नईदिल्ली। 7th pay commission latest news: केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अब डबल फायदा मिल सकता है। 28 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता और महंगाई राहत दिए जाने की घोषणा के बाद अब केंद्र सरकार के 48 लाख कर्मचारियों के हाउस रेंट अलाउंस यानी एचआरए में भी इजाफा हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि महंगाई भत्ते की दरों में बढ़ोतरी के साथ ही एचआरए में भी इजाफा किए जाने का रूल है।
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एक्स श्रेणी वाले शहरों में जिन कर्मियों की पोस्टिंग है, उन्हें अपने मूल वेतन का 24 फीसदी एचआरए मिलता है। वाई श्रेणी वालों को 16 फीसदी और जेड श्रेणी वाले शहरों में काम कर रहे कर्मचारियों को आठ फीसदी एचआरए दिया जाता है। डीए बढ़ने के बाद अब इन तीन श्रेणियों में एचआरए की नई दरें 27 फीसदी (एक्स सिटी), 18 फीसदी (वाई सिटी) और नौ फीसदी (जेड सिटी) हो जाएंगी। वित्त मंत्रालय के नियमानुसार महंगाई भत्ता बढ़ने के साथ ही एचआरए में भी इजाफा किया जाता है। जब महंगाई भत्ते की दर 25 फीसदी से ऊपर चली जाएगी तो हाउस रेंट अलाउंस 9 फीसदी, 18 फीसदी और 27 फीसदी होगा। अगर महंगाई भत्ते की दर 50 फीसदी से ऊपर चली जाती है तो एचआरए में 10, 20 और 30 फीसदी के हिसाब से बढ़ोतरी की जाएगी।
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बता दें कि बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद 28 फीसदी की दर से डीए देने की घोषणा हुई है। यानी डीए की बढ़ोतरी दर 25 फीसदी से ऊपर है, लेकिन 50 फीसदी से नीचे है, इसलिए एचआरए 25 फीसदी वाले नियम के हिसाब से मिलेगा। एचआरए के लिए शहरों को किस तरह बांटा गया है? एचआरए के नियमों के तहत एक्स श्रेणी के मायने ऐसे शहरों से हैं, जहां की आबादी 50 लाख या उससे ज्यादा है। वाई श्रेणी में ऐसे शहर आते हैं, जहां की आबादी पांच लाख से 50 लाख के बीच है। जेड श्रेणी में वे शहर आते हैं, जहां की आबादी पांच लाख से भी कम है।
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दिल्ली एक्स श्रेणी के शहरों की सूची में शामिल है। केंद्र सरकार के जो कर्मी फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा और गुरुग्राम में काम करते हैं, उन्हें भी एक्स श्रेणी के तहत एचआरए मिलेगा। जालंधर वाई श्रेणी में आता है। जालंधर कैंट, शिलांग, गोवा व पोर्ट ब्लेयर को भी वाई श्रेणी में शामिल किया गया है। चंडीगढ़ वाई श्रेणी में आता है, इसलिए उसके साथ लगते पंचकुला और एसएएस नगर यानी मोहाली में कार्यरत केंद्रीय कर्मियों को वाई श्रेणी के तहत ही एचआरए मिलेगा।
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वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के अनुसार, एचआरए देने के लिए कर्मी के मूल वेतन यानी ‘बेसिक पे’ को ही आधार बनाया जाता है। पे मेट्रिक्स के हिसाब से कर्मी को जितना मूल वेतन मिलता है, उसी पर एचआरए मिलता है। खास बात ये है कि मूल वेतन में नॉन प्रेक्टिसिंग अलाउंस, मिलिट्री सर्विस पे और दूसरी तरह के वेतन भत्ते जैसे स्पेशल पे आदि शामिल नहीं किया जाते। एचआरए केवल बेसिक पे के अनुसार ही मिलता है। एचआरए को लेकर आर्मी पर्सनल और रेलवे कर्मियों के लिए रक्षा मंत्रालय और रेलवे मंत्रालय आदेश जारी करते हैं।