फिर बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, MP में जारी है संग्राम ! एक लीटर पर 12 रु बचाने की तरकीब लगा रहे लोग | Petrol and diesel prices increased again The struggle continues in MP! You also see the trick to save Rs.12 on a liter

फिर बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, MP में जारी है संग्राम ! एक लीटर पर 12 रु बचाने की तरकीब लगा रहे लोग

फिर बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, MP में जारी है संग्राम ! एक लीटर पर 12 रु बचाने की तरकीब लगा रहे लोग

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:53 PM IST, Published Date : June 16, 2021/5:23 pm IST

भोपाल । महंगाई और खास तौर पर पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर आम जनता इस किस कदर त्रस्त है…ये किसी से छिपा नहीं है…आए दिन पेट्रोल-डीजल के बढते दामों का असर कहें या मजबूरी…आम इंसान तो छोड़िए सरकारी अमला तक इन दिनों प्रदेश की सीमा पार कर…पड़ोसी राज्यों से सस्ता पेट्रोल-डीजल लाने लगा है।  पड़ोसी राज्यों से पेट्रोल-डीजल लाकर उसे बिना लाइसेंस के बेच भी रहा है। सवाल पूछो तो सियासी दलों का अपने ही आरोप और तर्क हैं …पर सवाल आम जनता का है…उसकी बदहाली का है…उसे राहत मिलने का है…वो कब मिलेगी…कैसे मिलेगी…इसका जवाब कोई दल…कोई नेता नहीं दे पा रहा है ।

महामारी के इस दौर में महंगाई की मार भी जारी है।  कोरोना से थोड़ा संभले ही थे, कि महंगाई डायन से जकड़ लिया है।  पेट्रोल डीजल के भाव  इतने बढ़ गए हैं कि ये आम आदमी की पहुंच से दूर होते जा रहे हैं। पेट्रोल ने ऐसा शतक मारा है कि बड़े-बड़े बल्लेबाज भी क्या मारते होंगे।  इन सारे मजमूमों का लब्बोलुयाब ये हैं कि जनता बेहद परेशान है। उसे कुछ सूझ नहीं रहा.. उसे कहीं से भी राहत नजर नहीं आ रही है।

बता दें कि  बालाघाट  के लोगों का आजकल बॉर्डर पार छत्तीसगढ़ जाना कुछ ज्यादा ही हो गया है।  वजह.. पेट्रोल.. क्योंकि बॉर्डर उस पार पेट्रोल के दाम कम हैं। बालाघाट के लोग जहां एक लीटर पेट्रोल के 107 रुपए से ज्यादा दे रहें तो छत्तीसगढ़ में ये 95 रुपए 60 पैसे। … फायदा पूरे 12 रुपए का। यही वजह है कि वहीं दतिया के लोग भी यूपी के झांसी का रुख रहे हैं।

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दूसरे राज्यों से पेट्रोल डीजल के लिए आम जनता ही परेशान नहीं है, बल्कि सरकारी अमला भी मजबूर है। इन दिनों भोपाल नगर निगम समेत कई अन्य निकाय उत्तर प्रदेश से डीजल खरीद रहे हैं। झांसी में नगर निगम को छूट के बाद डीजल 83 रुपए 50 पैसे मिल रहा है, जबकि भोपाल में डीजल की कीमत 96 रुपए 10 पैसे है। मतलब निगम को 12 रुपए 60 पैसे की बचत हो रही है। इतना ही नहीं निगम, भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड की बसों के लिए डीजल बेच रहा है, वो भी बिना लाइसेंस…

इस बारे में जब निकायों के मुखिया मंत्री भूपेंद्र सिंह से सवाल किया तो जबाव मिला कि निकाय गलत कर रहे हैं, उन्हें निर्देश जारी किया जाएगा..वहीं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा तो इस मामले से पल्ला ही झाड़ लिया।

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पेट्रोल के रेट पर मौके की तलाश में बैठी कांग्रेस भी हमलावर है।  पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सरकार भले ही पूरी कमाई डीजल-पेट्रोल से कर रही है…लेकिन सरकारी विभाग टैक्स का फायदा यूपी को पहुंचा रहे हैं। इनकी बात भी सही है.. वैसे सबसे हैरान करने वाला बयान वित्त मंत्री जदगदीश देवड़ा की तरफ से आया है,  उन्होंने सरकार की मजबूरी का हवाला दे दिया है।  

वहीं  ईधन केदाम बढ़ने से इंदौर  के ट्रांसपोर्टर्स भी बेहद परेशान हैं… क्योंकि बढ़ते डीजल का भार उनकी जेबों पर भी असर डाल रहा है। आलम ये है कि इंदौर में केवल 30 से 35 फीसदी ट्रक ही चल रहे हैं।  बीते दो महीने के बंद के चलते 200 करोड़ का नुकसान ट्रांसपोर्टर्स को हुआ है।

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कुल मिलाकर बढ़ते दाम से आम आमदी से लेकर सरकारी अमला और ट्रांसपोर्ट्स तक, सब का बुरा हाल है, क्योंकि सरकार कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी का हवाला देकर दाम बढ़ाए जा रही है तो विपक्ष के अपने दावे हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि बढ़ती महंगाई पर लगाम आखिर कब लगेगी। और जनता को राहत कब मिलेगी ?