Reported By: Abhishek Soni
,Ramgarh Hill Sarguja/Image Source: IBC24
सरगुजा: Surguja News: सरगुजा का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व रखने वाला रामगढ़ पहाड़ खतरे में है। इसे बचाने के लिए जहां अब नागरिक सामने आ रहे हैं वहीं इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है। आरोप है कि इसके चारों ओर जो कोयला खदानें संचालित हैं उनकी ब्लास्टिंग से रामगढ़ पहाड़ी थर्रा रही है। यह है सरगुजा जिले के उदयपुर के समीप स्थित रामगढ़ की मनोरम पहाड़ी। आदि काल से ही इस पहाड़ी का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व रहा है। ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने अपने वनवास काल का कुछ समय यहां व्यतीत किया था जिसके प्रमाण सीताबेंगरा और लक्ष्मणगढ़ी के रूप में आज भी यहां स्थित हैं। Ramgarh Hill Sarguja
Ramgarh Hill Surguja: इसके अलावा इस पहाड़ी पर रामजानकी मंदिर भी स्थित है जहां भक्तों का तांता लगा रहता है। इस स्थल को महाकवि कालिदास की विश्व प्रसिद्ध रचना मेघदूत की रचनास्थली भी माना जाता है। प्रशासन द्वारा यहां हर वर्ष मेले का आयोजन भी किया जाता है। इस पहाड़ को सहेजने और संवारने के प्रयास भी लगातार किए जा रहे हैं। मगर अब यह ऐतिहासिक पहाड़ खतरे में है। ग्रामीणों का आरोप है कि इस पहाड़ के आसपास जो कोयला खदानें संचालित हो रही हैं उनसे पहाड़ दरक रहा है यानी यहां भूस्खलन शुरू हो गया है। पहाड़ी पर दरारें आ रही हैं और मिट्टी के कटाव के कारण पेड़ उखड़ रहे हैं जिससे पहाड़ का अस्तित्व ही खतरे में है। यही कारण है कि अब नागरिकों ने इसे बचाने की मुहिम शुरू कर दी है। समिति बनाकर नागरिकों ने इसे बचाने का बीड़ा उठाया है।
Ramgarh Hill Surguja: राम के नाम पर राजनीति कोई नई बात नहीं है और ऐसे में अगर बात रामगढ़ जैसे ऐतिहासिक पर्वत की हो तो राजनीतिक दल कहां पीछे रहने वाले हैं। ऐसा ही कुछ इस समय सरगुजा में भी हो रहा है। पूर्व डिप्टी सीएम और इलाके के विधायक रहे टी.एस. सिंह देव ने अब इसे बचाने के लिए मोर्चा खोल दिया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री का आरोप है कि सरकार अडानी को नियमों को ताक पर रखकर कोयला खदानों के विस्तार की अनुमति दे रही है जिससे पहाड़ का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। ऐसे में उन्होंने ग्रामीणों के साथ मिलकर इसे बचाने की मुहिम छेड़ दी है। इधर सत्ताधारी दल भी इस पर विपक्ष पर ही हमला बोलते हुए रामगढ़ पर आने वाले किसी भी खतरे को बर्दाश्त नहीं करने की बात कह रहा है।
Ramgarh Hill Surguja: विधायक से पर्यटन मंत्री बने राजेश अग्रवाल का कहना है कि रामगढ़ उनके लिए आस्था का बड़ा केंद्र है। ऐसे में इसे सुरक्षित रखने के लिए वे कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मगर मंत्री राजेश अग्रवाल का यह भी कहना है कि कांग्रेस ने ही इलाके में कोयला खदान की अनुमति दी थी ऐसे में अब कांग्रेस उल्टा आरोप भाजपा पर लगा रही है। बहरहाल रामगढ़ न सिर्फ सरगुजा और छत्तीसगढ़ बल्कि देशभर में अपनी ऐतिहासिक महत्ता रखता है। ऐसे में अब इसे बचाने के लिए नागरिकों से लेकर पक्ष और विपक्ष तक सभी एकजुट नजर आ रहे हैं। मगर यह सुरक्षित कैसे रहेगा और इसे सुरक्षित रखने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाएंगे यह देखने वाली बात होगी।