रेत खदानों की नीलामी सरकारी खजाने में आए 1234 करोड़ रुपए, नई रेत नीति से सरकार को 5 गुणा अधिक मुनाफा

रेत खदानों की नीलामी सरकारी खजाने में आए 1234 करोड़ रुपए, नई रेत नीति से सरकार को 5 गुणा अधिक मुनाफा

रेत खदानों की नीलामी सरकारी खजाने में आए 1234 करोड़ रुपए, नई रेत नीति से सरकार को 5 गुणा अधिक मुनाफा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:05 pm IST
Published Date: December 8, 2019 4:09 am IST

भोपाल: सरकार ने नई रेत नीति से प्रदेश के 36 जिलों में खदानों की नीलामी कर दी है। इस नीलामी से सरकारी खजाने में इस बार 1234 करोड़ रुपए आए हैं। रेत खदानों की निलामी से आए राजस्व बीते वर्षो की कमाई के मुकाबले करीब पांच गुना ज्यादा हैं। 2016 से अब तक रेत खदान नीलामी से सरकार 220 से 250 करोड़ ही कमाती रही है।

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नई रेत नीति को लेकर खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कहा कि अब हमारा पूरा ध्यान इस बात पर होगा कि रेत की कीमतें न बढ़ पाएं। होशंगाबाद, सीहोर और भिंड जिलों की सबसे महंगी खदानें तेलंगाना के पावरमैक समूह को मिलीं हैं। नई खदान तीन साल के लिए दी जा रही हैं। विभाग की तरफ से ऑनलाइन टेंडर निकाले गए थे, जिसमें 43 जिलों की रेत खदानों के लिये टेंडर के माध्यम से लोगों को आमंत्रित किया गया था। इसमें से 36 जिलो में खदानों की नीलामी हुई। बाकि बचे 7 जिलों में भी जल्द ही टेंडर दे दिए जाएंगे। दें कि सभी 43 जिलों के लिये सरकारी आरक्षित मूल्य 475 करोड़ रूपए रखा गया था।

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