नई दिल्लीः New Labour Code 2022 भारत में नौकरी पेशा लोगों के लिए जुलाई का महीना बड़े बदलाव लेकर आ सकता है। दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार 1 जुलाई से नए श्रम कानून लागू करने की योजना बना रही है। सूत्रों के अनुसार देश में लंबे समय से ठंडे बस्ते में पड़ी 4 श्रम संहिताओं को इस साल जुलाई से लागू किया जा सकता है। जिसमें कर्मचारी के वेतन, पीएफ योगदान और काम के घंटों में महत्वपूर्ण बदलाव होंगे। जैसे-जैसे ग्रेच्युटी और पीएफ का योगदान बढ़ेगा, रिटायरमेंट के बाद मिलने वाला पैसा भी बढ़ेगा। यह कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति के बाद अच्छा जीवन जीने के लिए बेहतर होगा।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
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New Labour Code 2022 मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी जल्द से जल्द लेबर कोड लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, नए श्रम कानूनों को लागू होने में कम से कम तीन महीने लग सकते हैं क्योंकि सभी राज्यों ने अभी तक ड्राफ्ट तैयार नहीं किया है। दिलचस्प बात यह है कि नए श्रम कानूनों के तहत चार श्रम संहिता नियम देश में निवेश को प्रोत्साहित करेंगे और इसके परिणामस्वरूप रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
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काम के घंटे: अगर केंद्र 1 जुलाई से नए श्रम कानूनों को लागू करता है, तो कार्यालय के काम के घंटे 8 से 9 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे किए जा सकते हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो केंद्र नए नियमों को जल्द से जल्द लागू करने की योजना बना रहा है। नया नियम लागू होने के बाद कंपनियां कर्मचारियों से पांच के बजाय चार दिन काम करवा सकती हैं और तीन सप्ताह की छुट्टी होगी।
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टेक-होम वेतन और पीएफ योगदान: नए श्रम कानूनों के अनुसार, मूल वेतन कुल वेतन का 50% या उससे अधिक होगा। हालांकि, इसका असर ज्यादातर कर्मचारियों के वेतन ढांचे पर पड़ेगा। मूल वेतन में बढ़ोतरी से भविष्य निधि और ग्रेच्युटी की राशि पहले से ज्यादा कटेगी। जैसे-जैसे पीएफ अंशदान बढ़ेगा, टेक-होम सैलरी कम होगी।
हफ्ते में मिलेगी 3 दिन छुट्टीः बताया जा रहा है कि सरकार ने इन नए लेबर कोड्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचलित कानूनों के आधार पर तैयार किया है। इनके लागू होने पर कर्मचारियों को सप्ताह में चार दिन काम करना होगा और शेष तीन दिन की छुट्टी मिलेगी। लेकिन इसकी कीमत भी चुकानी होगी।
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