रायपुर: अंतागढ़ टेपकांड मामले में एक बार तेजी आ गई है। मामले के मुख्य आरोपी मंतूराम पवार मंगलवार को वाइस सेंपल देने एसआईटी के दफ्तर पहुंचे। उन्होंने नियमों का पालन करते हुए वाइस सैंपल दिया। इसके बाद अब एसआईटी की टीम ने दूसरे आरोपी फिरोज सिद्दीकी सहित अन्य लोगों को वाइस सेंपल के लिए बुलाने का फैसला लिया है। एसआईटी बुधवार को फिरोज सिद्दीकी का वाइस सेंपल लेगी। वहीं, एसआईटी ने यह भी कहा है कि अन्य आरोपियों ने अब तक वाइस सेम्पल के लिए सहमति नहीं जताई है। अगर वे हाजिर मामले से जुड़े अन्य लोग एसआईटी नहीं पहुंचे तो उन्हें कोर्ट के माध्यम से बुलाया जाएगा।
वाइस सेंपल देने एसआईटी दफ्तर पहुंचे मंतूराम को औपचारिकता पूरी करने के बाद मेकाहारा अस्पताल ले जाया गया। इसके बाद उनका वाइस सेंपल लिया गया।
मामले में एसआईटी टीम के अधिकारी अभिषेक माहेश्वरी ने बताया कि मंतूराम पवार को नोटिस जारी किया गया था, उन्होंने वॉइस सैंपल देने की इच्छा जाहिर की थी। आज वो उपस्थित हुए थे, पहले उनसे सहमति ली गई। सहमति लेने के बाद मेकाहारा के ऑडियो लॉजिकल्स में सैंपल के लिए लाया गया। सैंपल लेने के लिए एक ऐसे जगह की जरूरत है रहती है, जहां बाहर की आवाज न आए। मंतूराम पवार ने वॉइस सेंपल दिया है। फिरोज सिद्दीकी को भी नोटिस जारी किया गया है। कल वॉइस सैंपल देने के लिए उपस्थित होने को कहा गया है। उन्होंने भी अपनी सहमति जताई उपस्थित होने पर उनसे भी सहमति जताई है। बाकी आरोपियों से सहमति लेने का प्रयास किया गया था। लेकिन उन्होंने सहमति नहीं दी। बाकि लोगों के कोर्ट के माध्यम से सैंपल लेने के प्रयास किया जाएगा। वॉइस सैंपल को सीडी के माध्यम से जांच के लिए भेजा जाएगा। रिकार्डिंग में जो शब्द हैं उससे मिलते जुलते शब्द बुलवाये गए हैं।करीब 20 मिनट की रिकॉर्डिंग हुई है। उसे जांच के लिए भेजा जा रहा है। उन्हें ट्रांसक्रिप्ट तैयार करके दिया गया था।
इससे पहले मंतूराम पवार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एसआईटी के माध्यम से मेरे पास नोटिस आया था। मैं स्वयं की इच्छा से कानून का सहयोग कर रहा हूं, क्योंकि अंतागढ़ प्रकरण में मेरे ऊपर भी बहुत सारे आरोप पहले से लगे हुए हैं। मैं चाहता हूं दूध का दूध और पानी का पानी हो। मेरा तो मानना है कि मंतूराम पवार ही क्यों इसमें जिस जिस का नाम है सभी को कानूनी कार्रवाई का यहयोग करना चाहिए। चाहे वे पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के दमाद डॉ पुनीत गुप्ता हो, चाहे पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी हो। सारे लोगों को बिना कहे इस प्रकरण को जल्दी से जल्दी कानूनी रूप देने के लिए निराकरण करने के लिए एसआईटी के सामने आकर सहयोग करना चाहिए।
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मंतूराम ने आगे कहा कि मैं देख रहा हूं पिछले समय से पीछे ही रहने की कोशिश हो रही है। एसआईटी और न्यायालय को सहयोग नही किया जा रहा है। इसका मतलब दाल में काला नहीं दाल ही पूरी काली है। इनके ऊपर मेरा आरोप है इन लोगों ने मंतूराम पवार को नाम वापसी के लिए भी मजबूर किया था। मैं भाजपा में चला गया, वहां भी डरा धमकाकर 5 साल तक डॉक्टर रमन सिंह ने रखा। आज खरीदी बिक्री में भी मेरा डायरेक्ट आरोप है कि रमन सिंह और अजीत जोगी की इसमें अहम भूमिका है। ऐसी स्थिति है तो इन लोग वॉइस देने क्यों नहीं आ रहे हैं? अपनी बात को स्पष्ट क्यों नहीं कर रहे हैं?
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मैं तो कहना चाहता हूं डॉक्टर रमन सिंह जी को आपका दामाद केस में संलग्न हैं। अगर ऐसा नहीं है तो आप के दमाद को भेजिए वॉइस देने के लिए। इसमें डरने की बात नहीं है। देखिए मिलान के बारे में मैं कहूं मेरी आवाज है तो मुझे थोड़ा बहुत भी शक नहीं होगा। मैं एसआईटी से निवेदन करना चाहूंगा मेरे आवाज को मेरे सामने रखा जाए। यदि मेरे सामने रखेंगे तो मुझे टेली करने की जरूरत नहीं होगी। मैं आवाज को स्वयं ही पहचान लूंगा यह मेरी ही आवाज है। सरकार जब जब इस मामले में मेरी मदद लेगी मैं सहयोग करूंगा।