नक्सलियों का साथ छोड़ शांतिदूत बनकर ग्रामीणों के बीच पहुंचे अर्जुन, सुनाया लाल आतंक के गलियारे की काली कहानी

नक्सलियों का साथ छोड़ शांतिदूत बनकर ग्रामीणों के बीच पहुंचे अर्जुन, सुनाया लाल आतंक के गलियारे की काली कहानी

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  • Publish Date - August 26, 2019 / 05:44 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:46 PM IST

दोरनापाल: भेज्जी से चिंतागुफा मार्ग यो वो मार्ग है जहां वो नक्सलियों की बटालियन का अच्छा खास प्रभाव है। इस मार्ग मे पहला कैम्प तक़रीबन डेढ़ वर्ष पूर्व खोला गया था। नक्सलियो के आंखों मे यह कैंप इतना गढ़ने लगा कि नक्सली कई बार इस कैंप को लूटने की रणनीति बना चुके हैं, लेकिन कामयाबी हाथ नहीं लगी। इससे इस बात अंदाजा लगाया जा सकता है कि सुरक्षा बल के जवानों को यहां तक पहुंचना कितना महत्वपूर्ण होगा।

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सोमवार को सुकमा एसपी शलभ सिंहा अपने दल-बल और सीआरपीएफ 219वीं बटालियन के कमांडेट अनिल कुमार के साथ भेज्जी इलाके के एलाड़मड़गु गांव पहुंचे। यहाँ एसपी ने ग्रामीणों का ध्यानाकर्षण के लिए एक खास मेहमान को अपने साथ रखा था। जिसे देख ग्रामीणों की आंखें फटी की फटी रह गई।

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दरअसल हाल ही मे सुकमा पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किए नक्सली और कोंटा एरिया कमेटी के पूर्व सुप्रीमो अर्जुन ग्रामीणों के बीच पहुंचे थे। सरेंडर करने के बाद अर्जुन पहली बार यहां पहुंचे थे। बताया जाता है कि ग्रामीणों मे अर्जुन का ख़ौफ़ इतना था कि उस दौरान की ग्रामीण अर्जून के सामने जाने कतराते थे। लेकिन अब जब पुलिस का हिस्सा बन चुके नए अवतार में अर्जुन को देखकर ग्रामीण दंग रह गए।

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इस दौरान अर्जुन ने अपने पुराने अंदाज में ग्रामीणों को नाचते गाते हुए बताया कि नक्सलवाद से उन्हें कुछ हाथ नहीं आने वाला। सिवाए दु:ख के उन्हें कुछ नहीं मिलने वाला। अर्जुन ने गाना गाकर बताया कि नक्सली कभी भी आदिवासियों का हित नहीं चाहते बल्कि उनका उपयोग कर रहे हैं। वे आतंक की लड़ाई में आदिवासियों को ढाल बनाकर उपयोग कर रहे हैं। अर्जुन घंटेभर तक ग्रामीणों के सामने नक्सलवाद की खोखली विचारधारा से लोगों को प्रभावित करता रहा। ग्रामीण भी अर्जुन को बड़े ग़ौर से सुन रहे थे।

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ऐसा इसलिए भी था क्योंकि ये वही अर्जुन है जो कुछ माह पहले तक नक्सलियो की काली वर्दी पहनकर लोगो को पुलिस के ख़िलाफ भड़काने का काम किया करता था और अब वह पुलिस की टीम का हिस्सा बन चुका है। कार्यक्रम के दौरान एसपी शलभ सिंहा ने क्षेत्र के ग्रामीणों से अपील की है कि क्षेत्र के साथ ही यहां के आदिवासियों का विकास भी होगा। ऐसे में क्षेत्र के विकास में सहभागी बनें। सीआरपीएफ 219वी बटालियन के कमांडेट अनिल कुमार ने लोगों से कहा कि उनकी तैनाती यहां के ग्रामीणों को बेहतर माहौल देने के लिए हुई है। ऐसे में ग्रामीणों को किसी तरह की मदद की ज़रूरत पर भेज्जी स्थित कैम्प का दरवाजा हर ग्रामीण के लिए खुला हुआ है। इस दौरान द्वितीय कमान अधिकारी रविशंकर एंव कोंडा एसडीओपी चंद्रेश ठाकुर भी मौजूद रहे।

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ग्रामीणों को अफसरो ने दिया तोहफ़ा
सुकमा एसपी शलभ सिंहा एंव कमांडेट अनिल कुमार ने ग्रामीणों से उनके गांव एलाड़मड़गु जाकर अपील करने के साथ ही उंन्हें तोहफ़ा भी दिया है। सिविक एक्शन कार्यक्रम के माध्यम से सीआरपीएफ की 219वीं बटालियन द्वारा ग्रामीणों को अफसरो के हाथों कपड़े, कंबल सहित विभिन्न प्रकार की सामग्रियों का वितरण भी किया गया। पुलिस की इस पहल से ग्रामीण खुश नजर आए।

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आने वाली पीढ़ी को बचाने की अपील
एलाड़मड़गु गांव में अचानक पहुंचे सुकमा एसपी शलभ सिंहा ने ग्रामीणों से घंटे भर तक चर्चा की और बताया की नक्सली कतई नहीं चाहते कि यहां के ग्रामीणों के लिए अच्छी सड़के हो। बेहतर स्वास्थ्य सुविधा हो। ना ही नक्सली चाहते हैं कि आदिवासियों की आने वाली पीढ़ी का किसी भी तरह से विकास हो। ऐसा इसलिए क्योंकि वे चाहते हैं कि आदिवासी और गरीब हो। अनपढ़पन की बीमारी दूर ना हो सके। क्षेत्र का विकास होगा तो नक्सलवाद का ख़ात्मा हो जाएगा। एसपी शलभ सिंहा ने कहा कि नक्सली अपने बचाव के लिए यहां के आदिवासियों के जीवन को नर्क जैसा बनाए रखना चाहते हैं। ग्रामीणों से एसपी ने अपील की है कि क्षेत्र के विकास में सभी भागीदार बनें ताकि उनकी आने वाली पीढ़ी को बेहतर भविष्य मिल सके।

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ग्रामीणों को इधर-उधर भटकने की जरूरत नही – अनिल कुमार
सीआरपीएफ 219वीं बटालियन के कमांडेट अनिल कुमार ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी तैनाती क्षेत्र के विकास और यहां के लोगो को बेहतर माहौल देने के लिए हुई है। ग्रामीणों की किसी तरह की समस्या हो वे उनके कैंपों मे आएं। ग्रामीणों की हर ज़रूरत की पूर्ति की जाएगी।

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