after leaving company full settlement will in 2 days

अब कंपनी छोड़ने पर 2 दिन में होगा फुल एंड फाइनल सेटलमेंट, केंद्र सरकार ने जारी किये निर्देश

after leaving company full settlement will in 2 days : अब कंपनी छोड़ने पर 2 दिन में होगा फुल एंड फाइनल सेटलमेंट, केंद्र सरकार ने जारी किये...

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:30 PM IST, Published Date : June 28, 2022/3:29 pm IST

New Wage Code: नई दिल्ली। केंद्र सरकार जनता की सहूलियत के हिसाब से नए-नए बदलाव करती है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने नया लेबर कोड जारी जारी किया है। इस नए लेबर कोड के अनुसार अगर कोई नई जॉइनिंग है तो उसकी सैलेरी अगले महीने की 7 तारिक तक सेटल हो जानी चाहिए। इस स्थित में वेज का पीरियड एक महीनें से अधिक नहीं हो सकता। इसके अनुसार जून में 5 तारीख को सैलरी मिलती है तो जुलाई में 5 तक मिल जानी चाहिए।

केंद्र के नए लेबर कोड के लागू होने के बाद कई अन्य नियमों में बदलाव होगा। जैसे कि नया लेबर कोड लागू होने के बाद सैलरी, पेंशन, ओवरटाइम, ग्रेच्युटी, छुट्टी और यहां तक कि फुल एंड फाइनल सेटलमेंट भी। बता दें केंद्र सरकार ने चार नए लेबर कोड बनाये हैं। इसके साथ ही इन्हें संसद से पारित भी किया जा चूका है। इसके बाद अब अलग-अलग राज्य अपने हिसाब से इन कोड को लागु करेंगे।

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कितने दिन के भीतर मिलेगा फुल एंड फाइनल सेटलमेंट

बता दें कुछ राज्यों ने तैयारी पूरी कर ली है और कुछ इस प्रयास में हैं। नए लेबर कोड में शामिल वेज कोड में यह बताया गया है कि कंपनी को अपने कर्मचारी को कब सैलरी देनी होगी। बताया गया है कि कर्मचारी कंपनी छोड़ता है या उसे निकाला जाता है तो उसके कितने दिन के भीतर फुल एंड फाइनल सेटलमेंट देना पड़ेगा। तो चलिए हम आपको इसकी पूरी जानकारी देते हैं।

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पहले वेज की लिमिट 24,000 रुपये थी

गौरतलब है कि मौजूदा समय में ‘पेमेंट ऑफ वेजेज एक्ट, 1936’ के अंतर्गत कर्मचारियों को सैलरी और सेटलमेंट देने का प्रावधान है। इसमें सैलरी के अंतर्गत सभी तरह के अलाउंस और बोनस को रखा गया है। लेबर नियमों के अनुसार कंपनी और कर्मचारी के बीच इंप्लॉयमेंट का जो टर्म होगा, उसी के हिसाब से सैलरी की तारीख तय होगी। अगर कंपनी 1 तारीख को सैलरी की तारीख तय करती है तो इसी दिन खाते में सैलरी आएगी। कोई और तारीख तय हो तो उसी डेट पर तनख्वाह मिलेगी। बता दें पहले के नियम में वेज की लिमिट 24,000 रुपये रखी गई थी। इसका मतलब इससे नीचे तक सैलरी पाने वाले लोगों को तनख्वाह इंप्लॉयमेंट के टर्म के हिसाब से दिया जाएगा।

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तनख्वाह के नियम में हुए ये बदलाव

केंद्र द्वारा लागु किये गए नए लेबर कोड के वेज रूल में सैलरी की कोई लिमिट नहीं रखी गई है। यह इसका नियम हर तरह के कर्मचारियों पर लागू होगा। यानी सैलरी कितनी भी हो, रोजगार के टर्म के हिसाब से ही कंपनी कर्मचारी को एक निर्धारित तारीख पर सैलरी देगी। यह तारीख कंपनी और कर्मचारी के बीच टर्म में निर्धारित होगी। हालांकि नई जॉइनिंग वाले कर्मचारियों की सैलरी का एक खास नियम बनाया गया है। नए लेबर कोड के मुताबिक, अगर कोई नई जॉइनिंग है तो उसकी सैलरी अगले महीने के 7 तारीख तक सेटल हो जानी चाहिए। इस स्थिति में वेज का पीरियड एक महीने से अधिक नहीं हो सकता। इसके अनुसार जून में 5 तारीख को सैलरी मिलती है तो जुलाई में 5 तक मिल जानी चाहिए। 6 तारीख होने पर वेज रूल का उल्लंघन माना जाएगा।

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जल्दी से होगा सैलेरी का सेलेटमेंट

केंद्र द्वारा लागु नए लेबर कोड के नियम के मुताबिक कोई कर्मचारी नौकरी छोड़ता है, या कंपनी उसे निकालती है या कंपनी बंद होती है, तो कर्मचारी को अंतिम तारीख से 2 दिन के अंदर फुल एंड फाइनल सेटलमेंट देना होगा। ऐसे में नया लेबर कोड लागू होने के बाद कर्मचारियों को पैसे फंसने का डर नहीं होगा, खर्च की भी टेंशन नहीं होगी कि नौकरी छोड़ने के लगभग दो महीने बाद ही नई और पुरानी कंपनी की सैलरी हाथ में आती है। तब तक खर्च के लिए पैसे का जुगाड़ करना पड़ता है। नए लेबर कोड में इससे निजात दी गई है और काम छोड़ने के दो दिन में फाइनल सेटलमेंट का प्रावधान रखा गया है।

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