स्वाधीनता के 74 वर्ष, ये आज़ादी कुछ कहती है, लाल किले को अभेद्य किले में किया गया तब्दील

स्वाधीनता के 74 वर्ष, ये आज़ादी कुछ कहती है, लाल किले को अभेद्य किले में किया गया तब्दील

स्वाधीनता के 74 वर्ष, ये आज़ादी कुछ कहती है, लाल किले को अभेद्य किले में किया गया तब्दील
Modified Date: November 29, 2022 / 07:53 pm IST
Published Date: August 15, 2020 1:50 am IST

रायपुर। आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। 74 साल पहले… यानी 15 अगस्त 1947। यही वो दिन था जब भारत को ब्रिटिश राज से आज़ादी मिली और एक नए युग की शुरुआत हुई… और आज हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं। आज पूरा देश खुशियों में डूबकर अपनी स्वतंत्रता का जश्न मना रहा है।

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स्वतंत्रता दिवस पर होने वाले मुख्य कार्यक्रम के पहले लाल किला में सुरक्षा के जबरदस्त इंतजाम किए गए हैं। यहां हजारों सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। लाल किले के आसपास एक सुरक्षा रिंग बनाई गई है, जिसमें एनएसजी के स्नाइपर, एलीट स्वात कमांडो और काइट कैचर्स की टीम को लगाया गया है। इसके साथ ही 300 से अधिक कैमरे लगाए गए हैं, उनकी फुटेज को हर सेकेंड मॉनीटर किया जा रहा है। इसके अलावा करीब 4 हजार सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है, जो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं।

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लाल किला की ये सुबह कुछ कह रही है, ये कह रही है कि, ये आज़ाद भारत है, यहां हरेक चेहरे पर लिखी है आज़ादी। आज़ादी एक वादा है, आज़ादी एक आश्वस्ति है, आज़ादी एक लहर है, आज़ादी एक ज्वार है, आज़ादी हमारा कुदरती हक़ है। ये बेलौस हंसी, ये बेफ़िक्र आंखें और ये उत्सवी बेला, ये सब गवाह हैं, उस आज़ादी के, जो हमारी है, जो हम सबकी है। आज़ादी अपने ढंग से जीने की, आज़ादी सपने देखने की और आज़ादी अपने सपनों को परवान चढ़ाने की। सपने परवान चढ़ने भी लगे हैं। आज़ादी की नर्म छाया में चल पड़ा है तरक्की का कांरवा। जोश की बुनियाद पर खड़ा हो रहा है, ख्वाबों का, अरमानों का वतन। ये वतन हमारा, ये चमन हमारा है, आज़ादी के परचम को सलाम हमारा।

 

 


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