नयी दिल्ली, नौ जुलाई (भाषा) भारत में एक दिन में कोविड-19 के 18,840 नए मामले आने से देश में अब तक संक्रमित हो चुके लोगों की संख्या बढ़कर 4,36,04,394 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 1,25,028 पर पहुंच गई।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, 43 और मरीजों के दम तोड़ने से मृतकों की संख्या बढ़कर 5,25,386 हो गई है। उपचाराधीन मरीजों की संख्या में एक दिन में 2,693 मामलों की वृद्धि दर्ज की गई है, जो संक्रमण के कुल मामलों का 0.29 प्रतिशत है, जबकि कोविड-19 से उबरने वालों की राष्ट्रीय दर 98.51 फीसदी है।
आंकड़ों के मुताबिक, संक्रमण की दैनिक दर 4.14 प्रतिशत दर्ज की गई है, जबकि साप्ताहिक संक्रमण दर 4.09 प्रतिशत है। इस संक्रमण को मात देने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4,29,53,980 हो गई है, जबकि मृत्यु दर 1.20 प्रतिशत है। वहीं, देशव्यापी कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक 198.65 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं।
गौरतलब है कि देश में सात अगस्त 2020 को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे।
देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे। पिछले साल चार मई को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। इस साल 25 जनवरी को मामले चार करोड़ के पार चले गए थे।
मंत्रालय के मुताबिक, बीते 24 घंटे में देश में जिन 43 मरीजों ने जान गंवाई है, उनमें से 19 की मौत केरल में, सात की महाराष्ट्र, तीन-तीन मरीजों की मौत दिल्ली और पश्चिम बंगाल, दो-दो मरीजों की मौत असम और उत्तर प्रदेश तथा एक-एक मरीज की मौत गोवा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, नगालैंड, पंजाब, सिक्किम और उत्तराखंड में हुई है।
इस महामारी से देश में अब तक कुल 5,25,386 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें महाराष्ट्र के 1,47,971, केरल के 70,108, कर्नाटक के 40,123, तमिलनाडु के 38,028, दिल्ली के 26,280, उत्तर प्रदेश के 23,547 और पश्चिम बंगाल के 21,236 मरीज शामिल हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि संक्रमण से जान गंवाने वालों में 70 प्रतिशत से अधिक मरीज गंभीर बीमारी से ग्रसित थे। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।
भाषा
गोला पारुल
पारुल