12 दिन पहले मृत बंदर का कब्र से निकालकर किया पोस्टमार्टम, सामने आया हैरान कर देने वाला मामला

झारखंड के धनबाद में वन विभाग की कॉलोनी के भीतर पिंजरे में बंद बंदर के क़त्ल के 12वें दिन इसका पोस्टमार्टम कराया गया।

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  • Publish Date - October 14, 2022 / 04:49 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:13 PM IST

monkey post mortem : धनबाद – झारखंड के धनबाद में वन विभाग की कॉलोनी के भीतर पिंजरे में बंद बंदर के क़त्ल के 12वें दिन इसका पोस्टमार्टम कराया गया। देर से पोस्टमार्टम करने के कारण बंदर के शरीर का मांस पूर्ण रूप से गल चुका था। पशुपालन विभाग के चिकित्सकों की टीम ने जांच में पाया कि बंदर को मारने से पहले उसके एक हाथ को तोड़ दिया गया था, वहीं दूसरा हाथ कंधे के समीप से काट कर अलग किया गया था। >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां CLICK करें*<<

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monkey post mortem : वही साढ़े 3 घंटे पोस्टमार्टम 30 सितंबर को सत्यम नगर से एक बंदर को पकड़ कर फोरेस्ट कॉलोनी में पिंजरे के भीतर रखा गया था। एक अक्टूबर किसी ने बंदर का क़त्ल कर दिया। वन विभाग के अफसरों ने बिना पोस्टमार्टम के ही इसे फोरेस्ट कॉलोनी के भीतर दफना दिया था। तत्पश्चात, वन विभाग सक्रिय हुआ एवं 12 दिनों बाद बंदर का पोस्टमार्टम कराया गया। गुरूवार को जिला पशुपालन विभाग की 3 सदस्यीय टीम ने बंदर को जमीन से निकाल कर पोस्टमार्टम किया।

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monkey post mortem : वही मामले में बर्खास्त किए गए प्रभारी वनपाल वसीम अंसारी ने कहा कि वह बेगुनाह हैं। उन्हें जानबूझकर फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 30 सितंबर को वन क्षेत्र पदाधिकारी के निर्देश पर सत्यम नगर से राणा घोष एवं बजरंगी की सहायता से बंदर का रेस्क्यू कराया गया था। अगले दिन प्रातः मुझे खबर प्राप्त हुई कि पिंजरे के भीतर बंदर की मौत हो गई है। मैंने इसकी खबर वन क्षेत्र पदाधिकारी को फोन से दी। उन्होंने मुझे बंदर को वहीं दफना देने का आदेश दिया। कुछ दिनों पश्चात् मुझे बदनाम करने की नीयत से बंदर की मौत का जिम्मेदार मुझे बताया गया। जहां पर बंदर को पिंजरे में बंद करके रखा गया था, वह मेरे कार्य क्षेत्र में भी नहीं आता है। उस परिसर का मैं प्रभारी वनरक्षी भी नहीं हूं। मुझे जानबूझकर बंदर की मौत में फंसाते हुए बदनाम किया जा रहा है। विभाग ने बगैर नोटिस दिए ही कारवाई कर दी।

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monkey post mortem : जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ प्रवीण कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों की टीम ने बताया कि बंदर के एक हाथ की हड्डी कोहनी से टूटी हुई थी, जबकि दूसरा हाथ बांह से अलग था। उसे मारने से पहले बेरहमी से पीटा गया था। देर से पोस्टमार्टम होने के कारण उसका मांस गल गया है। इसका विसरा प्रिजर्व करते हुए फोरेंसिंक जांच के लिए रांची भेज दिया गया है।

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