लिव-इन पर HC की सहमति, कहा- हम उन्हें रोक नहीं सकते, लेकिन प्रेमी को हर 7वें दिन देनी होगी सुखी रहने की रिपोर्ट
लिव-इन पर HC की सहमति, कहा- हम उन्हें रोक नहीं सकते, लेकिन प्रेमी को हर 7वें दिन देनी होगी सुखी रहने की रिपोर्ट
ग्वालियर, मध्यप्रदेश। लिव-इन रिलेशन में रह रहे युवक-युवती काे हाईकाेर्ट की ग्वालियर बेंच ने साथ रहने की इजाजत दी है। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान युवती ने कहा कि मैं बालिग हूं और युवक के साथ रहूंगा। युवती की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि युवक और युवती बालिग हैं और आपसी सहमति से साथ रहना चाहते हैं, ताे रह सकते हैं।
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फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने यह शर्त रखी है कि प्रेमी को हर 7वें दिन सुखी रहने की रिपोर्ट देनी होगी। शपथ पत्र में युवक बताएगा कि युवती उसके साथ सुखी से है। जानकारी के अनुसार मुरैना के रहने वाले शख्स ने हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था।
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युवक ने कहा कि मैं और मेरी प्रेमिका दोनों साथ-साथ रह रहे थे। लेकिन घरवालों को इस पर आपत्ति हुई। उन्होंने अवैध रूप से अपने कब्जे में ले लिया है। जिसे मुक्त कराए जाए। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए दोनों को शर्त के साथ लिव-इन रिलेशन में रहने की इजाजत दी है।
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