तेज हवाओं के चलते एक्यूआई में सुधार, दिल्ली ने 13 दिनों बाद राहत की सांस ली

तेज हवाओं के चलते एक्यूआई में सुधार, दिल्ली ने 13 दिनों बाद राहत की सांस ली

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  • Publish Date - December 24, 2025 / 09:36 PM IST,
    Updated On - December 24, 2025 / 09:36 PM IST

नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (भाषा) करीब दो सप्ताह तक खतरनाक ‘स्मॉग’ झेलने के बाद तेज हवाओं के असर से बुधवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया गया और यह ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गई।

हालांकि, आगे चलकर वायु गुणवत्ता का स्तर फिर से बिगड़ने की आशंका जताई गई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बुधवार को 271 रहा, जो मंगलवार शाम चार बजे ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज ‘412’ से काफी बेहतर है।

दिल्ली में इससे पहले 10 दिसंबर को वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई थी, जिसके बाद कई दिनों तक यह ‘बहुत खराब’ और ‘गंभीर’ स्तर पर बनी रही और अब फिर से इसमें सुधार देखा गया है।

अधिकारियों के मुताबिक, अनुकूल मौसम परिस्थितियों, खासकर दिन के समय 15 से 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली सतही हवाओं, ने वायु गुणवत्ता में सुधार में मदद की।

इस दौरान मुख्य रूप से उत्तर-पश्चिम दिशा से हवाएं चलीं, जिनकी रफ्तार दोपहर के समय 20 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई।

वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के अनुसार, शाम और रात के दौरान पश्चिम दिशा से आने वाली हवा की गति घटकर 10 किमी प्रति घंटे से कम होने की उम्मीद है।

शहर में कार्यरत 40 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों में से चार केंद्रों – लोधी रोड, आईआईटी दिल्ली, आईजीआई हवाई अड्डा और आया नगर ने 200 से नीचे ‘मध्यम’ एक्यूआई स्तर दर्ज किया, जबकि 33 केंद्र खराब श्रेणी में थे।

सीपीसीबी के समीर ऐप के अनुसार, केवल दो स्टेशनों – नेहरू नगर और द्वारका – में ही 300 से ऊपर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में एक्यूआई दर्ज किया गया।

सीपीसीबी के मानकों के अनुसार, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच को ‘गंभीर’ माना जाता है।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्णय समर्थन प्रणाली (डीएसएस) के आंकड़ों से पता चला है कि बुधवार को दिल्ली के प्रदूषण भार में वाहनों से होने वाला उत्सर्जन सबसे बड़ा योगदानकर्ता था, जो 17.5 प्रतिशत था।

इसके बाद दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में उद्योग का 8.6 प्रतिशत, निर्माण गतिविधियां का 2.4 प्रतिशत और कचरा जलाने का 1.3 प्रतिशत योगदान रहा।

आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा के झज्जर का प्रदूषण में सबसे बड़ा योगदान रहा, जो 12 प्रतिशत था। इसके बाद सोनीपत का 6.5 प्रतिशत और रोहतक का 5.4 प्रतिशत योगदान रहा।

हालांकि, वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के अनुसार, अगले छह दिनों में दिल्ली की वायु गुणवत्ता फिर से ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की जा सकती है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, बुधवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान 22.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से दो डिग्री अधिक था और न्यूनतम तापमान 10.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 2.7 डिग्री अधिक था।

सुबह साढ़े आठ बजे सापेक्ष आर्द्रता 100 प्रतिशत थी और शाम साढ़े पांच बजे यह 78 प्रतिशत थी।

मौसम विज्ञान विभाग ने बृहस्पतिवार को क्रिसमस के दिन न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान जताया है। सुबह के समय कई स्थानों पर हल्की से मध्यम धुंध छाई रहेगी, जिसके बाद आसमान साफ रहेगा।

भाषा

राखी माधव

माधव