का भुगतान नहीं किया जा रहा है तो इनके खिलाफ अब तक किसी तरह की कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
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