(जेवी सिवा प्रसन्ना कुमार)
चेन्नई, 30 दिसंबर (भाषा) अखिल भारतीय अन्ना द्रमुक मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच चुनावी संबंधों के बदलते गणित और अभिनेता विजय के राजनीतिक उत्थान ने 2025 में तमिलनाडु के राजनीतिक परिदृश्य पर अपना दबदबा बनाए रखा, वहीं करूर में मची भयावह भगदड़ और उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरीं।
अभिनेता और तमिलगा वेत्री कषगम (टीवीके) के संस्थापक विजय द्वारा द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और भाजपा पर किए गए राजनीतिक हमलों ने दोनों पार्टियों का ध्यान उनकी ओर आकर्षित किया।
दोनों दलों को आशंका है कि विजय 2026 के विधानसभा चुनावों में एक बड़े खिलाड़ी के रूप में उभर सकते हैं। 27 सितंबर को करूर में उनकी रैली के दौरान मची भगदड़ के कारण उनके राजनीतिक प्रयासों को झटका लगा।
इस भगदड़ में 41 लोगों की मौत हो गई थी। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है।
दिसंबर के पहले सप्ताह में एक न्यायाधीश द्वारा तिरुप्परनकुंद्रम पहाड़ी पर कार्तिगई दीपम का दीपक जलाने की अनुमति दिये जाने के आदेश के बाद विवाद खड़ा हो गया।
स्थानीय अधिकारियों ने दरगाह के पास दीपक जलाने का विरोध करते हुए दावा किया कि इससे सांप्रदायिक अशांति फैल सकती है।
मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के न्यायमूर्ति जीआर स्वामीनाथन के आदेश पर आपत्ति जताते हुए द्रमुक और उसके सहयोगियों ने न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया।
इस वर्ष अन्नाद्रमुक और भाजपा ने सत्तारूढ़ द्रमुक के नेतृत्व वाले मजबूत गठबंधन के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बनाने के उद्देश्य से अपने राजनीतिक संबंधों को फिर से मजबूत किया है।
द्रमुक 2019 से हर चुनाव जीतता आ रहा है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अप्रैल में चेन्नई पहुंचे और अन्नाद्रमुक के साथ संबंधों को पुनर्जीवित करने की घोषणा की।
तेजी से बदले घटनाक्रम के बीच भाजपा के नैनार नागेंद्रन को पार्टी की प्रदेश इकाई का अध्यक्ष बनाया गया और यह उम्मीद की गई कि अन्नाद्रमुक के साथ उनका पिछला कार्यकाल दोनों पार्टियों के बीच सौहार्द सुनिश्चित करेगा।
नागेंद्रन ने के. अन्नामलाई का स्थान लिया।
अन्नामलाई, भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक पूर्व अधिकारी हैं और तमिलनाडु में उनकी अच्छी खासी लोकप्रियता है।
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रमुक मजबूत स्थिति में दिख रही है और चुनावी वर्ष के लिए पूरी तरह तैयार है।
किसी भी तरह की उलझन और गठबंधन के दबाव से मुक्त सत्तारूढ़ पार्टी अप्रैल 2026 में होने वाले संभावित चुनाव में 234 विधानसभा सीट में से 200 पर जीतने का लक्ष्य साधे हुए है।
प्रेमलता विजयकांत के नेतृत्व वाली डीद्रमुक अब तक अन्नाद्रमुक के नेतृत्व में राजग में वापसी को लेकर असमंजस में है।
इस वर्ष अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता के. ए. सेंगोट्टायन, विजय की टीवीके में शामिल हो गए, जिससे यह अटकलें भी तेज हो गईं कि अन्नाद्रमुक से निष्कासित नेता ओ. पन्नीरसेल्वम और टी. टी. वी. दिनाकरन पार्टी के साथ चुनावी गठबंधन बना सकते हैं।
द्रमुक के जाने-माने नेता वी. सेंथिल बालाजी को धन शोधन मामले के कारण अपना मंत्री पद गंवाना पड़ा और एक अन्य मंत्री के. पोनमुडी को हिंदू धार्मिक प्रतीकों और महिलाओं पर उनकी विवादास्पद टिप्पणी के कारण पद से हटा दिया गया।
वर्ष के अंत में हुई मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया में मतदाताओं की संख्या 6.41 करोड़ से घटकर 5.3 करोड़ रह गई।
भाषा जितेंद्र मनीषा
मनीषा