Mohammed Qasim Ansari Statement/Image Credit: ANI X Handle
नई दिल्ली: Mohammed Qasim Ansari Statement: केंद्र सरकार द्वारा लाया गया वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में पारित हो चुका है। वक्फ संशोधन विधेयक के पास होने के बाद से सभी नेताओं की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है। वक्फ संशोधन विधेयक और जेडीयू के समर्थन के विरोध में पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद कासिम अंसारी ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना त्यागपत्र बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को भेज दिया है। वहीं पार्टी से इस्तीफा देने के बाद मोहम्मद कासिम अंसारी का पहला बयान सामने आया है।
Mohammed Qasim Ansari Statement: जेडी(यू) से इस्तीफा देने पर मोहम्मद कासिम अंसारी ने कहा, “केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने ‘पसमांदा’ के बारे में बात की और विधेयक की खूबियां गिनाईं, लेकिन उन्होंने कभी नीतीश कुमार का नाम नहीं लिया। उन्होंने केवल नरेंद्र मोदी, अमित शाह और किरेन रिजिजू का जिक्र किया। वह मुसलमानों, खासकर पसमांदा मुसलमानों के बीच गलत धारणा फैला रहे थे कि विधेयक उनके पक्ष में है। इससे मुसलमानों को ठेस पहुंची है। इसलिए, मैंने रातों-रात अपना इस्तीफा पत्र तैयार किया और आज मीडिया के साथ-साथ संबंधित लोगों के साथ साझा किया।”
जेडी(यू) से इस्तीफा देने पर मोहम्मद कासिम अंसारी ने कहा
▶️ “केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने ‘पसमांदा’ के बारे में बात की और विधेयक की खूबियां गिनाईं, लेकिन उन्होंने कभी नीतीश कुमार का नाम नहीं लिया।
▶️उन्होंने केवल नरेंद्र मोदी, अमित शाह और किरेन रिजिजू का जिक्र किया। वह… pic.twitter.com/ONzooYg2xh
— IBC24 News (@IBC24News) April 4, 2025
Mohammed Qasim Ansari Statement: मोहम्मद कासिम अंसारी ने अपने त्यागपत्र में लिखा, “हम जैसे लाखों भारतीय मुसलमानों को यह विश्वास था कि आप पूरी तरह से सेकुलर विचारधारा के समर्थक हैं, लेकिन अब यह भरोसा टूट गया है। वक्फ संशोधन विधेयक पर जेडीयू के रुख ने हमें गहरा आघात पहुंचाया है। लोकसभा में ललन सिंह ने जिस अंदाज में इस बिल का समर्थन किया, उससे हम बेहद आहत हुए हैं।”
Mohammed Qasim Ansari Statement: उन्होंने आगे लिखा, “यह वक्फ बिल भारतीय मुसलमानों के खिलाफ है और इसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता। यह संविधान के कई मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और मुसलमानों को अपमानित करता है। साथ ही, यह बिल पसमांदा मुस्लिमों के खिलाफ भी है, लेकिन न तो आपको (नीतीश कुमार) और न ही आपकी पार्टी को इसका अहसास है।”