सरकार की नई धान कस्टम मिलिंग नीति के विरोध में राइस मिल, बोले- अधिकारी मनमानी पर उतर आए हैं..

सरकार की नई धान कस्टम मिलिंग नीति के विरोध में राइस मिल, बोले- अधिकारी मनमानी पर उतर आए हैं..

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  • Publish Date - November 14, 2019 / 12:14 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:25 PM IST

रायपुर। राज्य सरकार की नई धान कस्टम मिलिंग नीति के विरोध में छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस मिलर्स एसोसियेशन ने रायपुर में बैठक बुलाकर मिलिंग बंद करने का निर्णय लिया है। बैठक में निर्णय लिया गया की संघ के सदस्य शुक्रवार को मुख्य सचिव के सामने अपनी मांगे रखेंगे और अगर मांगे पूरी नहीं हुई तो कोई भी मिलर धान की मिलिंग नहीं करेगा।

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एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश रूंगटा ने बताया ने कि पूर्व में मिल संचालक को अरवा चावल की मिलिंग के लिए केंद्र से 10 रुपए और राज्य सरकार से 30 रुपए प्रति क्विंटल यानी कुल 40 रुपए प्रोत्साहन राशी मिलती थी, लेकिन नई नीति में राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली राशी बंद कर दी गई है। अब मिल कर को क्विंटल में सिर्फ 10 रुपए ही मिलेंगे।

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साथ ही दो माह उसना चावल की मिलिंग के बाद मिलने वाली 10 रुपए प्रति क्विंटल की राशी भी बंद कर दी गई है। मिल संचालकों ने आरोप लगाया की अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। शासन धान खरीदी अपने हिसाब से कर रही है पर प्रोत्साहन राशी केंद्र के अनुसार दी जा रही है। अधिकारियों ने बारादाना और लोडिंग-अनलोडिंग की राशी में भी मनमाना बदलाव कर दिया है। संघ के सदस्यों ने मुख्यमंत्री से इस मामले में संज्ञान लेने का अनुरोध किया है।

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