गर्भवती महिलाओं की तलाश कर लिंग ​जांच के लिए प्रेरित कर​ती है ये आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, अल्ट्रासाउंड सेंटर से मिलता है 10 हजार

गर्भवती महिलाओं की तलाश कर लिंग ​जांच के लिए प्रेरित कर​ती है ये आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, अल्ट्रासाउंड सेंटर से मिलता है 10 हजार

  •  
  • Publish Date - January 16, 2020 / 03:56 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:12 PM IST

ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ऑपरेशन माफिया का असर अब उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिल रहा है। जहां लिंग परीक्षण की शिकायत के बाद ग्वालियर की टीम ने उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में अल्ट्रासाउंड सेंटर पर छापामार कार्रवाई की है। इस दौरान प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अमले को झांसी के जयमाता दी अल्ट्रासाउंड सेंटर पर काफी गड़बड़ियां मिली है। साथ ही लिंग परीक्षण होते हुए भी मिला है।

Read More: मालगाड़ी से भिड़ंत के बाद लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस के 7 डिब्बे पटरी से उतरे, 30 से ज्यादा यात्री घायल, 5 की हालत गंभीर

दरअसल यह कार्रवाई ग्वालियर कलेक्टर के निर्देश पर की गई थी। बताया जा रहा है कि ग्वालियर कलेक्टर को लगातार शिकायत मल रही थी कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ऐसी महिलाओं की तलाश करती हैं, जो गर्भवती हैं। इसके बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं उन्हें लिंग परीक्षण कराने की सलाह देती, साथ लिंग परीक्षण के लिए झांसी के अल्ट्रासाउंड ले जाती है।

Read More: माध्यमिक शिक्षा मंडल ने जारी किया डीएलएड प्रथम और डीएड द्वितीय वर्ष के परिणाम, यहां देखें रिजल्ट

शिकायत के आधार पर जिला कलेक्टर ने एक टीम गठित कर जयमाता दी अल्ट्रासाउंड छापामार कार्रवाई की। इस टीम में दो महिला आईएएस अधिकारियों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग ओर क्राइम ब्रांच के अधिकारी भी मौजूद थे। इस दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अरुणा राठौर, संतोष यादव ओर अल्ट्रासाउंड के मालिक राम नरेश पटेल को मौके पकड़ा है।

Read More: आज कमलनाथ कैबिनेट की बैठक, इन अहम प्रस्ताओं पर चर्चा के बाद लग सकती है मंत्रिमंडल की मुहर

मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार अरुणा राठौर ने शुरुआती पूछताछ के दौरान तीन लिंग परीक्षण की बात कबूल की है। उसके मुताबिक ग्वालियर में वह ऐसी महिलाओं को तलाश करती थी, जो गर्भवती है। वह उन्हें झांसी में ले जाकर लिंग परीक्षण कराती थी। इसके एवज में उसे दस हजार रुपए मिलते थे। फिलहाल अल्ट्रासाउंड के मालिक राम नरेश पटेल के साथ-साथ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अरुणा राठौर और सुभाष यादव को गिरफ्तार कर लिया है। इनके ऊपर पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही लिंग परीक्षण के रैकेट का खुलासा करने वाले अफसरों को उम्मीद है कि इस मामले में कई और बड़े खुलासे हो सकते हैं।

Read More: Watch Video: पुरानी रंजिश का बदला लेने पड़ोसी के घर पहुंचे हवलदार के बेटे, नहीं मिला युवक तो बाइक पर निकाला गुस्सा

लिंग परिक्षण कानून
1. गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम, 1994 के तहत गर्भाधारण पूर्व या बाद लिंग चयन और जन्‍म से पहले कन्‍या भ्रूण हत्‍या के लिए लिंग परीक्षण करना गुनाह है।
2. भ्रूण परीक्षण के लिए सहयोग देना व विज्ञापन करना कानूनी अपराध है। इसके तहत 3 से 5 साल तक की जेल व 10 हजार से 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
3. गर्भवती स्त्री का जबर्दस्ती गर्भपात करवाना अपराध है। ऐसा करने पर आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।
4. धारा 313 के तहत गर्भवती महिला की मर्जी के बिना गर्भपात करवाने वाले को आजीवन कारावास या जुर्माने से भी दण्डित किया जा सकता है।
5. धारा 314 के तहत गर्भपात करने के मकसद से किये गए कार्यों से अगर महिला की मौत हो जाती है तो दस साल की कारावास या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
6. आईपीसी की धारा 315 के तहत शिशु को जीवित पैदा होने से रोकने या जन्म के बाद उसकी मृत्यु मकसद से किया गया कार्य अपराध होता है, ऐसा करने वाले को दस साल की सजा या जुर्माना दोनों हो सकता है।

Read More: माध्यमिक शिक्षा मंडल ने जारी किया डीएलएड प्रथम और डीएड द्वितीय वर्ष के परिणाम, यहां देखें रिजल्ट