केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने की CG में नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की समीक्षा, कहा- आरोपपत्र के लिए तय करें DSP स्तर के अधिकारियों की जवाबदेही |

केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने की CG में नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की समीक्षा, कहा- आरोपपत्र के लिए तय करें DSP स्तर के अधिकारियों की जवाबदेही

केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने की CG में नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की समीक्षा, Union Home Minister Shah reviews implementation of new criminal laws in CG

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Modified Date: April 21, 2025 / 11:55 PM IST
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Published Date: April 21, 2025 9:34 pm IST
HIGHLIGHTS
  • आरोपपत्र 60-90 दिन में दाखिल करने हेतु डीएसपी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश।
  • नए कानूनों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ट्रायल और साक्ष्य रिकॉर्डिंग संभव, जिससे संसाधनों की बचत।
  • मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों को नए कानूनों के अमल की नियमित समीक्षा करने को कहा गया।

रायपुर: CG News केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की। बैठक में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेन्सिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री, केन्द्रीय गृह सचिव, मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़, महानिदेशक, BPR&D, पुलिस महानिदेशक, छत्तीसगढ़ और निदेशक, NCRB सहित गृह मंत्रालय और छत्तीसगढ़ सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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CG News  अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में लाए गए तीन नए आपराधिक कानूनों के छत्तीसगढ़ में पूर्ण क्रियान्वयन के लिए टॉप प्रायरिटी एजेंडा बनाकर इस दिशा में काम करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों का लक्ष्य भारतीय न्यायिक प्रक्रिया को बेहतर बनाना है और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य को इसकी और ज़्यादा ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ तीन नए आपराधिक कानूनों के संपूर्ण क्रियान्वयन को एक चुनौती के रूप में लेकर इन्हे जल्द लागू कर एक आदर्श राज्य बने। अमित शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार को 60 और 90 दिनों के भीतर आरोपपत्र दाखिल करने के लिए पुलिस उप अधीक्षक (DSP)स्तर के अधिकारियों की जवाबदेही तय करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नए कानूनों में साक्ष्य की रिकॉर्डिंग से लेकर पूरे ट्रायल तक की प्रक्रिया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संभव है जिससे मैनपावर की काफी बचत होगी।

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केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हर पुलिस थाने और डीएसपी स्तर के अधिकारियों को गंभीरअपराध के मामलों में NATGRID के उपयोग की आदत डालनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक सप्ताह में एक बार, राज्य के गृह मंत्री हर 15 दिन और मुख्यमंत्री महीने में एक बार राज्य में नए आपराधिक कानूनों के अमल की प्रगति की समीक्षा करें।

छत्तीसगढ़ में नए आपराधिक कानूनों का उद्देश्य क्या है?

नए आपराधिक कानूनों का उद्देश्य भारतीय न्याय प्रणाली को तेज़, पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाना है, जिससे आम जनता को जल्दी न्याय मिल सके।

नए आपराधिक कानूनों में आरोपपत्र दाखिल करने की क्या समयसीमा तय की गई है?

अमित शाह ने कहा कि नए कानूनों के तहत 60 से 90 दिन के भीतर आरोपपत्र दाखिल करना अनिवार्य है और इसके लिए DSP स्तर के अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।

NATGRID का उपयोग किसके लिए किया जाएगा छत्तीसगढ़ में?

छत्तीसगढ़ में हर पुलिस थाने और डीएसपी को गंभीर अपराधों की जांच में NATGRID का नियमित उपयोग करने की सलाह दी गई है।

नए आपराधिक कानूनों की निगरानी और समीक्षा कौन करेगा?

राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक साप्ताहिक, गृह मंत्री पंद्रह दिन में और मुख्यमंत्री मासिक समीक्षा करेंगे।

छत्तीसगढ़ में नए कानूनों के तहत तकनीकी बदलाव क्या किए जा रहे हैं?

पुलिस थानों, अदालतों और जेलों में ई-साक्ष्य, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, और डिजिटल ट्रायल सिस्टम लागू किए जा रहे हैं।