Caste Census | Photo Credit: IBC24
रायपुर: Caste Census देश में जातिगत जनगणना के ऐलान के साथ ही दो बाते एक साथ दिख रही हैं। पहला जातिगत जनगणना कराने के क्या लाभ होंगे, किसे होंगे और इसे लेकर क्रडिट किसका?
Caste Census बीते दिनों केंद्रीय कैबिनेट ने देश में जातिगत जनगणना कराने का ऐलान किया। जिसके तहत इसी साल होने वाली जनगणना में जातियों का भी कॉलम होगा। सभी पार्टियों ने इसका स्वागत किया है। कांग्रेस ने इसका क्रेडिट राहुल गांधी की इस बारे में लगातार उठाई जाने वाली मांग को दिया साथ ही, छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने एक बार फिर OBC आरक्षण का मुद्दा उछालकर बीजेपी को घेरने का प्रयास किया।
दरअसल 2018- 23 के बीच कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में क्वांटिफिएबल डाटा आयोग का गठन किया जिसे प्रदेश में OBC वर्ग का सर्वे कर आंकड़ा जुटाने कहा गया, लेकिन क्वांटिफिएबल डाटा आयोग की कोई भी रिपोर्ट कभी सार्वजनिक नहीं हुई। पिछळी कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में ओबीसी वर्ग के लिए 27 फीसद आरक्षण वाला विधेयक पास कर राज्यपाल के पास भेज दिया। जो आज भी राजभवन में मंजूरी के लिए अटका हुआ है। मामला कोर्ट तक पहुंच चुका है। अब कांग्रेस ने तंज कसते हुए, उम्मीद जाहिर की है कि केंद्र के जातीय जनगणना फैसले से पिछड़ा वर्ग सशक्त होगा। पूर्व सीएम भूपेश बघेल पूछा कि क्या BJP, प्रदेश में OBC को 27% से कम मानती है, राज्यपाल इसे कब लागू करेंगे। जवाब में भाजपा ने पलटवार कर कहा कि कांग्रेस हमेशा सत्ता में बने रहने के लिए, अधूरा और असंवैधानिक काम करती है।
कुल मिलाकर जाति जनगणना के लिए कांग्रेस खुद क्रेडिट लेते हुए, इसे सीधे-सीधे OBC वर्ग से जोड़कर बीजेपी को घेरने में जुटी है तो दूसरी तरफ बीजेपी क्वांटिफिएबल डाटा रिपोर्ट के बहाने कांग्रेस को OBC हितों ने नाम पर केवल सियासी लाभ उठाने का आरोप लगा रही है। सवाल है क्या ये केवल क्रेडिट लेने की होड़ है या फिर OBC वर्ग का सगा बन उनका साथ पाने की चाह?