Terrorist attack in Pahalgam update, image source: social media
पहलगाम (जम्मू-कश्मीर): terrorist attack in Pahalgam update, दक्षिण कश्मीर के प्रमुख पर्यटन स्थल पहलगाम में बैसरन के घास के मैदानों में तब मदद के लिए चीख-पुकार मच गई, जब जम्मू-कश्मीर में हाल के वर्षों में आम लोगों पर हुए सबसे घातक आतंकवादी हमलों में से एक के बाद एक दर्जन से अधिक पर्यटक खून से लथपथ पड़े थे। भारी हथियारों से लैस आतंकवादी बैसरन की घाटी से निकले और करीब 40 पर्यटकों के समूह को घेर लिया। आतंकवादियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें कई लोग मारे गए और कम से कम 20 अन्य घायल हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि जैसे ही गोलियां चलनी शुरू हुईं, पर्यटन से आजीविका कमाने वाले मुट्ठी भर स्थानीय लोग जान बचाने के लिए भाग गए, जिससे पर्यटक बेबस होकर रह गए। एक महिला ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मेरे पति को सिर में गोली मारी गई… उन्हें मुसलमान न होने की वजह से गोली मारी गई। हमले में सात अन्य लोग घायल हुए हैं।’’ अपना नाम नहीं बताने वाली महिला ने घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की गुहार लगाई। महिला ने इस संवाददाता से बेतहाशा गुहार लगाई, ‘‘भैया प्लीज मेरे पति को बचा लो।’’
J&K : पहलगाम में आतंकी हमले में मारे गए कर्नाटक के मंजूनाथ की आखिरी Video
पत्नी पल्लवी ने एक चैनल को बताया– “मैंने आतंकियों से कहा, मेरे पति को मार दिया, मुझे भी मार दो”
इस पर आतंकी बोले– “तुम्हें नहीं मारेंगे, जाओ मोदी को बता दो” pic.twitter.com/ZlqUYiNEwg
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) April 22, 2025
अधिकारियों ने बताया कि चूंकि घास के मैदानों तक केवल पैदल या खच्चरों से ही पहुंचा जा सकता है, इसलिए अधिकारियों को घायलों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर बुलाना पड़ा। हालांकि, हेलीकॉप्टर के घटनास्थल पर पहुंचने से पहले ही स्थानीय लोगों ने कुछ घायलों को अपने खच्चरों पर लादकर नीचे उतार लिया था। स्थानीय पर्यटक गाइडों और टट्टूवालों ने जीवित बचे लोगों को सांत्वना दी, साथ ही उन्होंने घायल पर्यटकों को अपने कंधों पर उठाकर निकटतम वाहन योग्य स्थान तक पहुंचाने के लिए और लोगों को बुलाया। हमले की खबर फैलते ही पहलगाम की सड़कें और गलियां सुनसान हो गईं, क्योंकि बड़ी संख्या में आए पर्यटक शहर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए।
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मृतकों की संख्या का पता लगाया जा रहा है। उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘यह हमला हाल के वर्षों में आम लोगों पर हुए किसी भी हमले से कहीं बड़ा है।’’
वर्ष 2000 में पहलगाम स्थित अमरनाथ आधार शिविर पर हुए आतंकवादी हमले में 30 से अधिक लोग मारे गए थे और 60 अन्य घायल हुए थे। इसके एक वर्ष बाद शेषनाग में अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर हुए हमले में 13 लोग मारे गए थे और 15 अन्य घायल हुए थे, जबकि वर्ष 2002 में पहलगाम क्षेत्र में हुए एक अन्य हमले में 11 लोग मारे गए थे।
वर्ष 2017 में अमरनाथ यात्रा के दौरान एक आतंकी हमले में आठ तीर्थयात्री मारे गए थे। पिछले साल मई में पहलगाम के यन्नार में आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में राजस्थान का एक पर्यटक दंपति घायल हो गया था।
पहलगाम में हमले वाली जगह का एक वीडियो सामने आया है जिसमें कई लोग खून से लथपथ और जमीन पर बेसुध पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि महिला पर्यटक रोते हुए अपने प्रियजनों की तलाश कर रही हैं। कुछ लोग इतने स्तब्ध थे कि कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सके और स्थानीय लोग उनकी मदद कर रहे थे।
मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘मैं स्तब्ध हूं। हमारे आगंतुकों पर यह हमला घृणित है। इस हमले के अपराधी जानवर, अमानवीय हैं और घृणा के लायक हैं। इसकी निंदा के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।’’
हमला ऐसे समय में हुआ है जब सालों तक आतंकवाद से जूझने के बाद कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि देखी जा रही है। साथ ही, 38 दिवसीय अमरनाथ तीर्थयात्रा तीन जुलाई से शुरू होनी है।
देश भर से लाखों तीर्थयात्री दो मार्गों से पवित्र गुफा मंदिर की यात्रा करते हैं। एक मार्ग दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा पहलगाम मार्ग है जबकि दूसरा मार्ग गंदेरबल जिले में 14 किलोमीटर का छोटा बालटाल मार्ग है जहां खड़ी चढ़ाई है। बैसरन पहलगाम में एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह उन पर्वतारोहियों के लिए शिविर स्थल भी है जो तुलियन झील तक जाते हैं।
read more: पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार शनिवार सुबह 10 बजे होगा, बुधवार से लोग कर सकेंगे अंतिम दर्शन