CG Ki Baat | Photo Credit: IBC24
रायपुर: CG Ki Baat गुरूवार को साय कैबिनेट बैठक में दो फैसले ऐसे हुए। जो सीधे तौर पर व्यापारियों और युवाओं को राहत देते दिखते हैं। युवाओं को शासकीय भर्ती के लिए हुई परीक्षा फीस में राहत मिलेगी तो वहीं वैट के हजारों लंबित केस निराकृत हो जाएंगे। यानी दो वर्गों के हजारों लोगों को सीधी राहत यानि फीलगुड और सियासत में फीलगुड पॉलिटिक्स का भी बड़ा रोल रहा है लेकिन क्या इन फैसलों को केवल सियासी लाभ की मंशा से लिया गया या फिर लॉन्ग टर्म में इसके लाभ होने वाले हैं।
CG Ki Baat राजधानी रायपुर में साय सरकार ने कैबिनेट बैठक में कुछ बड़े मुद्दों पर अहम फैसले लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में छोटे व्यापारियों के 10 साल पुराने मामले और 25 हजार तक की देनदारी वाले केस माफ होगें, NIFT के कैंपस को मंजूरी दी गई जो कि 271.18 करोड़ की लागत से बनेगा, इस इंस्टीट्यूट के जरिए, प्रदेश के युवाओं को फैशन डिजाइनिंग और प्रबंधन क्षेत्र में प्रशिक्षण मिलेगा, साथ ही रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, इसके अलावा BEML संयंत्र स्थापना को मंजूरी दी गई,PDS में शक्कर वितरण के लिए सहकारिता शक्कर कारखाना से शक्कर खरीदने का फैसला हुआ।
कैबिनेट के फैसलों में दो अहम फैसले लिए गए। पहला लोक सेवा आयोग और दूसरी प्रतियोगी एग्जाम देने पहुंचे अभ्यर्थियों का शुल्क वापस किया जाएगा। शुल्क इसीलिए ताकि बेकार की भीड़ पर नियंत्रण हो सके, शुक्ल वापसी इसीलिए ताकि सीरियस अभ्यर्थियों को लाभ मिल सके। दूसरा- छोटे व्यापारियों को प्रोत्साहित करते वेट संबंधी 10 साल पुराने, 25 हजार तक की देनदारी वाले केस माफ किए जाऐंगे।
सत्ता पक्ष का दावा है कि इन कदमों से प्रदेश के हजारों छोटे कारोबारियों और स्थानीय बाजार को लाभ मिलेगा। दूसरी तरफ सैंकड़ों स्टूडेंट्स को परीक्षा शुल्क को लेकर राहत मिलेगी। हालांकि विपक्ष इस दावे के उलट, सरकार पर एक बार फिर संबंधित वर्ग के बड़े मुद्दों और समस्याओं को छोड़ छोटे-छोटे फीडगुड फैक्टर का दावा कर छलावा कर रही है।
कैबिनेट की बैठक के फैसलों पर बहस नई नहीं है, पक्ष-विपक्ष के दावों से इतर सवाल ये है कि क्या ये सब फीलगुड पॉलिटिक्स के लिए है या इसमे या वाकई इन फैसलों से कारोबारियों और परीक्षार्थियों को लाभ होगा। क्या वाकई छोटी राहतों के साथ बड़ा राजनीतिक दांव खेला गया है?