Waqf Amendment Bill 2025: राहुल गांधी से नाराज हैं मुस्लिम समुदाय!.. वक़्फ़ संशोधन बिल पर बहस के दौरान नहीं थे संसद में मौजूद

CPI सांसद पी. संतोष कुमार ने बिल पर आपत्ति जताते हुए कहा, "हम इस विधेयक का विरोध करते हैं। सरकार इसे हिंदू, मुस्लिम और ईसाई समुदाय के बीच का मुद्दा बनाना चाहती है।

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  • Publish Date - April 3, 2025 / 04:04 PM IST,
    Updated On - April 3, 2025 / 04:17 PM IST

Are Muslims angry with Rahul Gandhi? || Image- IBC24 News File

HIGHLIGHTS
  • वक्फ संशोधन विधेयक 2025 लोकसभा में बहस के बाद पारित।
  • राहुल गांधी की गैर-मौजूदगी पर मुस्लिम समुदाय में नाराजगी!
  • सरकार का दावा – बिल गरीब मुसलमानों के लिए फायदेमंद।

Are Muslims angry with Rahul Gandhi?: नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर संसद में जोरदार बहस हुई। 12 घंटे से अधिक समय तक चली चर्चा के बाद लोकसभा ने देर रात इस विधेयक को मंजूरी दे दी। वोटिंग में 288 सांसदों ने बिल के पक्ष में और 232 ने विरोध में मतदान किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने वोटिंग करवाई और विधेयक पास हो गया।

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राहुल गांधी की गैर-मौजूदगी से मुस्लिम समुदाय नाराज?

इस चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता राहुल गांधी सदन में मौजूद नहीं थे। वह देर रात 10 बजे पहुंचे, जिसके बाद उनकी गैर-मौजूदगी पर सवाल उठने लगे। मुस्लिम स्कॉलर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने इसे लेकर नाराजगी जताई।

Are Muslims angry with Rahul Gandhi?: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद ने कहा, “हमें उम्मीद थी कि टीडीपी और जेडीयू मुसलमानों के साथ खड़े होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि राहुल गांधी ने वक्फ जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर लोकसभा में कोई बयान नहीं दिया। इससे मुस्लिम समुदाय में निराशा हुई है। कांग्रेस को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।”

देंगे न्यायालय में चुनौती

मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने यह भी कहा कि अगर राज्यसभा वक्फ (संशोधन) विधेयक पास करती है, तो वे इसे अदालत में चुनौती देंगे। मौलाना महली ने कहा, “अगर यह विधेयक राज्यसभा में भी पास होता है, तो हम इसे अदालत में लेकर जाएंगे। हमें पूरा भरोसा है कि संविधान के आधार पर हमें न्याय और राहत जरूर मिलेगी।”

जेडीयू और टीडीपी से थी उम्मीद

उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) और चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी से उम्मीद थी कि वे इस विधेयक का विरोध करेंगे क्योंकि उनके राज्यों में मुस्लिम समुदाय का समर्थन उन्हें मिलता रहा है। “हमें उम्मीद थी कि जेडीयू और टीडीपी इस बिल के खिलाफ खड़े होंगे। हमें यह भी लगता है कि विपक्ष को इस विधेयक का विरोध और ज्यादा तथ्यों और आंकड़ों के साथ करना चाहिए था। विपक्ष ने आपत्तियां तो जताईं, लेकिन उन्हें इसे और मजबूत तरीके से रखना चाहिए था।”

विपक्ष को और मजबूत तर्क देने चाहिए थे

मौलाना महली ने कहा कि विपक्ष के सदस्यों ने अपनी बात रखी, लेकिन उन्हें और ठोस तथ्यों के साथ इसका विरोध करना चाहिए था।

इससे पहले, गौरव गोगोई और असदुद्दीन ओवैसी ने बिल में संशोधन का प्रस्ताव रखा था, लेकिन सभी संशोधन खारिज कर दिए गए। अब यह बिल राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जहां फिर से बहस की संभावना है।

गरीब मुसलमानों के लिए बिल: रामदास अठावले

Are Muslims angry with Rahul Gandhi?: लोकसभा में बिल पारित होने के बाद केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा, “यह बिल मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। लोकसभा में इसे 288 वोटों से पास किया गया है। यह बिल गरीब मुसलमानों को न्याय देने के लिए लाया गया है। राज्यसभा में भी यह पास होगा। मोदी सरकार ने बहुत बड़ा और क्रांतिकारी कदम उठाया है।”

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CPI का विरोध: ‘संविधान विरोधी बिल’

CPI सांसद पी. संतोष कुमार ने बिल पर आपत्ति जताते हुए कहा, “हम इस विधेयक का विरोध करते हैं। सरकार इसे हिंदू, मुस्लिम और ईसाई समुदाय के बीच का मुद्दा बनाना चाहती है। यह संविधान के खिलाफ है।” बहरहाल अब देखना होगा कि राज्यसभा में यह बिल कितनी आसानी से पास होता है या फिर इसे लेकर नया विवाद खड़ा होता है।

1. वक्फ संशोधन विधेयक 2025 क्या है?

वक्फ संशोधन विधेयक 2025 वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और उपयोग से संबंधित कानून में बदलाव करता है। सरकार का दावा है कि यह गरीब मुस्लिम समुदाय के हितों की रक्षा के लिए लाया गया है, जबकि विपक्ष इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों के खिलाफ बता रहा है।

2. क्या मुस्लिम समुदाय राहुल गांधी से नाराज़ है?

राहुल गांधी की लोकसभा में गैर-मौजूदगी को लेकर कुछ मुस्लिम नेताओं ने नाराजगी जताई है। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली सहित कई मुस्लिम विद्वानों का मानना है कि राहुल गांधी को इस महत्वपूर्ण विधेयक पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए था।

3. क्या यह विधेयक राज्यसभा में भी पास हो सकता है?

लोकसभा में 288-232 के अंतर से पास होने के बाद यह विधेयक अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा। यहां फिर से बहस होने की संभावना है, और विपक्ष इसके खिलाफ आवाज उठा सकता है। हालांकि, सरकार को उम्मीद है कि यह बिल राज्यसभा में भी पारित हो जाएगा।