छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल जिला खनिज संस्थान न्यास नियम, 2015 में आवश्यक संशोधन करने का फैसला लिया

छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल जिला खनिज संस्थान न्यास नियम, 2015 में आवश्यक संशोधन करने का फैसला लिया

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  • Publish Date - July 30, 2025 / 05:39 PM IST,
    Updated On - July 30, 2025 / 05:39 PM IST

रायपुर, 30 जुलाई (भाषा) छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडलने भारत सरकार के खान मंत्रालय के नए दिशा-निर्देश और प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (पीएमकेकेकेवाय)-2024 के संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम, 2015 में आवश्यक संशोधन करने का फैसला किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में बुधवार को यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने भारत सरकार के खान मंत्रालय के नवीन दिशा-निर्देश और प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना -2024 के संशोधित गाईडलाईन्स के अनुसार छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम, 2015 में आवश्यक संशोधन किये जाने का निर्णय लिया है।

अधिकारियों ने बताया कि इससे न्यास के पास उपलब्ध राशि का न्यूनतम 70 प्रतिशत राशि का व्यय उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्र जैसे पेयजल आपूर्ति, पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, महिला एवं बाल कल्याण, वृद्ध एवं निःशक्तजन के कल्याण के साथ ही कौशल विकास एवं रोजगार, स्वच्छता, आवास और पशुपालन के समग्र विकास पर किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने साधारण रेत के उत्खनन और परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण तथा रेत के उत्खनन व नियमन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत (उत्खनन एवं व्यवसाय) नियम 2019 तथा छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत उत्खनन एवं व्यवसाय (अनुसूचित क्षेत्र हेतु) नियम 2023 को निरस्त करते हुए नए नियम ‘‘छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत (उत्खनन एवं व्यवसाय) नियम-2025” को मंजूरी दी है।

अधिकारियों ने बताया कि इससे रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे, जिससे आम जनता को उचित दरों पर रेत उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही रेत उत्खनन में पर्यावरण और सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि प्रस्तावित नियमों में रेत खदान आवंटन की कार्यवाही इलेक्ट्रॉनिक नीलामी के माध्यम से की जाएगी। इससे राजस्व में भी वृद्धि होगी।

अधिकारियों ने बताया कि कृषि भूमि के बाजार मूल्य दरों के निर्धारण के संबंध में छत्तीसगढ़ शासन के वाणिज्य कर पंजीयन विभाग से प्राप्त प्रस्ताव का मंत्रिपरिषद ने अनुमोदन किया है।

उन्होंने बताया कि इसके तहत ग्रामीण कृषि भूमि के बाजार मूल्य की गणना के लिए 500 वर्गमीटर तक के भू-खण्ड की दर को समाप्त करते हुए सम्पूर्ण रकबा की गणना हेक्टेयर दर से की जाएगी।

अधिकारियों ने बताया कि भारतमाला परियोजना और बिलासपुर के अरपा भैंसाझार में जिस तरह की अनियमितताएं सामने आई थीं, उनसे बचने के लिए यह व्यवस्था मददगार होगी।

उन्होंने बताया कि इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र की परिवर्तित भूमि का मूल्यांकन सिंचित भूमि के ढाई गुना करने के प्रावधान को विलोपित करने के साथ ही शहरी सीमा से लगे ग्रामों की भूमियों और निवेश क्षेत्र की भूमियों के लिए वर्गमीटर में दरों का निर्धारण किया जाएगा।

अधिकारियों ने बताया कि मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ (सीएससीएस) को नवा रायपुर (अटल नगर) के सेक्टर-तीन, परसदा गांव में क्रिकेट अकादमी की स्थापना के लिए 7.96 एकड़ भूमि आबंटित किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई।

उन्होंने बताया कि नवा रायपुर में अत्याधुनिक क्रिकेट अकादमी की स्थापना से राज्य के प्रतिभावान खिलाड़ियों को उनके कौशल और प्रतिभा को निखारने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मिलेगी।

अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में क्रिकेट के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। राज्य के कई युवा खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता अर्जित की है। क्रिकेट अकादमी की स्थापना से राज्य के खिलाड़ियों को क्रिकेट के क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा वहीं छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान मिलेगी।

भाषा संजीव

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