A family tragedy: तीन बेटियों के बाद इंतज़ार था बेटे का, पर पैदा होने के घंटे भर बाद पिता ही छोड़ गया दुनिया

Raju has three daughters. One of them is 11 years old, the other 7 and the youngest daughter is one and a half years old. On the other hand, his mother is in shock after getting the news of her son's death. They are not able to understand whether to celebrate the birth of a son or mourn the death of his father?

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  • Publish Date - January 30, 2023 / 12:19 PM IST,
    Updated On - January 30, 2023 / 12:19 PM IST

A family tragedy: ईश्वर जब अपना खेल दिखाता हैं तो हर कोई दंग रह जाता हैं। लेकिन कहते हैं ऊपर वाले का लिखा कोई बदल भी नहीं सकता। फिर वह लिखावट इंसान की बेहतरी के लिए हो या फिर बर्बादी के लिए। लेकिन कभी-कभी उपर वाले का यह लिखावट इतना क्रूर होता हैं की उसपर विश्वास करना भी मुश्किल हो जाता है। फिलहाल राजस्थान के एक परिवार पर आई त्रासदी ने सबको हैरान कर दिया हैं।

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A family tragedy: दरअसल हम बात कर रहे है राजस्थान के जोधपुर में रहने वाले एक परिवार की। यहाँ शनिवार की शाम एक बड़ा सड़क हादसा सामने आया था। एक तेज रफ्तार ट्रक ने सामने से आ रही कार को जोरदार टक्कर मार दी थी। इस कार में चार पुलिसकर्मी भी सवार थे जबकि इस निजी कार को चलाने वाला राजू देवासी था। ट्रक से साथ हुई जोरदार टक्कर के बाद कार चालक राजू की दर्दनाक मौत हो गई जबकि सभी पुलिसकर्मी घायल भी हो गए। सभी पुलिसकर्मी एक केस की जांच के सिलसिले में नागौर जा रहे थे।

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A family tragedy: अब इस पूरी घटना के बाद मृतक राजू देवासी के बारे में जो जानकारी सामने आई हैं उसने हैरान कार दिया है। राजू देवासी की तीन बेटियां थी। वह लम्बे वक़्त से बेटे के इंतज़ार में था। इस कार हादसे में हुई अपनी मौत से घंटे भर पहले उसे खबर मिली थी को उसकी बीवी को पहला बेटा हुआ है। घर में चिराग जलने से खुशियों की रोशनी फ़ैल गई थी। सभी जश्न में डूबे थे। तभी खबर आई की राजू देवासी की कार हादसे में मौत हो गई हैं। इस तरह वह दशकों से जिस ख़ुशी के इंतज़ार में था उसके साथ वह पल भर भी नहीं बिता पाया। राजू की तीन बेटियां हैं। इनमे एक 11 साल, दूसरी 7 और सबसे छोटी बेटी डेढ़ साल की हैं। दूसरी और बेटे की मौत की खबर पाकर उसकी माँ सदमे में हैं। उन्हें समझ ही नहीं आ रहा की बेटा पैदा होने की ख़ुशी मनाएं या उसके पिता के मौत का मातम? राजू को उसकी सबसे बड़ी बेटी ने मुखाग्नि दी हैं।

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