ईटानगर, 31 मार्च (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि राज्य ने 2016 से तेजी से विकास किया है। उन्होंने इसका श्रेय सरकार की ‘‘सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन’’ की नीतियों को दिया।
पश्चिम कामेंग जिले के शेरगांव में रविवार को विकास से जुड़ी बैठक में खांडू ने उनके 2016 में पदभार ग्रहण करने के बाद से सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी), राज्य बजट, प्रति व्यक्ति आय, माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह और राज्य के स्वामित्व वाले संसाधनों में महत्वपूर्ण प्रगति को रेखांकित किया।
खांडू ने कहा, ‘‘सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन अरुणाचल प्रदेश को त्वरित विकास के पथ पर ले जा रहे हैं।’’ उन्होंने 2016 से जीएसडीपी में 135 प्रतिशत की वृद्धि पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि राज्य का बजट 2016 में 12,500 करोड़ रुपये से बढ़कर 2025 में 40,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।
सोमवार को एक आधिकारिक बयान में खांडू के हवाले से कहा गया, ‘‘अगर हम 2016 और 2025 की तुलना करें तो हमारी प्रति व्यक्ति आय में 105 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जीएसटी संग्रह में 584 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। राज्य के स्वामित्व वाले संसाधन 2016 में सिर्फ 900 करोड़ रुपये थे, जो इस साल बढ़कर 40,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गए हैं।’’
मुख्यमंत्री ने पिछले आठ-नौ वर्षों में हासिल किए गए विकासात्मक कदमों के लिए अपने मंत्रिमंडल, विधायकों, पंचायत सदस्यों, मुख्य सचिव और जिला अधिकारियों सहित सभी हितधारकों का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हम भाग्यशाली हैं कि हमें नरेन्द्र मोदी जैसा प्रधानमंत्री मिला है, जो मानते हैं कि भारत की प्रगति पूर्वोत्तर की प्रगति से जुड़ी हुई है।’’
‘टीम अरुणाचल’ से प्रगति की गति बनाए रखने का आग्रह करते हुए खांडू ने इस बात पर जोर दिया कि अरुणाचल प्रदेश अब राष्ट्रीय चर्चा के केंद्र में है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसका कारण तीन देशों के साथ हमारी अंतरराष्ट्रीय सीमाएं ही नहीं हैं बल्कि हमारी क्षमताएं और सभी क्षेत्रों में विकास की गति भी है।’’
सड़क संपर्क को प्रगति का मुख्य चालक बताते हुए खांडू ने कहा कि 2016 से ग्रामीण संपर्क में 251 प्रतिशत और राष्ट्रीय राजमार्गों में 143 प्रतिशत का विस्तार हुआ है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ओकेएसआरटी (ओरंग-कलाकटंग-शेरगांव-रूपा-टेंगा) सड़क के पुनर्निर्माण को मंजूरी दे दी है, जिससे बालेमू-कलाकटंग की दूरी 50 किलोमीटर से घटकर लगभग 19.2 किलोमीटर रह गई है।
भाषा सुरभि संतोष
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