रायपुर: Vishnu Ka Sushasan: दृढ़ इच्छाशक्ति से किसी भी काम को किया जाए तो निश्चित ही उसमें सफलता मिलती है। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई वाली भाजपा सरकार ने नक्सल मोर्च पर इस बात को चरितार्थ किया है। साय सरकार ने न केवल इसे जमीनी हकीकत में तब्दील कर दिखाया है, बल्कि दूसरों के लिए भी एक प्रेरणा और जीवंत उदाहरण पेश किया है। प्रदेश की सत्ता की बागडोर संभालते ही साय सरकार ने अपने दृढ़ इच्छाशक्ति से नक्सल मोर्चे पर एक के बाद एक बड़ी सफलता हासिल की है।
दरअसल, बस्तर से नक्सलवाद का लगभग सफाया होता नजर आ रहा है। सरकार की इच्छाशक्ति की वजह से साल 2024-25 में ही 400 से अधिक माओवादी मारे गए हैं। वहीं 1500 के करीब माओवादियों ने आत्म समर्पण किया है। केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त करने का संकल्प लिया है और इसी दिशा में निरंतर हर तीसरे दिन बस्तर में ऑपरेशन किए जा रहे हैं।
Vishnu Ka Sushasan: बस्तर को कभी माओवादियों की राजधानी माना जाता था और यहां माओवादियों के शीर्ष नेता अब पुलिस की सीधी पहुंच में हैं।यही वजह है कि अबूझमाड़ जैसे सबसे सुरक्षित ठिकाने में पुलिस ने माओवादियों के देश के शीर्ष कमांडर बसवराज को मुठभेड़ में मार गिराया। वहीं दूसरी तरफ चार सीसी कैडर के नक्सली नेता अब तक मारे जा चुके हैं। छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे महाराष्ट्र, तेलंगाना, उड़ीसा में भी अधिकांश शीर्ष नक्सली मारे जा चुके हैं।
वहीं बस्तर में जहां सातों जिले नक्सल प्रभावित थे उनमें से अब केवल तीन जिलों में ही नक्सलवादियों की गतिविधियां सीमित रह गई हैं। इन्हें भी जल्द ही पुलिस खत्म करने की तैयारी कर रही है। 31 मार्च 2026 तक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में न केवल नक्सलवाद के सफाई बल्कि शांति सुरक्षा और विकास के लिए नए पुलिस कैंप खोले जा रहे हैं। साल भर में ही 29 नए कैंप खोले गए हैं और इन कैंपों के नजदीक नियद नेलनार योजना जारी है, विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। गांव-गांव तक इंटरनेट मोबाइल कनेक्टिविटी, रोड कनेक्टिविटी सरकारी योजनाओं का हर ग्रामीण तक पहुंचाना सुनिश्चित करने की कोशिश छत्तीसगढ़ सरकार कर रही है। इस दिशा में अगले 1 साल तक व्यापक स्तर पर काम करने का लक्ष्य रखा गया है।
आरआरपी के तहत अंदरूनी क्षेत्रों में सड़क भी बनाई जा रही हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए काम किए जा रहे हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए सरकार ने बीजापुर में 117 गांव, सुकमा में 128, नारायणपुर में 56, कांकेर में 7, दंतेवाड़ा में 13 गांव को नियदनेलनार योजना के तहत चयनित किया है। इस तरह बस्तर संभाग में 6 जिलों में 321 गांव को चिन्हित किया गया है। जहां तेजी से विकास कार्य संचालित किये जा रहे हैं।