7th pay Commission Employees News: सरकार की तरफ से नए साल में कर्मचारियों को कई बड़े तोहफे मिले। लेकिन बजट सत्र में कर्मचारियों को बड़ा झटका मिल सकता है। महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी सहित फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने पर लगातार बड़ी अपडेट सामने आ रही है। इसी बीच सातवें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों के हाउस बिल्डिंग एडवांस को लेकर भी नई अपडेट सामने आई है।
7th pay Commission Employees News: दरअसल, 1 अप्रैल 2022 को एक ज्ञापन जारी किया गया था। जिसमें 31 मार्च 2023 के लिए हाउस बिल्डिंग लोन की ब्याज दर को घटाकर 7.1% किया गया था। अब इसमें बढ़ोतरी के संकेत मिल रहे हैं। सातवें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों को कम ब्याज वाले एचबीए की पात्रता मिलती है। फिलहाल एचबीए 7.1 प्रतिशत है। हालांकि सरकार द्वारा एचबीए और ब्याज दर में वृद्धि की जा सकती है। वहीं नए साल में केंद्रीय कर्मचारियों को अधिक ब्याज देना पड़ सकता है। हालांकि फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक बयान अभी तक सामने नहीं आया है।
7th pay Commission Employees News: वर्तमान के नियम के तहत केंद्रीय कर्मचारियों को 25 लाख रुपए की एचबीए या 34 महीने के मूल वेतन मिलते हैं। सरकारी कर्मचारियों के लिए घर की कीमत अगर 25 लाख से कम है तो उन्हें कम राशि प्राप्त होगी। इसके साथ ही अगर पत्नी और पति दोनों शासकीय कर्मचारी हैं तो ऐसे में दोनों को हाउस बिल्डिंग भत्ते का लाभ मिलता है।
7th pay Commission Employees News: इसके साथ ही अलग-अलग शहरों में मकान खरीदने वाले को शर्तों के साथ सुविधा मिलती है। हालांकि कर्मचारी अपनी सेवा के दौरान सिर्फ एक बार योजना का लाभ उठा सकते हैं। 34 महीने की बेसिक सैलरी और अधिकतम 25 लाख रुपए तक वह हाउस बिल्डिंग भत्ते ले सकेंगे। एचबीए नियमों का कहना है कि केंद्र सरकार के कर्मचारी एचबीए के लिए पात्र हैं, जिसमें नया घर बनाना, घर के लिए प्लॉट खरीदना, अपने रहने की जगह का विस्तार करना और हाउसिंग बोर्ड, विकास प्राधिकरणों, पंजीकृत बिल्डरों से पूर्व-निर्मित घर या अपार्टमेंट खरीदना शामिल है।
7th pay Commission Employees News: हाल ही में केंद्रीय कर्मचारियों को एक और झटका लगा है। असल में कोरोना काल में केंद्रीय कर्मचारियों को लगातार 18 महीने तक डीए नहीं दिया गया था। इसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि सबकुछ सामान्य होने के बाद 18 महीने का बकाया दिया जाएगा लेकिन सरकार ने इनकार कर दिया। वहीं फैसले पर कोई सहमति नहीं बनी है।