CG Congress Protest | Photo Credit: Photo Credit: IBC24
रायपुर: CG Congress Protest शराब घोटाले में पूर्व सीएम के बेटे की गिरफ्तारी पर सियासी घमासान जारी है। प्रदेश भर में कांग्रेस ने आर्थिक नाकेबंदी कर अपना विरोध जताया। जाहिर तौर पर इसकों लेकर बयान, सवाल और आरोपों का सिलसिला दिनभर चलता रहा और काफी तेज रहा। पर सवाल ये है कि गिरफ्तारी का जवाब आर्थिक नाकेबंदी से करने के पीछे क्या तुक है? नाकेबंदी को कारोबारियों से कितना समर्थन मिला? क्या घोटाले के आरोप का प्रतिउत्तर आर्थिक नाकेबंदी हो सकता है? कांग्रेसियों ने विरोध अकेले चैतन्य के लिए किया या फिर पार्टी के लिए? सत्तापक्ष के लोग एक सवाल ये भी पूछ रहे हैं कि ऐसा ही विरोध प्रदर्शन पूर्व मंत्री कवासी लखमा के समर्थन में क्यों नहीं हुआ?
CG Congress Protest मंगलवार दिन भर कांग्रेस ने सड़कों को जाम कर ED के खिलाफ विरोध प्रदर्शित किया। शराब घोटाले में ED की छापेमारी, पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी, तमनार में पेड़ों की कटाई जैसे मुद्दों पर कांग्रेसियों ने प्रदेशभर के तमाम अहम नेशनल हाईवे को जाम किया। कांग्रेस का सीधा आरोप है कि बीजेपी सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों को जानबूझकर पूर्व CM, उनके परिवार और विपक्ष के नेताओं के पीछे लगा रखा है ताकि बिना रोक-टोक छत्तीसगढ़ की खनिज संपदा और जंगलों की लूट मचा सकें।
इधर, बीजेपी ने कांग्रेस के विरोध को महज एक नेता, उनके बेटे, उनके परिवार को बचाने की मुहिम बताया। बीजेपी का आरोप है कि अपनी सरकार और पूर्व CM के परिवार के भ्रष्टाचार को बचाने पूरी पार्टी सड़क पर उतार दी गई है। तंज कसा कि ये तो चोरी_और_सीनाजोरी है।
कांग्रेस के चक्काजाम पर पक्ष-विपक्ष की सियासी बयानबाजी से इतर पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की 5 दिनों की रिमांड खत्म होने पर ED ने आगे रिमांड नहीं मांगी, जिसके बाद चैतन्य को कोर्ट ने न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया। सवाल ये है कि ED के एक्शन के खिलाफ प्रदेश के नेशनल हाईवेज पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस की आर्थिक नाकेबंदी से परेशान आम जनता क्या भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी जांच और एक्शन के विरोध के साथ है?