ओडिशा के महाधिवक्ता ने महानदी विवाद को ‘राजनीतिक’ बताया, बीजद ने किया पलटवार

ओडिशा के महाधिवक्ता ने महानदी विवाद को ‘राजनीतिक’ बताया, बीजद ने किया पलटवार

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  • Publish Date - September 26, 2025 / 10:35 AM IST,
    Updated On - September 26, 2025 / 10:35 AM IST

भुवनेश्वर, 26 सितंबर (भाषा) ओडिशा के महाधिवक्ता पीताम्बर आचार्य ने महानदी जल विवाद को राजनीतिक करार दिया और उम्मीद जताई कि यह विवाद बातचीत के जरिए अदालत के बाहर सुलझा लिया जाएगा।

नदीजल के बंटवारे को लेकर ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच विवाद 2018 से महानदी जल विवाद न्यायाधिकरण (एमडब्ल्यूडीटी) के समक्ष लंबित है।

आचार्य ने बृहस्पतिवार को भुवनेश्वर में आगामी राष्ट्रीय मध्यस्थता सम्मेलन पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि महानदी जल विवाद को बातचीत के माध्यम से अदालत के बाहर सुलझाया जा सकता है और ओडिशा सरकार इस दिशा में सभी प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत के इतिहास में कोई भी जल न्यायाधिकरण इस विवाद को सुलझाने में कभी सफल नहीं रहा। पिछली सरकार ने इस विवाद पर प्रमुख कानूनी विशेषज्ञों की मदद से 33 करोड़ रुपये खर्च किए थे, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।’’

आचार्य ने कहा कि यह एक ‘‘राजनीतिक विवाद’’ है जिसका समाधान कानूनी तरीकों से नहीं, बल्कि राजनीतिक तरीके से होना चाहिए।

आचार्य के बयान की आलोचना करते हुए विपक्षी दल बीजू जनता दल (बीजद) ने आरोप लगाया कि यह बयान केवल राजनीतिक सनसनी फैलाने के लिए है।

बीजद प्रवक्ता लेनिन मोहंती ने दावा किया, ‘‘इस टिप्पणी से अटॉर्नी जनरल के पद की गरिमा को ठेस पहुंची है। अटॉर्नी जनरल का पद एक संवैधानिक पद है और इस पद पर आसीन व्यक्ति आमतौर पर राजनीतिक बयान देने से बचते हैं। आज का बयान स्पष्ट रूप से राजनीति से प्रेरित है, जिसका उद्देश्य केवल पिछली सरकार पर आरोप लगाना है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है।’’

भाषा गोला शोभना

शोभना