कब होगा 5-15 साल के बच्चों का टीकाकरण? स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने दी अहम जानकारी |

कब होगा 5-15 साल के बच्चों का टीकाकरण? स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने दी अहम जानकारी

मांडविया ने यहां पत्रकारों से यह बात तब कही जब उनसे पूछा गया कि पांच से 15 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए टीकाकरण पर सरकार का क्या रुख है। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों के समूह ने अभी तक इस आयु वर्ग के टीकाकरण पर कोई सिफारिश नहीं दी है।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:54 PM IST, Published Date : February 12, 2022/4:15 pm IST

vaccination of 5-15 age group

गांधीनगर, 12 फरवरी (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार विशेषज्ञों से सिफारिश मिलने पर जल्द से जल्द पांच से 15 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान शुरू करेगी। मांडविया ने यहां पत्रकारों से यह बात तब कही जब उनसे पूछा गया कि पांच से 15 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए टीकाकरण पर सरकार का क्या रुख है। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों के समूह ने अभी तक इस आयु वर्ग के टीकाकरण पर कोई सिफारिश नहीं दी है।

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केंद्रीय मंत्री एक फरवरी को पेश किए गए केंद्रीय बजट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने यहां आए थे।

उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कब और किस आयु वर्ग को टीके की खुराक देनी है, इसका फैसला वैज्ञानिकों के समूह की सिफारिश के आधार पर लिया जाता है। हमने एक सप्ताह के भीतर एहतियाती समूह के लिए उसकी सिफारिश को लागू किया था। हम पांच से 15 वर्ष आयु वर्ग के लिए भी उसकी सिफारिश मिलने पर उसे निश्चित रूप से लागू करेंगे।’’

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देश में 15-18 वर्ष आयु वर्ग के लिए कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान पिछले महीने शुरू हुआ था।

मांडविया ने कहा, ‘‘आज टीकाकरण कोई मुद्दा नहीं है। हमारे पास पर्याप्त टीके हैं, खुराकों की कोई कमी नहीं है। हम वैज्ञानिक समुदाय की सिफारिश को निश्चित रूप से लागू करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि सरकार को अभी तक ऐसी कोई सिफारिश नहीं मिली है और इस संबंध में फैसला आने वाले दिनों में लिया जाएगा तथा यह कोई राजनीतिक फैसला नहीं है।

मांडविया ने कहा कि पिछले साल जुलाई-अगस्त में सीरो सर्वेक्षण से पता चला कि 67 प्रतिशत बच्चों में भी एंटीबॉडीज बनीं और बच्चों में बीमारी के लक्षण दिखाई नहीं दिए।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘आखिरकार ये जैविक चीजें हैं, इसलिए सिफारिश करने से पहले वैज्ञानिक अध्ययन करते हैं। पहले हम टीकाकरण के संबंध में सिफारिशों के लिए दुनिया का अनुसरण करते थे। आज हमारे वैज्ञानिक अपना विश्लेषण करते हैं, उनका अपना अध्ययन है और इस आधार पर राय बनाते हैं।’’

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vaccination of 5-15 age group

उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने तीसरी लहर के दौरान महामारी से लड़ने के लिए टीकाकरण का बहुत प्रभावी तरीके से इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि बड़े स्तर पर टीकाकरण से भारत को तीसरी लहर से निपटने में मदद मिली।

मांडविया ने कहा कि 15-18 वर्ष आयु वर्ग के 75 फीसदी बच्चों ने कोविड-19 रोधी टीके की खुराक ले ली है और 96 फीसदी वयस्कों को पहली खुराक तथा 77 फीसदी को दोनों खुराक मिल चुकी हैं।

उन्होंने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अध्ययनों से पता चला है कि कोविड-19 रोधी टीकाकरण ने ज्यादातर लोगों की मदद की है और इसके परिणामस्वरूप देश संक्रमण के मामलों में कमी लाने की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘इन सभी के आधार पर मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि भारत कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए बहुत प्रभावी तरीके से टीकाकरण का इस्तेमाल करने में सफल रहा है।’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2020 में लॉकडाउन के दौरान टीकाकरण पर सरकार के जोर देने के कारण भारत को अपनी वृद्धि बनाए रखने और ज्यादा महंगाई की चपेट में न आने तथा नकारात्मक वृद्धि से बचने में मदद मिली, जैसा कि अमेरिका और यूरोप में देखा गया।

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मांडविया ने कहा कि टीकाकरण पर अनुसंधान प्राथमिकता के आधार पर किया गया है और सरकार ने इसके लिए वित्त पोषण की पेशकश की तथा पिछले साल 16 जनवरी तक भारत ने स्वदेश निर्मित टीके का विकास किया।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने दुनियाभर में टीकाकरण की पेशकश की और तेज गति से इसका उत्पादन शुरू किया। परिणाम यह रहा है कि तीसरी लहर के आने तक हम टीकाकरण के मामले में दुनिया से आगे निकल गए। हम तीसरी लहर में बच गए क्योंकि भारत ने 96 प्रतिशत आबादी को पहली खुराक दे दी थी।’’

केंद्रीय बजट पर मांडविया ने कहा कि इससे भारत के लिए स्वर्ण युग की शुरुआत होगी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि इसके क्रियान्वयन से व्यापक और समयबद्ध विकास की गति सही दिशा में बढ़ेगी।’’