18 महीने बनाम 15 साल! रमन की सरकार में 30 से अधिक घोटाले, भूपेश सरकार ने महज 18 महीने में पूरे किए 36 में से 22 वादे

18 महीने बनाम 15 साल! रमन की सरकार में 30 से अधिक घोटाले, भूपेश सरकार ने महज 18 महीने में पूरे किए 36 में से 22 वादे

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  • Publish Date - July 7, 2020 / 10:54 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:48 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस ने मंगलवार को प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वर्तमान सरकार के 18 महीने और पूर्ववर्ती रमन सरकार के कार्यकाल के 15 साल के समीक्षा की। इस दौरान सरकार के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे और वन ​मंत्री मोहम्मद अकबर ने 18 महीने बनाम 15 साल के कार्यों की समीक्षा करते हुए पूर्व सीएम रमन सिंह और भाजपा को आड़े हाथों लिया। भाजपा सरकार की एक—एक योजनाओं और कार्यों की समीक्षा करते हुए रविंद्र चौबे और मोहम्मद अकबर जमकर बरसे।

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मीडिया को संबोधित करते हुए रविंद्र चौबे ने कहा कि 15 साल की नाकामी के नायक का धारावाहिक बयान चल रहा है। सत्ता हाथ से जाने के बाद अब उनकी कुंभकरणी नींद खुली है और हमारे मुख्यमंत्री से पूछ रहे हैं ब्लू प्रिंट कहां है? चौबे ने बताया कि उनके 15 साल के घोटालों और भ्रष्टाचार का ब्लैक प्रिंट उनके पास है। 15 साल का वादा उनको याद रखना चाहिए। जीरम कांड, सारकेगुड़ा, झलियामारी दुष्कर्म, मीना खलखो की रेप और हत्या, अंतागढ़ टेप कांड, केदार कश्यप की पत्नी के किसी दूसरे के नाम से परीक्षा देने का मामला, नसबंदी, आंखफोड़वा कांड, किसानों की आत्महत्या, डीएमएफ घोटाले, महानदी के पानी को बेचने का मामला , एमओयू करके जमीन को बेचने का मामला, नान घोटाला, खदान घोटाला, धान घोटाला, पनामा पेपर लीक घोटाला, रतनजोत घोटाला, लक्ष्मी सहकारी बैंक घोटाला, पाठ्य पुस्तक घोटाला, डीकेएस भवन घोटाला, ई-टेंडरिंग घोटाला, बारदाना घोटाला, एक्सप्रेस वे घोटाला कैनाल लिंक रोड घोटाला, भर्ती घोटाला, स्मार्टकार्ड घोटाला, स्टाम्प शुक्ल घोटाला, शराब के धंधे के कमीशनखोरी का मामला, शराब के धंधे के कमीशनखोरी की बात को तो वो खुद कबूल चुके हैं। अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला पर जवाब कौन देगा? रमन सिंह को इन घोटालों को भूलना नहीं चाहिए, रमन इन बातों का जवाब दें। आने वाले दिनों में 180 महीनों के 180 घोटाले हम बताएंगे। रविंद्र चौबे ने मीडिया के सामने रमन सिंह के शासनकाल के घोटालों की लंबी फेहरिस्त पेश की।

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इस दौरान वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि 2003 में 4 प्रमुख वादे थे, हर आदिवासी को गाय, बेरोजगारी भत्ता, किसानों को मुफ्त बिजली देने की बात की थी। 2008 में भी की रमन​ सिंह ने प्रदेश की जनता से वादे किए थे, जिनमें किसानों, बेरोजगारों और स्थानीय कलाकारों से किया वादा नहीं निभाया। 2013 में धान का समर्थन मूल्य 21 सौ दिए जाने की पहल करने का वादा किया था, एक एक दाना धान खरीदने का वादा किया था, मेट्रो और मोनो रेल दिलाने का वादा, छ्त्तीसगढ़ को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की बात की पर लेटर तक नहीं लिखा, मनरेगा में 150 दिन का रोजगार देने का वादा, बायो डीजल सबसे बड़ा घोटाला। इन वादों में से एक भी अगर पूरा किए हैं तो रमन सिंह सामने आए बयान दें।

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मोहम्मद अकबर ने आगे कहा कि भूपेश सरकार ने जनता से 36 वादे किए, जिसमें से 22 पूरे किए हैं। वो भी महज 18 महीने में!

  • 244 करोड़ का सिंचाई कर माफ किया,

  • 8755 करोड़ का कर्जमाफी,

  • 82.80 मैट्रिक टन धान खरीदी का रिकॉर्ड बनाया,

  • अंतर की राशि सबको दी जा रही है,

  • वनवासियों को बड़े पैमाने पर कार्य उपलब्ध कराया,

  • 73प्रतिशत लघुवनोपज की खरीदी की गई,

  • तेंदूपत्ता के दाम बढ़ाए गए,

  • बड़े पैमाने पर मास्क खरीदी की गई,

  • तेंदूपत्ता का 649 करोड़ का भुगतान किया जाएगा,

  • सभी परिवारों को राशनकार्ड से जोड़ा गया,

  • मनरेगा में देशभर पर प्रथम स्थान का काम किया जा रहा है,

  • 3 एलिफेंट रिजर्व पर कार्य किया गया,

  • लेमरू हाथी रिजर्व के का दायरा बढ़ाया गया है,

  • कोल ब्लॉक निलामी का हमने विरोध किया है,

  • कोल ब्लॉक नहीं वन्यप्राणी, जीव-जंतु हमारी पहली प्राथमिकता है,

  • कलेक्टर गाइडलाइन में 30 फीसदी की कमी की,

  • छोटे भूखंडों की रजिस्ट्री शुरू की गई,

  • लोहंडीगुड़ा में टाटा से जमीन किसानों को वापस दिलाई गई,

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इस दौरान माहम्मद अकबर ने संसदीय सचिव की नियुक्ति और आरटीओ बैरियर फिर से शुरू किए जाने को मुद्दों को लेकर भी रमन सिंह पर पलटवार किया। मोहम्मद अकबर ने कहा कि संसदीय सचिव के नियुक्ति में हाईकोर्ट के निर्देश का पालन किया जाएगा। आरटीओ बैरियर लूट-खसूट का अड्डा है, क्या यह 13 साल बाद रमन सिंह को पता चला? अगर किसी कार्यालय में भ्रष्टाचार हो रहा है, तो हम भ्रष्टाचार को रोकेंगे। वे-ब्रिज का निर्माण किया गया है, बैरियर हटाने से 3 साल छत्तीसगढ़ को 336 करोड़ रुपए राजस्व का नुकसान हुआ है। शराबबंदी की कमेटी ने काउंटर बढ़ाने के रिपोर्ट दी थी, बीयर को बढ़ावा देने की अनुशंसा की गई थी। रमन सिंह को और मेहनत करने की आवश्यकता है। उन्होंने रमन सिंह को सलाह देते हुए कहा कि ट्वीट करने से कुछ नहीं होगा, ट्वीट से जनता के विचार को ट्विस्ट नहीं किया जा सकता।