Mahua Moitra: नईदिल्ली। कैश फार क्वेरी केस में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की संसद संदस्यता खत्म हो गई है। संसद में प्रस्ताव पास कर महुआ मोइत्रा को सदन से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। जिसके बाद आज महुआ मोइत्रा सदन से बाहर मीडिया से मुखातिब हुई। इस दौरान महुआ मोइत्रा ने भाजपा और केंद्र सरकार पर जमकर भड़ास निकाली। वहीं इसी दौरान अंत में उन्होंने आज फिर एक बार राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता का उल्लेख किया। अब इस कविता के मायने क्या हैं हम आपको बताते हैं।
हम अपनी बात की शुरूआत करते हैं एक दिन पहले से जब महुआ मोइत्रा ने रामधारी सिंह दिनकर की कविता का अपने बयान में उल्लेख करते हुए कहा था। ‘जिस पापी को गुण नहीं, गोत्र प्यारा है..’, समझो, उसने ही हमें यहां मारा है। दिनकर की कविता पढ़कर TMC सांसद ने गिरिराज सिंह पर हमला बोला था।
दरअसल, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के ममता बनर्जी पर दिए गए बयान से टीएमसी भड़क गई। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर की गई टिप्पणी को लेकर टीएमसी की महिला सांसदों ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन किया और उन्हें कैबिनेट से बर्खास्त करने की मांग की। सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि गिरिराज अपने नाम के पहले शाणडिल्य लिखते हैं। दिनकर जी की एक कविता है जिसमें वे कहते हैं, जिस पापी को गुण नहीं; गोत्र प्यारा है, समझो, उसने ही हमें यहां मारा है, भारत अपने घर में ही हार गया है, तो ऐसे मंत्री जो एकमात्र महिला मुख्यमंत्री के लिए ऐसा कह सकते हैं। इसलिए आज भारत का यह हाल है। भाजपा के मंत्री नारी द्वेषी है। उन्हें माफी मांगनी चाहिए लेकिन वे माफी नहीं मांगेगे।
#WATCH | On Union Minister Giriraj Singh's remark over West Bengal CM Mamata Banerjee, TMC MP Mahua Moitra says, "…Such shameless ministers can say such things against the only woman Chief Minister, that is why this is the condition of India. BJP Government and BJP ministers… pic.twitter.com/ugkAFkKKhF
— ANI (@ANI) December 7, 2023
बता दें कि कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल के उद्धाटन के मौके पर ममता बनर्जी ने एक्टर सलमान खान, अनिल कपूर समेत अन्य कलाकारों के साथ डांस किया था। इस पर बीजेपी ममता पर निशाना साध रही है। गिरिराज सिंह ने कहा कि जो जश्न मना रही हैं, ठुमके लगा रही हैं, ये उचित नहीं है।
बता दें उसके बाद आज फिर महुआ मोइत्रा ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कालजयी रचना का उल्लेख किया और कहा ‘जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है ” हिंदी काव्य जगत में ‘कृष्ण की चेतावनी’ बहुत ही चर्चित कविता है, बड़े-बड़े कवियों, अभिनेताओं और गायकों ने इसे अपने-अपने तरीके से गाया है और इसकी व्याख्या की है। जिसका अर्थ यह होता कि जब मनुष्य का अंत निकट आ जाता है तो उसकी बुद्धि पहले ही खत्म हो जाती है। जाहिर है महुआ ने लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के अंत की चेतावनी दी है।
संसद सदस्यता जाने के बाद महुआ मोइत्रा का पहला रिएक्शन, कहा-
"एथिक्स कमेटी के पास निष्कासित करने की कोई शक्ति नहीं है…यह आपके (बीजेपी) अंत की शुरुआत है।" #CashForQueryCase #MahuaMoitra #EthicsCommittee #ParliamentSession #WinterSession #MahuaMoitra @AITCofficial… pic.twitter.com/0RTZJsRRNu — IBC24 News (@IBC24News) December 8, 2023
गौरतलब है कि राष्ट्रवादी कवि दिनकर ने हमेशा से राष्ट्र को आजाद कराने का सपना देखा और उसके लिए हमेशा मेहनत करते रहे। आजादी के बाद भी दिनकर सरकार के खिलाफ लिखने से नहीं चूकते थे। उस समय देश में प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का राज था और भारत-चीन के बीच युद्ध चला जिसमें भारत को हार का सामना करना पड़ा। इस युद्ध के बाद रामधारी सिंह दिनकर ने एक कविता संग्रह लिखा जिसका नाम “परशुराम की प्रतीक्षा” था। इस लेख के द्वारा तत्कालीन पीएम जवाहर लाल नेहरू पर निशाना साधा गया था। जोकि इस प्रकार है।
जिस पापी को गुण नहीं गोत्र प्यारा है, समझो उसने ही हमें यहां मारा है।।
जो सत्य जानकर भी ना सत्य कहता है, या किसी लोभ के विवश मूक रहता है।
उस कुटिल राजतंत्री कदर्य को धिक् है, यह मूक सत्यहन्ता कम नहीं वधिक है।।
चोरों के हैं जो हितू ठगों के बल है, जिनके प्रताप से पलते पाप सकल है।
जो छल प्रपंच सब को प्रश्रय देते हैं, या चाटुकार जन से सेवा लेते हैं।।
यह पाप उनका उन्हीं का हमको मार गया है, भारत अपने ही घर में हार गया है।।
मंत्री गिरिराज सिंह हिंदुवादी नेता माने जाते हैं। गिरिराज सिंह पर हिन्दू- मुस्लिम कराने का आरोप लगता रहा हैं। हाल ही में नीतिश कुमा के मंत्री ने गिरिराज सिंह पर निशाना साधते हुए कहा था कि माथे पर तिलक और हाथ में फीता बांध लेने से कोई हिन्दू नहीं हो जाता है हम भी हिन्दू हैं अगर गिरिराज सिंह हिन्दू हैं तो किसी दलित की थाली में खाना खाएंं।
कुल मिलाकर सांसद महुआ मोइत्रा सरकार और भाजपा पर जातिवादी होने का भी आरोप लगा रही है और यह कहना चाह रही हैं कि भाजपा का अंत निकट है इसलिए उसके नेताओं की बुद्धि छीण हो गई है, यह धर्म के आधार पर जाति के आधार पर लोगों में वैमनस्य फैला रही है, महुआ मोइत्रा ये कहना चाहती हैं कि भाजपा गुण नहीं गोत्र को महत्व देती है। इसलिए आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ेगा। हर बार राष्ट्रकवि दिनकर की कविता का उल्लेख करके महुआ मोइत्रा यह दिखाना चाहती हैं कि वे ही राष्ट्र की असली हितैषी हैं।